पटना: लोक आस्था का महापर्व छठ की नहाय-खाय के साथ गुरुवार से शुरुआत हो गई है. चार दिवसीय चलने वाले इस महापर्व के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन पहला अर्घ्य और चौथे दिन दूसरा अर्घ्य के साथ पारण का विधान है. इसमें गंगा स्नान का विशेष महत्व है. राजधानी के गंगा घाटों पर स्नान के लिए छठ व्रतियों की भारी भीड़ उमड़ी.
अरवा चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी का भोजन
नहाय-खाय के दिन व्रती गंगा स्नान के बाद अरवा चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी का भोजन करते हैं. पहली बार छठ का व्रत कर रही ममता देवी ने बताया कि नहाय-खाय की विशेष महत्ता है. उन्होंने बताया कि स्नान के बाद घाट पर मां गंगा की पूजा करने के बाद घर जाकर शुद्ध भोजन ग्रहण किया जाता है.
चार दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व
छठ व्रती मालती देवी ने बताया कि पूरे बिहार में छठ को लेकर काफी उत्साह रहता है. उन्होंने कहा कि अगर व्रती गंगा में आकर स्नान नहीं कर पाते हैं तो वह घर पर ही गंगाजल का प्रयोग कर स्नान कर सकते हैं. इसमें चारों दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है.