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बिहार के अस्पताल का हाल: बीमार बेटे को लेकर दिनभर PMCH में भटकता रहा पिता, फिर भी नहीं मिला इलाज - elpless father wandered whole day IN PMCH

कोरोना संकट के बीच बिहार के अस्पतालों की दुर्दशा हर दिन सामने आ रही है. कुव्यवस्था का शिकार होकर गरीब आदमी अपने बच्चे का इलाज भी नहीं करा पा रहा है. एक ऐसी ही तस्वीर शुक्रवार को पीएमसीएच में देखने मिली. पढ़ें पूरी खबर..

PMCH का हाल बेहाल
PMCH का हाल बेहाल
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Published : Jun 12, 2021, 8:36 AM IST

पटना: बिहार में कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किस तरह बिगड़ा है. इसका नजारा शुक्रवार को राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) में देखने को मिला. यहां सुबह से एक लाचार पिता अपने डेढ़ साल के बच्चे को गोद में लेकर इलाज के लिए दर-दर भटकता रहा. अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी उसे एक वार्ड से दूसरे वार्ड में टहलाते रहे और आखिरकार बच्चे का इलाज नहीं हुआ. थक हाकर पिता को घर लौटना पड़ा.

यह भी पढ़ें- PMCH में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए नहीं है सर्जरी की सुविधा

दिनभर भटकता रहा पिता नहीं हुआ बच्चे का इलाज
अपने डेढ़ साल के बच्चे के साथ सीतामढ़ी से आये सलाउद्दीन ने बताया कि उनका घर नेपाल बॉर्डर के पास है. वे 300 किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर पीएमसीएच अपने बच्चे का इलाज कराने पहुंचे थे. बड़ी उम्मीद थी कि यहां मेरे बच्चे का इलाज हो जाएगा. लेकिन यहां की व्यवस्था से वह बहुत क्षुब्ध हैं. पिछले साल अजहान को पीएमसीएच में दिखाया था. बच्चे के सिटी स्कैन में सिर में पानी डिटेक्ट हुआ है. तब बताया गया था कि सिर में पानी भर गया है. लॉकडाउन होने की वजह से दोबारा दिखा नहीं पाए और करीब 1 महीना बाद दोबारा दिखाने पहुंचे हैं.

देखें वीडियो

'जब यहां पहुंचे हैं तो उन्हें कभी न्यूरो तो कभी मेडिसिन वार्ड में भेजा जा रहा है. वहां से शिशु वार्ड भेज दिया जा रहा है. शिशु वार्ड से बताया गया कि न्यूरो के डॉक्टर ही इसको देखेंगे और इसके लिए कोई गंभीर सर्जरी नहीं करनी है. सुबह से पीएमसीएच के इन सभी वार्डों में तीन से चार बार चक्कर काट चुका है. अब समय भी खत्म हो गया मगर बच्चे का किसी ने इलाज नहीं किया गया. अब उन्हें यहां से आईजीआईएमएस रेफर किया जा रहा है. स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि आईजीआईएमएस में जब कोरोना का इलाज खत्म हो जाएगा, तब वहां जाकर बच्चे को दिखा लें. बीती रात को ही पीएमसीएच पहुंचे. रात भर यहां रहा फिर भी बच्चे का इलाज नहीं हुआ. :- सलाउद्दीन, बच्चे के पिता

बच्चे का सिर तेजी से फूल रहा
सलाउद्दीन ने बताया कि पानी होने की वजह से उनके 1 साल के बच्चे का सिर काफी तेजी से फूल रहा है. उसका सिर बड़ा हो गया है. बच्चे को काफी बुखार भी रहता है. वह सही से खेल नहीं पाता और हमेशा उसकी आंख बंद होने लगती है. जिस उम्मीद के साथ यहां आये थे ऐसा कुछ यहां नजर नहीं आया और अब काफी निराशा हो रहे हैं. यह समझ में नहीं आ रहा है कि अब जाएं तो कहां जाएं और रात भर बच्चे को लेकर कहां रहे. उन्होंने बताया कि बच्चे की मां गांव में हैं.

PMCH में बच्चे का नहीं हुआ इलाज
PMCH में बच्चे का नहीं हुआ इलाज

'ऐसे में इलाज में देरी की वजह से अगर बच्चे को कुछ होता है. तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. ओपीडी में जब डॉक्टर कह रहे हैं कि कोई बड़ी सर्जरी नहीं करनी है. फिर अस्पताल के न्यूरो चिकित्सक बच्चे का इलाज क्यों नहीं कर रहे हैं. ' :- सलाउद्दीन, बच्चे के पिता

इसे भी पढ़ें : PMCH में नहीं हो रही ब्लैक फंगस की सर्जरी, डॉक्टर दे रहे 'बाहर से ऑपरेशन कराने की सलाह'

अस्पताल अधीक्षक ने जानकारी से किया इनकार
इस मामले को लेकर जब हमने पीएमसीएच के अधीक्षक का पक्ष जानने की कोशिश की तो उन्होंने मिलने और किसी प्रकार की कोई जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया. बताते चलें कि बीते दिनों पीएमसीएच के शिशु वार्ड से खबर आई थी कि लाचार मां बीमार बच्चे को ट्रॉली से खुद ही खींचकर एक्स-रे रूम तक ले जा रही है. हाल के दिनों में इस प्रकार के शर्मसार करने वाले कई मामले पीएमसीएच में सामने आए हैं. ऐसे में ये साफ समझा जा सकता है कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल का ये हाल है तो बाकी अस्पतालों की स्थिति क्या होगी.

पटना: बिहार में कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किस तरह बिगड़ा है. इसका नजारा शुक्रवार को राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) में देखने को मिला. यहां सुबह से एक लाचार पिता अपने डेढ़ साल के बच्चे को गोद में लेकर इलाज के लिए दर-दर भटकता रहा. अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी उसे एक वार्ड से दूसरे वार्ड में टहलाते रहे और आखिरकार बच्चे का इलाज नहीं हुआ. थक हाकर पिता को घर लौटना पड़ा.

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दिनभर भटकता रहा पिता नहीं हुआ बच्चे का इलाज
अपने डेढ़ साल के बच्चे के साथ सीतामढ़ी से आये सलाउद्दीन ने बताया कि उनका घर नेपाल बॉर्डर के पास है. वे 300 किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर पीएमसीएच अपने बच्चे का इलाज कराने पहुंचे थे. बड़ी उम्मीद थी कि यहां मेरे बच्चे का इलाज हो जाएगा. लेकिन यहां की व्यवस्था से वह बहुत क्षुब्ध हैं. पिछले साल अजहान को पीएमसीएच में दिखाया था. बच्चे के सिटी स्कैन में सिर में पानी डिटेक्ट हुआ है. तब बताया गया था कि सिर में पानी भर गया है. लॉकडाउन होने की वजह से दोबारा दिखा नहीं पाए और करीब 1 महीना बाद दोबारा दिखाने पहुंचे हैं.

देखें वीडियो

'जब यहां पहुंचे हैं तो उन्हें कभी न्यूरो तो कभी मेडिसिन वार्ड में भेजा जा रहा है. वहां से शिशु वार्ड भेज दिया जा रहा है. शिशु वार्ड से बताया गया कि न्यूरो के डॉक्टर ही इसको देखेंगे और इसके लिए कोई गंभीर सर्जरी नहीं करनी है. सुबह से पीएमसीएच के इन सभी वार्डों में तीन से चार बार चक्कर काट चुका है. अब समय भी खत्म हो गया मगर बच्चे का किसी ने इलाज नहीं किया गया. अब उन्हें यहां से आईजीआईएमएस रेफर किया जा रहा है. स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि आईजीआईएमएस में जब कोरोना का इलाज खत्म हो जाएगा, तब वहां जाकर बच्चे को दिखा लें. बीती रात को ही पीएमसीएच पहुंचे. रात भर यहां रहा फिर भी बच्चे का इलाज नहीं हुआ. :- सलाउद्दीन, बच्चे के पिता

बच्चे का सिर तेजी से फूल रहा
सलाउद्दीन ने बताया कि पानी होने की वजह से उनके 1 साल के बच्चे का सिर काफी तेजी से फूल रहा है. उसका सिर बड़ा हो गया है. बच्चे को काफी बुखार भी रहता है. वह सही से खेल नहीं पाता और हमेशा उसकी आंख बंद होने लगती है. जिस उम्मीद के साथ यहां आये थे ऐसा कुछ यहां नजर नहीं आया और अब काफी निराशा हो रहे हैं. यह समझ में नहीं आ रहा है कि अब जाएं तो कहां जाएं और रात भर बच्चे को लेकर कहां रहे. उन्होंने बताया कि बच्चे की मां गांव में हैं.

PMCH में बच्चे का नहीं हुआ इलाज
PMCH में बच्चे का नहीं हुआ इलाज

'ऐसे में इलाज में देरी की वजह से अगर बच्चे को कुछ होता है. तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. ओपीडी में जब डॉक्टर कह रहे हैं कि कोई बड़ी सर्जरी नहीं करनी है. फिर अस्पताल के न्यूरो चिकित्सक बच्चे का इलाज क्यों नहीं कर रहे हैं. ' :- सलाउद्दीन, बच्चे के पिता

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अस्पताल अधीक्षक ने जानकारी से किया इनकार
इस मामले को लेकर जब हमने पीएमसीएच के अधीक्षक का पक्ष जानने की कोशिश की तो उन्होंने मिलने और किसी प्रकार की कोई जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया. बताते चलें कि बीते दिनों पीएमसीएच के शिशु वार्ड से खबर आई थी कि लाचार मां बीमार बच्चे को ट्रॉली से खुद ही खींचकर एक्स-रे रूम तक ले जा रही है. हाल के दिनों में इस प्रकार के शर्मसार करने वाले कई मामले पीएमसीएच में सामने आए हैं. ऐसे में ये साफ समझा जा सकता है कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल का ये हाल है तो बाकी अस्पतालों की स्थिति क्या होगी.

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