ETV Bharat / state

बाढ़ बचाव कार्य को लेकर CM करेंगे हाईलेवल मीटिंग, नेपाल को लेकर भी होगी चर्चा

author img

By

Published : Jun 23, 2020, 10:04 AM IST

Updated : Jun 23, 2020, 12:34 PM IST

भारत नेपाल के बीच सीमा विवाद गहराता जा रहा है. इसी बीच नेपाल ने पूर्वी चंपारण के लाल बकेया नदी पर निर्माणधीन तटबंध के काम पर रोक लगा दी है. जिससे बिहार के कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.

Patna
Patna

पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक अणे मार्ग में मंगलवार को बाढ़ की तैयारी को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक करेंगे. नेपाल की ओर से बचाव कार्य में अवरोध पैदा किए जाने के बाद बिहार के कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. सीएम की एक सप्ताह में यह दूसरी बैठक होगी.

सभी अधिकारी रहेंगे मौजूद
नेपाल की ओर से बाढ़ बचाव कार्य रोके जाने के बाद आगे कुछ क्या कुछ किया जा सकता है. उसकी रणनीति पर सीएम आज चर्चा करेंगे. बैठक में जल संसाधन मंत्री संजय झा और सभी आला अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.

बाढ़ को लेकर चिंता
जल संसाधन मंत्री संजय झा ने भी नेपाल की ओर से बाढ़ बचाव कार्य रोके जाने पर कई जिलों में बाढ़ को लेकर चिंता जाहिर की थी. साथ ही केंद्र को इस मसले पर भी पत्र भेजने की जानकारी दी थी.

केंद्र से बातचीत कर सकते हैं सीएम
संजय झा ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ लगातार बिहार सरकार संपर्क में है. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र सरकार से खुद बातचीत भी कर सकते हैं. मुख्यमंत्री ने सोमवार को हुई बैठक में कहा था कि मानसून का आगमन हो चुका है. कोविड-19 के साथ-साथ हमें संभावित बाढ़ से भी जूझना पड़ सकता है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि दोनों चुनौतियों के लिए अभी से पूरी तैयारी रखी जाए. हम लोगों ने हर चुनौती का मिल-जुलकर सफलतापूर्वक सामना किया है.

अधिकारियों को अलर्ट जारी
बता दें कि भारत नेपाल के बीच सीमा विवाद गहराता जा रहा है. इसी बीच नेपाल ने पूर्वी चंपारण के लाल बकेया नदी पर निर्माणधीन तटबंध के काम पर रोक लगा दी है. जिससे बिहार के कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. जिसके बाद बागमती और गंडक नदी की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है.

नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी
गंडक बराज के 36 गेट हैं. जिसमें से 18 भारत और 18 नेपाल में हैं. नेपाल सरकार ने अपने हिस्से में पड़ने वाले 18 गेट की मरम्मती पर रोक लगा दी है. जिससे तटबंध का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है. वहीं, उत्तर भारत की नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.

बढ़ गया बाढ़ का खतरा
बकेया नदी के तटबंध के काम पर रोक लगने के बाद राज्य के मुजफ्फरपुर, पूवी चंपारण, पश्चिम चंपारण, दरभंगा, खगड़िया, शिवहर, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, वैशाली, गोपालगंज और सारण में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.

पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक अणे मार्ग में मंगलवार को बाढ़ की तैयारी को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक करेंगे. नेपाल की ओर से बचाव कार्य में अवरोध पैदा किए जाने के बाद बिहार के कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. सीएम की एक सप्ताह में यह दूसरी बैठक होगी.

सभी अधिकारी रहेंगे मौजूद
नेपाल की ओर से बाढ़ बचाव कार्य रोके जाने के बाद आगे कुछ क्या कुछ किया जा सकता है. उसकी रणनीति पर सीएम आज चर्चा करेंगे. बैठक में जल संसाधन मंत्री संजय झा और सभी आला अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.

बाढ़ को लेकर चिंता
जल संसाधन मंत्री संजय झा ने भी नेपाल की ओर से बाढ़ बचाव कार्य रोके जाने पर कई जिलों में बाढ़ को लेकर चिंता जाहिर की थी. साथ ही केंद्र को इस मसले पर भी पत्र भेजने की जानकारी दी थी.

केंद्र से बातचीत कर सकते हैं सीएम
संजय झा ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ लगातार बिहार सरकार संपर्क में है. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र सरकार से खुद बातचीत भी कर सकते हैं. मुख्यमंत्री ने सोमवार को हुई बैठक में कहा था कि मानसून का आगमन हो चुका है. कोविड-19 के साथ-साथ हमें संभावित बाढ़ से भी जूझना पड़ सकता है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि दोनों चुनौतियों के लिए अभी से पूरी तैयारी रखी जाए. हम लोगों ने हर चुनौती का मिल-जुलकर सफलतापूर्वक सामना किया है.

अधिकारियों को अलर्ट जारी
बता दें कि भारत नेपाल के बीच सीमा विवाद गहराता जा रहा है. इसी बीच नेपाल ने पूर्वी चंपारण के लाल बकेया नदी पर निर्माणधीन तटबंध के काम पर रोक लगा दी है. जिससे बिहार के कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. जिसके बाद बागमती और गंडक नदी की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है.

नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी
गंडक बराज के 36 गेट हैं. जिसमें से 18 भारत और 18 नेपाल में हैं. नेपाल सरकार ने अपने हिस्से में पड़ने वाले 18 गेट की मरम्मती पर रोक लगा दी है. जिससे तटबंध का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है. वहीं, उत्तर भारत की नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.

बढ़ गया बाढ़ का खतरा
बकेया नदी के तटबंध के काम पर रोक लगने के बाद राज्य के मुजफ्फरपुर, पूवी चंपारण, पश्चिम चंपारण, दरभंगा, खगड़िया, शिवहर, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, वैशाली, गोपालगंज और सारण में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.

Last Updated : Jun 23, 2020, 12:34 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.