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2024-25 की तैयारी: कोर वोट बैंक मजबूत करने के लिए पुराने साथियों को जदयू से जोड़ रहे CM नीतीश - etv live

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2024-25 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. उन्होंने जदयू से एक के बाद एक कई पुराने साथियों को जोड़ा है और उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी दी है. पढ़ें पूरी खबर...

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जदयू
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Published : Oct 20, 2021, 9:19 PM IST

Updated : Oct 20, 2021, 9:29 PM IST

पटना: बिहार का प्रमुख सत्ताधारी दल जदयू (JDU) पुराने साथियों को पार्टी से जोड़ने में लगा है. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar Legislative Assembly Election) में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने एक के बाद एक अपने कई पुराने साथियों को पार्टी से जोड़ा है. इसे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी से जोड़ा जा रहा है. लगातार बढ़ रहे जदयू के कुनबा पर विरोधी दल आरजेडी की भी नजर है.


यह भी पढ़ें- RJD ने बड़ी संख्या में JDU कार्यकर्ताओं के साथ आने का किया दावा, तो बोली BJP- जीत तो NDA की ही होगी


नीतीश कुमार 2024 और 2025 की तैयारी में लग गए हैं. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में पार्टी के तीसरे नंबर पर पहुंचने के बाद जदयू ने एक के बाद एक पुराने साथियों को जोड़ा है और उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी दी है. उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी सहित शामिल कराया और संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया. उन्हें विधान पार्षद भी बनाया है.

देखें रिपोर्ट

मनजीत सिंह और विनोद कुमार सिंह को जदयू में शामिल कराया गया. पिछले दो दिनों में पहले पूर्व विधान पार्षद सलीम परवेज को पार्टी के साथ जोड़ा गया और फिर शकुनी चौधरी के बेटे रोहित चौधरी को पार्टी में लाया गया. ऐसे कई नाम हैं, जिन्हें हाल के दिनों में पार्टी से जोड़ा गया है. नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को पुराने साथियों को जोड़ने के अभियान में लगाया है. कई साथियों से संपर्क भी साधा जा रहा है. ललन सिंह का कहना है कि बिहार को नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही विकसित राज्य बनाएंगे. 2010 में जो पार्टी की स्थिति थी उसे फिर से प्राप्त करेंगे. इसके लिए विस्तार हो रहा है.

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ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

जदयू के बढ़ते कुनबे पर प्रमुख विरोधी दल आरजेडी की नजर है. राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा, 'जनता ने 2020 में ही नीतीश कुमार को नकार दिया था. बिहार की जनता अब युवा चेहरा देखना चाहती है. जनता थके हारे चेहरे से उब चुकी है. इसलिए कितना भी कुनबा बढ़ा लें अब बिहार में जदयू का कुछ भी होने वाला नहीं है.'

"हमारी पार्टी में नीतीश कुमार जैसा हीरा है. इसलिए चुनाव नहीं होने के बावजूद लोग जदयू में लगातार शामिल हो रहे हैं. लोगों को नीतीश कुमार के नेतृत्व पर विश्वास है."- निखिल मंडल, प्रवक्ता जदयू


"बिहार विधानसभा में जदयू के तीन नंबर पर जाने के बाद पार्टी का पुराना स्वर्णिम काल प्राप्त करने की कोशिश हो रही है. स्वाभाविक है इसका लक्ष्य 2024 में होने वाला लोकसभा और 2025 होने वाला विधानसभा चुनाव है."- अरुण पांडे, वरिष्ठ पत्रकार

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बता दें कि नीतीश कुमार की तैयारी पार्टी के कोर वोट बैंक को मजबूत करने की है. इसके लिए वे नाराज होकर चले गए पुराने साथियों को लाकर पार्टी के आधार को मजबूत कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को विशेष जिम्मेवारी दी है. इसके साथ ही अलग-अलग टीम भी बनाया है. बिहार से बाहर भी पार्टी को मजबूत किया जा रहा है, लेकिन मुख्य नजर बिहार पर ही है. 2024 में पार्टी पूरी दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी इसका संकेत है.

यह भी पढ़ें- क्या विधानसभा उपचुनाव के बाद होगा RJD-BJP का गठबंधन? 'लालू के हनुमान' रहे रामकृपाल ने दिया ये जवाब

पटना: बिहार का प्रमुख सत्ताधारी दल जदयू (JDU) पुराने साथियों को पार्टी से जोड़ने में लगा है. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar Legislative Assembly Election) में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने एक के बाद एक अपने कई पुराने साथियों को पार्टी से जोड़ा है. इसे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी से जोड़ा जा रहा है. लगातार बढ़ रहे जदयू के कुनबा पर विरोधी दल आरजेडी की भी नजर है.


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नीतीश कुमार 2024 और 2025 की तैयारी में लग गए हैं. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में पार्टी के तीसरे नंबर पर पहुंचने के बाद जदयू ने एक के बाद एक पुराने साथियों को जोड़ा है और उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी दी है. उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी सहित शामिल कराया और संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया. उन्हें विधान पार्षद भी बनाया है.

देखें रिपोर्ट

मनजीत सिंह और विनोद कुमार सिंह को जदयू में शामिल कराया गया. पिछले दो दिनों में पहले पूर्व विधान पार्षद सलीम परवेज को पार्टी के साथ जोड़ा गया और फिर शकुनी चौधरी के बेटे रोहित चौधरी को पार्टी में लाया गया. ऐसे कई नाम हैं, जिन्हें हाल के दिनों में पार्टी से जोड़ा गया है. नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को पुराने साथियों को जोड़ने के अभियान में लगाया है. कई साथियों से संपर्क भी साधा जा रहा है. ललन सिंह का कहना है कि बिहार को नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही विकसित राज्य बनाएंगे. 2010 में जो पार्टी की स्थिति थी उसे फिर से प्राप्त करेंगे. इसके लिए विस्तार हो रहा है.

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जदयू के बढ़ते कुनबे पर प्रमुख विरोधी दल आरजेडी की नजर है. राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा, 'जनता ने 2020 में ही नीतीश कुमार को नकार दिया था. बिहार की जनता अब युवा चेहरा देखना चाहती है. जनता थके हारे चेहरे से उब चुकी है. इसलिए कितना भी कुनबा बढ़ा लें अब बिहार में जदयू का कुछ भी होने वाला नहीं है.'

"हमारी पार्टी में नीतीश कुमार जैसा हीरा है. इसलिए चुनाव नहीं होने के बावजूद लोग जदयू में लगातार शामिल हो रहे हैं. लोगों को नीतीश कुमार के नेतृत्व पर विश्वास है."- निखिल मंडल, प्रवक्ता जदयू


"बिहार विधानसभा में जदयू के तीन नंबर पर जाने के बाद पार्टी का पुराना स्वर्णिम काल प्राप्त करने की कोशिश हो रही है. स्वाभाविक है इसका लक्ष्य 2024 में होने वाला लोकसभा और 2025 होने वाला विधानसभा चुनाव है."- अरुण पांडे, वरिष्ठ पत्रकार

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बता दें कि नीतीश कुमार की तैयारी पार्टी के कोर वोट बैंक को मजबूत करने की है. इसके लिए वे नाराज होकर चले गए पुराने साथियों को लाकर पार्टी के आधार को मजबूत कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को विशेष जिम्मेवारी दी है. इसके साथ ही अलग-अलग टीम भी बनाया है. बिहार से बाहर भी पार्टी को मजबूत किया जा रहा है, लेकिन मुख्य नजर बिहार पर ही है. 2024 में पार्टी पूरी दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी इसका संकेत है.

यह भी पढ़ें- क्या विधानसभा उपचुनाव के बाद होगा RJD-BJP का गठबंधन? 'लालू के हनुमान' रहे रामकृपाल ने दिया ये जवाब

Last Updated : Oct 20, 2021, 9:29 PM IST
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