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म्यूजियम बिनाले में बोले सीएम नीतीश, 'बिहार म्यूजियम पूरे देश की धरोहर'

बिहार म्यूजियम के ओरिएंटेशन थिएटर में आयोजित बिहार म्यूजियम विनाले-2021 कार्यक्रम में मुख्यमंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बिहार, इंडिया एंड द वर्ल्ड: सेलिब्रेटिंग म्यूजियम कलेक्शन और बिहार म्यूजियम गाइड पुस्तक का विमोचन किया.

Nitish Kumar statement on Bihar Museum
Nitish Kumar statement on Bihar Museum
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Published : Mar 22, 2021, 10:59 PM IST

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को 'बिहार दिवस' के मौके पर आयोजित 'बिहार म्यूजियम बिनाले-2021' का उद्घाटन रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट का अनावरण कर किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार म्यूजियम (संग्रहालय) सिर्फ बिहार ही नहीं पूरे देश की धरोहर है.

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बिहार म्यूजियम बिनाले-2021

बिहार म्यूजियम के ओरिएंटेशन थिएटर में आयोजित बिहार म्यूजियम बिनाले-2021 कार्यक्रम में मुख्यमंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बिहार, इंडिया एंड द वर्ल्ड : सेलिब्रेटिंग म्यूजियम कलेक्शन तथा बिहार म्यूजियम गाइड पुस्तक का विमोचन किया.

इस मौके पर सीएसएमवीएस इंस्टीट्यूट मुंबई के डायरेक्टर जनरल सव्यसाची मुखर्जी एवं भारत में फ्रांस के राजदूत एच ई इमैनुएल लिनैन का वर्चुअल शुभकामना संदेश प्रसारित किया गया.

पिछले साल कोरोना से टला कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार म्यूजियम बिनाले कार्यक्रम पिछले वर्ष ही होने वाला था, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण इसे स्थगित करना पड़ा. उन्होंने कहा कि इस विनाले के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में 20 संग्रहालयों की प्रस्तुति होगी और 8 मास्टर क्लासेस होंगे. उन्होंने कहा कि पटना म्यूजियम सिर्फ बिहार ही नहीं पूरे देश की धरोहर है.

यह भी पढ़ें - असम से लौटकर तेजस्वी बोले- 'बनेगी महागठबंधन की सरकार', विधानसभा घेराव को लेकर भी ठोकी ताल

उन्होंने कहा, "पटना संग्रहालय विस्तार को ध्यान में रखते हुए जब 16 दिसम्बर 2009 को मैं खुद पटना म्यूजियम देखने गया था, तो वहां देखा कि अमूल्य धरोहर काफी नजदीक-नजदीक रखे हुये थे. उसी समय पटना म्यूजियम को बेहतर बनाने के साथ-साथ पटना में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय बनाने का निर्णय लिया था."

म्यूजियम के अंतर्राष्ट्रीय मानक को ध्यान में रखते हुए दुनिया भर के विशेषज्ञों का चयन किया गया. कनाडा की अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी लार्ड कल्चरल रिसोर्सेज को मुख्य योजना परामर्शी के रूप में चयनित किया गया.

उन्होंने कहा कि 16 जून 2013 को पटना में 498 करोड़ रुपये की लागत से अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय निर्माण की स्वीकृति दी गयी और 9 जुलाई 2013 को हमने इसका शिलान्यास किया. वर्ष 2017 में गांधी जयंती के मौके पर बिहार म्यूजियम को पूरे तौर पर जनता को समर्पित किया गया.

यह भी पढ़ें - संसद की तर्ज पर विधानसभा में भी मिलेगा सर्वश्रेष्ठ विधायक का तमगा, स्पीकर करेंगे पुरस्कृत

मुख्यमंत्री ने कहा, "14 अक्टूबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी करीब डेढ़ घंटे तक बिहार म्यूजियम का भ्रमण किया. अब प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग बिहार म्यूजियम को देखने आ रहे हैं." मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के बाहर बिहार म्यूजियम की काफी चर्चा है और इसे अब तक कई अवार्ड भी मिल चुके हैं.

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को 'बिहार दिवस' के मौके पर आयोजित 'बिहार म्यूजियम बिनाले-2021' का उद्घाटन रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट का अनावरण कर किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार म्यूजियम (संग्रहालय) सिर्फ बिहार ही नहीं पूरे देश की धरोहर है.

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बिहार म्यूजियम बिनाले-2021

बिहार म्यूजियम के ओरिएंटेशन थिएटर में आयोजित बिहार म्यूजियम बिनाले-2021 कार्यक्रम में मुख्यमंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बिहार, इंडिया एंड द वर्ल्ड : सेलिब्रेटिंग म्यूजियम कलेक्शन तथा बिहार म्यूजियम गाइड पुस्तक का विमोचन किया.

इस मौके पर सीएसएमवीएस इंस्टीट्यूट मुंबई के डायरेक्टर जनरल सव्यसाची मुखर्जी एवं भारत में फ्रांस के राजदूत एच ई इमैनुएल लिनैन का वर्चुअल शुभकामना संदेश प्रसारित किया गया.

पिछले साल कोरोना से टला कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार म्यूजियम बिनाले कार्यक्रम पिछले वर्ष ही होने वाला था, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण इसे स्थगित करना पड़ा. उन्होंने कहा कि इस विनाले के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में 20 संग्रहालयों की प्रस्तुति होगी और 8 मास्टर क्लासेस होंगे. उन्होंने कहा कि पटना म्यूजियम सिर्फ बिहार ही नहीं पूरे देश की धरोहर है.

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उन्होंने कहा, "पटना संग्रहालय विस्तार को ध्यान में रखते हुए जब 16 दिसम्बर 2009 को मैं खुद पटना म्यूजियम देखने गया था, तो वहां देखा कि अमूल्य धरोहर काफी नजदीक-नजदीक रखे हुये थे. उसी समय पटना म्यूजियम को बेहतर बनाने के साथ-साथ पटना में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय बनाने का निर्णय लिया था."

म्यूजियम के अंतर्राष्ट्रीय मानक को ध्यान में रखते हुए दुनिया भर के विशेषज्ञों का चयन किया गया. कनाडा की अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी लार्ड कल्चरल रिसोर्सेज को मुख्य योजना परामर्शी के रूप में चयनित किया गया.

उन्होंने कहा कि 16 जून 2013 को पटना में 498 करोड़ रुपये की लागत से अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय निर्माण की स्वीकृति दी गयी और 9 जुलाई 2013 को हमने इसका शिलान्यास किया. वर्ष 2017 में गांधी जयंती के मौके पर बिहार म्यूजियम को पूरे तौर पर जनता को समर्पित किया गया.

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मुख्यमंत्री ने कहा, "14 अक्टूबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी करीब डेढ़ घंटे तक बिहार म्यूजियम का भ्रमण किया. अब प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग बिहार म्यूजियम को देखने आ रहे हैं." मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के बाहर बिहार म्यूजियम की काफी चर्चा है और इसे अब तक कई अवार्ड भी मिल चुके हैं.

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