पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने बुधवार को 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प भवन में कई विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें आपदा प्रबंधन विभाग, जल संसाधन विभाग एवं कृषि विभाग के पदाधिकारी मौजूद रहे. बैठक के दौरान सीएम ने पिछले दो दिनों में हुई बारिश से फसलों को पहुंची क्षति की जानकारी ली. इस दौरान जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, कृषि विभाग के सचिव एन. सरवन कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने अपने-अपने विभागों की जानकारी दी.
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समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 5-6 माह से लगातार बारिश हुई है. राज्य में इस मॉनसून अवधि के दौरान चार चरणों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई. बाढ़ के दौरान राहत एवं बचाव कार्य पूरी मुस्तैदी के साथ किया गया. उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर के पहले सभी जगह की रिपोर्ट लेकर फसल क्षति का आकलन किया गया और बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा दिया जा रहा है. पिछले 2-3 दिनों में हुई वर्षा से फसल क्षति का सभी लोग एक बार फिर से आकलन कर लें. कोई भी प्रभावित क्षेत्र नहीं छूटे. सभी गांवों में हुई फसल क्षति की रिपोर्ट मंगा लें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संसाधन विभाग को दो भागों में बांटा गया है, ताकि सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण का कार्य ठीक ढंग से किया जा सके. सिंचाई कार्य को ठीक से देखने के साथ-साथ जल संसाधन विभाग बाढ़ से बचाव के स्थायी समाधान के लिए कार्य करे. जिन नदियों के किनारे तटबंधों का निर्माण शेष है, उसे जल्द पूरा करें. नदियों की उड़ाही के लिए योजना बनाकर काम करें.
इसके साथ ही छोटी-छोटी नदियों को भी कनेक्ट करने की योजना बनाएं ताकि जल संरक्षण हो सके और उससे किसान सिचाई कर सकें. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की लगभग 74 प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार कृषि है. हमलोगों ने कृषि के क्षेत्र में कई कार्य किए हैं. जिससे फसलों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ी है. अधिप्राप्ति का काम भी अच्छे से हो रहा है. लोगों की आमदनी बढ़ी है.
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