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बोले सीएम नीतीश- 'बढ़े 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा, OBC-EBC को आबादी के हिसाब से मिले रिजर्वेशन' - सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से गरीब

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले को ठीक कहा. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने 50 फीसदी वाले आरक्षण के दायरे को बढ़ाने की मांग की. उन्होंने कहा कि एससी-एसटी को उनकी आबादी के हिसाब से आरक्षण मिल रहा है लेकिन ओबीसी और ईबीसी के को मिल रहा आरक्षण उनकी आबादी के मुताबिक नहीं है. इस स्थिति को जानने के लिए जातीय जनगणना की विशेष जरूरत है.

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सीएम नीतीश की डिमांड, कह दी ओबीसी आरक्षण के लिए यह बड़ी बात
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Published : Nov 8, 2022, 3:09 PM IST

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सामान्य कमजोर वर्ग के आरक्षण (Economically Weaker Sections) को लेकर बड़ा बयान दिया है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से अभी हाल ही में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से गरीब लोगों के लिए 10% आरक्षण बरकरार रखने का फैसला दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छी बात है लेकिन 50% जो आरक्षण की सीमा है उसे भी बढ़ाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- SC verdict on EWS reservation : भाजपा ने किया स्वागत, कुछ ने असहमति भी जताई

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि SC-ST वर्ग के लोगों को उनकी आबादी के अनुसार आरक्षण मिल जाता है. लेकिन पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को उनकी आबादी के अनुसार आरक्षण नहीं मिलता है. हम लोग तो बिहार में जातीय जनगणना करा रहे हैं और उसमें उनकी आर्थिक स्थिति का भी अध्ययन होगा और उसके हिसाब से सब को मदद की जाएगी.

''सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया वो ठीक ही है. लेकिन एक बार जातीय जनगणना अच्छे से हो जाए तो जो SC-ST आबादी को उनके हिसाब से आरक्षण दिया जा रहा है, लेकिन जो पिछड़ा वर्ग अति पिछड़ा वर्ग को आबादी के हिसाब से आरक्षण नहीं मिल पाता है. ये 10% बढ़ गया बहुत अच्छा है. लेकिन जो ये 50 प्रतिशत का लिमिटेशन है उसे बढ़ना चाहिए. इसलिए पूरे देश में जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं कि जिनकी जितनी आबादी है उस हिसाब से मदद दी जाए''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

देश में जातीय जनगणना कराने की मांग कर रहे थे लेकिन नहीं हुआ. जो 50% आरक्षण की सीमा निर्धारित है उसे भी बढ़ाने की जरूरत है. मुख्यमंत्री आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के 15 वें स्थापना दिवस समारोह में अधिवेशन भवन में भाग लेने आए थे और मीडिया से बातचीत करते हुए बड़ा बयान दिया है.

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सामान्य कमजोर वर्ग के आरक्षण (Economically Weaker Sections) को लेकर बड़ा बयान दिया है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से अभी हाल ही में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से गरीब लोगों के लिए 10% आरक्षण बरकरार रखने का फैसला दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छी बात है लेकिन 50% जो आरक्षण की सीमा है उसे भी बढ़ाना चाहिए.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि SC-ST वर्ग के लोगों को उनकी आबादी के अनुसार आरक्षण मिल जाता है. लेकिन पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को उनकी आबादी के अनुसार आरक्षण नहीं मिलता है. हम लोग तो बिहार में जातीय जनगणना करा रहे हैं और उसमें उनकी आर्थिक स्थिति का भी अध्ययन होगा और उसके हिसाब से सब को मदद की जाएगी.

''सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया वो ठीक ही है. लेकिन एक बार जातीय जनगणना अच्छे से हो जाए तो जो SC-ST आबादी को उनके हिसाब से आरक्षण दिया जा रहा है, लेकिन जो पिछड़ा वर्ग अति पिछड़ा वर्ग को आबादी के हिसाब से आरक्षण नहीं मिल पाता है. ये 10% बढ़ गया बहुत अच्छा है. लेकिन जो ये 50 प्रतिशत का लिमिटेशन है उसे बढ़ना चाहिए. इसलिए पूरे देश में जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं कि जिनकी जितनी आबादी है उस हिसाब से मदद दी जाए''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

देश में जातीय जनगणना कराने की मांग कर रहे थे लेकिन नहीं हुआ. जो 50% आरक्षण की सीमा निर्धारित है उसे भी बढ़ाने की जरूरत है. मुख्यमंत्री आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के 15 वें स्थापना दिवस समारोह में अधिवेशन भवन में भाग लेने आए थे और मीडिया से बातचीत करते हुए बड़ा बयान दिया है.

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