पटना: बिहार में इन दिनों भीषण ठंड पड़ रही है और इसी ठंड के बीच एक फरवरी से इंटरमीडिएट की परीक्षा शुरू हो रही है. इस बार इंटरमीडिएट परीक्षा में करीब 13.50 लाख परीक्षार्थी भाग लेंगे. लेकिन इस भीषण ठंड में भी उन्हें हवाई चप्पल पहनकर ही परीक्षा में शामिल होना होगा. ईटीवी भारत के सवालों पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि आपदा विभाग को बोल दिया गया है. मामले पर नजर है.
बिहार बोर्ड की हुई थी किरकिरी
कोरोना वायरस और कड़ाके की ठंड को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही थी कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों को इस बार हवाई चप्पल की बजाय जूता-मोजा पहन कर जाने की इजाजत देगा. लेकिन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार बोर्ड इस बार भी किसी तरह की छूट के मूड में नहीं है. दरअसल वर्ष 2015-16 में पूरे देश में बिहार बोर्ड की किरकिरी हुई थी. उसके बाद से हर साल इंटर और मैट्रिक के परीक्षा के दौरान बिहार बोर्ड पूरी कड़ाई और सावधानी के साथ परीक्षा का आयोजन करता है.
हवाई चप्पल पहनकर देनी होगी परीक्षा
इस बार भी बिहार बोर्ड किसी तरह की ढिलाई के मूड में नहीं है और परीक्षार्थियों को कड़ाके की ठंड के बावजूद हवाई चप्पल पहनकर ही परीक्षा देनी होगी. इस बारे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी ईटीवी भारत ने सवाल किया जिसका सीधा जवाब देने की बजाय मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन की टीम इस मामले को देख रही है.
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अधिकारी ने नहीं दिया जवाब
इस बारे में ना तो शिक्षा विभाग की कोई अधिकारी और ना ही बिहार बोर्ड के चेयरमैन कुछ बोलने को तैयार हैं. हालांकि कैमरे के पीछे बिहार बोर्ड से जुड़े अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि कल के बाद मौसम ठीक हो जाएगा और जाहिर तौर पर इस नियम में छूट देने का कोई विचार बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पास नहीं है.