पटनाः बिहार के पटना में सीएम नीतीश कुमार का जनता दरबार सोमवार को स्थापित कर दिया गया है. मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के संयुक्त सचिव सुमन कुमार की ओर से सभी डीएम को जारी पत्र में जनता दरबार स्थगित होने का अपरिहार्य कारण बताया गया है. जनता दरबार में आने वाले लोगों को निराशा हाथ लगी है.
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इन विभागों की होती है सुनवाईः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महीने के पहले तीन सोमवार को जनता दरबार लगाते हैं. तीसरे सोमवार को ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, कृषि, सहकारिता, पशु एवं मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास एवं आवास, खाद्य उपभोक्ता संरक्षण, परिवहन, आपदा प्रबंधन, वन एवं जलवायु परिवर्तन, योजना विकास, भवन निर्माण, पर्यटन, सूचना एवं जनसंपर्क, वाणिज्य तथा सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित मामलों की सुनवाई करते हैं.
सीमित संख्या में फरियादी आते हैंः बता दें कि जब से कोरोना का मामला सामने आया तब से सीमित संख्या में मुख्यमंत्री लोगों की फरियाद सुन रहे हैं. जिला प्रशासन के माध्यम से जनता दरबार में पूरी जांच पड़ताल के बाद लोगों को लाया जाता है. सबसे बड़ी बात है कि जो लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करते हैं, उन्हें में से जनता दरबार के लिए चयन किया जाता है. एक साल और उससे पहले जिन लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जनता दरबार में आने के लिए बड़ी संख्या में ऐसे लोग इंतजार कर रहे हैं.
लोगों में निराशाः सोमवार को जनता दरबार स्थगित होने के कारण ऐसे लोगों को निराशा हाथ लगी है. जिन्हें जनता दरबार में आज आने का मौका मिलता, वह नहीं आ पाएंगे. हालांकि स्थगित होने की असली वजह क्या है, इसकी जानकारी नहीं दी गई है. पिछले जनता दरबार में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शामिल नहीं हुए थे, हालांकि आरजेडी कोटे के कई मंत्री जरूर आए थे.