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पटना: नहाय-खाय पर गंगा घाट पर स्नान के लिए पहुंचे छठव्रती - chhath news

चार दिवसीय महापर्व छठ की नहाय-खाय के साथ शुरुआत हो गई. इस मौके पर राजधानी के गंगा घाटों पर गंगा स्नान के लिए छठ व्रतियों की भारी भीड़ उमड़ी.

नहाय-खाय पर गंगा घाटों पर स्नान के लिए पहुंचे छठ व्रती
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Published : Oct 31, 2019, 11:59 AM IST

पटना: लोक आस्था का महापर्व छठ की नहाय-खाय के साथ गुरुवार से शुरुआत हो गई है. चार दिवसीय चलने वाले इस महापर्व के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन पहला अर्घ्य और चौथे दिन दूसरा अर्घ्य के साथ पारण का विधान है. इसमें गंगा स्नान का विशेष महत्व है. राजधानी के गंगा घाटों पर स्नान के लिए छठ व्रतियों की भारी भीड़ उमड़ी.

अरवा चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी का भोजन
नहाय-खाय के दिन व्रती गंगा स्नान के बाद अरवा चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी का भोजन करते हैं. पहली बार छठ का व्रत कर रही ममता देवी ने बताया कि नहाय-खाय की विशेष महत्ता है. उन्होंने बताया कि स्नान के बाद घाट पर मां गंगा की पूजा करने के बाद घर जाकर शुद्ध भोजन ग्रहण किया जाता है.

नहाय-खाय पर गंगा घाटों पर स्नान के लिए पहुंचे छठ व्रती

चार दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व
छठ व्रती मालती देवी ने बताया कि पूरे बिहार में छठ को लेकर काफी उत्साह रहता है. उन्होंने कहा कि अगर व्रती गंगा में आकर स्नान नहीं कर पाते हैं तो वह घर पर ही गंगाजल का प्रयोग कर स्नान कर सकते हैं. इसमें चारों दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है.

patna
छठ व्रती

पटना: लोक आस्था का महापर्व छठ की नहाय-खाय के साथ गुरुवार से शुरुआत हो गई है. चार दिवसीय चलने वाले इस महापर्व के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन पहला अर्घ्य और चौथे दिन दूसरा अर्घ्य के साथ पारण का विधान है. इसमें गंगा स्नान का विशेष महत्व है. राजधानी के गंगा घाटों पर स्नान के लिए छठ व्रतियों की भारी भीड़ उमड़ी.

अरवा चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी का भोजन
नहाय-खाय के दिन व्रती गंगा स्नान के बाद अरवा चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी का भोजन करते हैं. पहली बार छठ का व्रत कर रही ममता देवी ने बताया कि नहाय-खाय की विशेष महत्ता है. उन्होंने बताया कि स्नान के बाद घाट पर मां गंगा की पूजा करने के बाद घर जाकर शुद्ध भोजन ग्रहण किया जाता है.

नहाय-खाय पर गंगा घाटों पर स्नान के लिए पहुंचे छठ व्रती

चार दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व
छठ व्रती मालती देवी ने बताया कि पूरे बिहार में छठ को लेकर काफी उत्साह रहता है. उन्होंने कहा कि अगर व्रती गंगा में आकर स्नान नहीं कर पाते हैं तो वह घर पर ही गंगाजल का प्रयोग कर स्नान कर सकते हैं. इसमें चारों दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है.

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छठ व्रती
Intro:लोक आस्था का महापर्व छठ की नहाए खाए के साथ आज से शुरुआत हो गई है. चार दिवसीय चलने वाले इस महापर्व छठ के पहले दिन नहाए खाए होता है दूसरे दिन खरना होता है तीसरे दिन पहला अर्घ्य और चौथे दिन दूसरा अर्घ्य के साथ पारण का विधान है. नहाई खाई के दिन गंगा स्नान की विशेष महत्ता है इसलिए पटना के गंगा घाटों पर गंगा स्नान के लिए छठ व्रतियों की काफी भीड़ देखने को मिली.


Body:महापर्व छठ के पहले दिन नहाए खाए होता है और इस दिन छठ व्रती गंगा स्नान के बाद अरवा चावल का भात और चने दाल और लौकी की सब्जी का भोजन करते हैं. पहली बार छठ का व्रत कर रही ममता देवी बताती है नहाए खाए की विशेष महत्ता है. उन्होंने बताया कि घर पर अरवा चावल का भात और लौकी का सब्जी बना हुआ है. उन्होंने कहा कि आज के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है और वह घाट पर गंगा जी की पूजा करने के बाद घर जाकर आगरा चावल का भात और लौकी की सब्जी ग्रहण करेंगी.


Conclusion:छठ व्रती मालती देवी बताती है कि पूरे बिहार में छठ को लेकर काफी उत्साह रहता है और 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व की आज से शुरुआत हो रही है. उन्होंने कहा कि आज की दिन गंगा में स्नान की विशेष महत्ता है लेकिन अगर छठ व्रतियों को गंगा में आकर स्नान करने में कठिनाई है तो वह घर पर ही गंगाजल का प्रयोग कर स्नान कर सकते हैं. पवित्र मन से छठ की पूजा की जाती है. मालती देवी बताती हैं कि महापर्व छठ के चारों दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है.

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