पटना: भारत के चीफ जस्टिस एस.ए बोबडे ने पटना हाईकोर्ट के शताब्दी भवन का उद्घाटन किया. इस समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद थे.
LIVE UPDATE:
- जस्टिस शिवा जी पांडेय ने किया धन्यवाद ज्ञापन
- भारत के चीफ जस्टिस एस ए बोबडे का संबोधन समाप्त
- भारत के चीफ जस्टिस एसए बोबडे समारोह को संबोधित कर रहे हैं
- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाषण दे रहे हैं
- अभी केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद संबोधित कर रहे हैं
- सुप्रीम कोर्ट की जज इंदिरा बनर्जी संबोधित कर रही हैं
- सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हेमंत गुप्ता समारोह को संबोधित कर रहे हैं
- पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल स्वागत भाषण दे रहे हैं
- भारत के चीफ जस्टिस ए एस बोबडे ने नए शताब्दी भवन का किया उदघाटन
- पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल और अन्य जज साथ में मौजूद
- चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल और अन्य गणमान्य लोग मंच पर मौजूद
- थोड़ी देर में चीफ जस्टिस ए एस बोबडे समेत सभी विशिष्ट अतिथिगण मंच पर आएंगे
- सीएम नीतीश कुमार समारोह के लिए पहुंचे
- पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल,जस्टिस हेमंत गुप्ता, जस्टिस नवीन सिन्हा, जस्टिस इंदिरा बनर्जी, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, सीएम नीतीश कुमार और भारत के चीफ जस्टिस ए एस बोबडे करेंगे संबोधन
यह भी पढ़ें - सीमांचल में जनसंख्या वृद्धि पर सियासत तेज, AIMIM और RJD ने BJP की मंशा पर उठाया सवाल
साथ ही सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस हेमंत गुप्ता, जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस नवीन सिन्हा भी इस कार्यक्रम में शामिल हैं. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और सीएम नीतीश कुमार भी इस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे. वहीं धन्यवाद ज्ञापन जस्टिस शिवा जी पांडेय करेंगे.
यह भी पढ़ें - विधानसभा में उठी पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने की मांग, सरकार का जवाब- करेंगे समीक्षा
साल 2014 में हुआ था शिलान्यास
बता दें कि 4 फरवरी 2014 बसंत पंचमी के दिन नए भवन का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना हाईकोर्ट की तत्कालीन चीफ जस्टिस रेखा एम दोषित की उपस्थिति में किया था. 116 करोड़ की लागत से बनने वाली इस बिल्डिंग का 2 वर्ष में निर्माण कार्य पूरा करना था. लेकिन निर्माण कंपनी के बीच में ही काम छोड़े जाने के कारण काम रुका रहा.