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श्रद्धा, भक्ति और आस्था का अटूट संगम है मसौढ़ी का मणिचक सूर्यमंदिर घाट, यहां पूरी होती हैं मन्नतें - Chhath Puja 2022

मसौढ़ी का मणिचक सूर्य मंदिर (Manichak Surya Mandir Masaurhi ) तालाब घाट श्रद्धा, भक्ति और आस्था का अटूट संगम है. यहां पर श्रद्धालुओं की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है. मान्यता है कि संतान सुख की प्राप्ति और कुष्ठ निवारण का यह घाट प्रतीक बन चुका है. मसौढ़ी का मणिचक सूर्य मंदिर तालाब घाट से कई पौराणिक किस्से भी जुड़े हुए हैं. पढ़ें पूरी खबर..

मसौढ़ी में मणिचक सूर्यमंदिर घाट पर छठ पूजा
मसौढ़ी में मणिचक सूर्यमंदिर घाट पर छठ पूजा
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Published : Oct 28, 2022, 7:14 AM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का चार दिवसीय अनुष्ठान नहाए खाए से शुरू हो गया है. ऐसे में मसौढ़ी के मणिचक श्री विष्णु सूर्य मंदिर छठ धाम (Chhath Puja at Manichak Surya Mandir in Masaurhi) कई मायनों में श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बना हुआ है. यहां मान्यता है कि इस घाट पर नहाने से और पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति और कुष्ठ निवारण होता है. इन मान्यताओं के कारण मणिचक सूर्य मंदिर तालाब प्रसिद्ध है. इसको लेकर लोग दूर-दूर से लाखों की संख्या में छठ व्रत करने के लिए यहां पर आते हैं.

ये भी पढ़ेंः नहाय खाय के साथ आज से छठ महापर्व की शुरुआत, जानें पूजन की विधि और कथा

मणिचक श्री विष्णु सूर्य मंदिर का इतिहासः यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि सन 1949 में रामखेलावन सिंह के खेत में जुदागी गोप खेत जुताई कर रहे थे. उसी दौरान भगवान श्री विष्णु का अभंग काले रंग की प्रतिमा मिली थी. इसे एक झोपड़ीनुमा मंदिर बनाकर उसकी पूजा-अर्चना शुरू की गई थी. उसके बाद इस मंदिर के पहले महंत प्रयाग राउत ने उसे एक मंदिर का रूप देकर उसमें आराधना शुरू की थी. उसके बाद से इसकी प्रसिद्धी को सुनकर लोग दूर-दराज से यहां पूजा अर्चना करने अने लगे. फिर तारेगना निवासी विश्राम सिंह के संतान सुख की मन्नत पूरी होने पर पांच एकड़ जमीन तालाब बनाने के लिए दान दिया गया. धीरे-धीरे इसकी ख्याति बढ़ने के बाद आज लाखों श्रद्धालु हर वर्ष कार्तिक और चैत महीने में छठ व्रत करने के लिए यहां पर आते हैं.


दूर-दराज से पूजा करने पहुंचते हैं श्रद्धालुः श्रद्धा, भक्ति और आस्था का प्रतीक बन चुका मसौढ़ी का मणिचक सूर्य मंदिर तालाब घाट में प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपनी अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए आते हैं और यहां पर छठ पूजा करते हैं. जिला प्रशासन द्वारा छठ घाट की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है. साफ-सफाई रंग रोगन और सुरक्षा को लेकर कड़े प्रबंध किए जा रहे हैं. मंदिर के सचिव नवल भारती बताते हैं कि छठ पर्व पर यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाट पर हर तरह की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. यहां दूर-दराज से लाखों लोग छठ पूजा करने आते हैं. यहां मान्यता है कि जो श्रद्धालु सच्चे मन से यहां पूजा करते हैं उन्हें संतान सुख व अन्य मनोकामनाएं पूर्ण होती है. साथ ही यहां के तालाब में स्नान करने पर कुष्ठ रोग भी ठीक हो जाता है.

"छठ पर्व पर यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाट पर हर तरह की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. यहां दूर-दराज से लाखों लोग छठ पूजा करने आते हैं. यहां मान्यता है कि यहां पूजा करने से लोगों को संतान सुख की प्राप्ति होती है और कुष्ठ रोग ठीक हो जाता है" -नवल भारती, सचिव, श्री विष्णु सूर्यमंदिर, मसौढ़ी

पटना: बिहार की राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का चार दिवसीय अनुष्ठान नहाए खाए से शुरू हो गया है. ऐसे में मसौढ़ी के मणिचक श्री विष्णु सूर्य मंदिर छठ धाम (Chhath Puja at Manichak Surya Mandir in Masaurhi) कई मायनों में श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बना हुआ है. यहां मान्यता है कि इस घाट पर नहाने से और पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति और कुष्ठ निवारण होता है. इन मान्यताओं के कारण मणिचक सूर्य मंदिर तालाब प्रसिद्ध है. इसको लेकर लोग दूर-दूर से लाखों की संख्या में छठ व्रत करने के लिए यहां पर आते हैं.

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मणिचक श्री विष्णु सूर्य मंदिर का इतिहासः यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि सन 1949 में रामखेलावन सिंह के खेत में जुदागी गोप खेत जुताई कर रहे थे. उसी दौरान भगवान श्री विष्णु का अभंग काले रंग की प्रतिमा मिली थी. इसे एक झोपड़ीनुमा मंदिर बनाकर उसकी पूजा-अर्चना शुरू की गई थी. उसके बाद इस मंदिर के पहले महंत प्रयाग राउत ने उसे एक मंदिर का रूप देकर उसमें आराधना शुरू की थी. उसके बाद से इसकी प्रसिद्धी को सुनकर लोग दूर-दराज से यहां पूजा अर्चना करने अने लगे. फिर तारेगना निवासी विश्राम सिंह के संतान सुख की मन्नत पूरी होने पर पांच एकड़ जमीन तालाब बनाने के लिए दान दिया गया. धीरे-धीरे इसकी ख्याति बढ़ने के बाद आज लाखों श्रद्धालु हर वर्ष कार्तिक और चैत महीने में छठ व्रत करने के लिए यहां पर आते हैं.


दूर-दराज से पूजा करने पहुंचते हैं श्रद्धालुः श्रद्धा, भक्ति और आस्था का प्रतीक बन चुका मसौढ़ी का मणिचक सूर्य मंदिर तालाब घाट में प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपनी अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए आते हैं और यहां पर छठ पूजा करते हैं. जिला प्रशासन द्वारा छठ घाट की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है. साफ-सफाई रंग रोगन और सुरक्षा को लेकर कड़े प्रबंध किए जा रहे हैं. मंदिर के सचिव नवल भारती बताते हैं कि छठ पर्व पर यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाट पर हर तरह की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. यहां दूर-दराज से लाखों लोग छठ पूजा करने आते हैं. यहां मान्यता है कि जो श्रद्धालु सच्चे मन से यहां पूजा करते हैं उन्हें संतान सुख व अन्य मनोकामनाएं पूर्ण होती है. साथ ही यहां के तालाब में स्नान करने पर कुष्ठ रोग भी ठीक हो जाता है.

"छठ पर्व पर यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाट पर हर तरह की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. यहां दूर-दराज से लाखों लोग छठ पूजा करने आते हैं. यहां मान्यता है कि यहां पूजा करने से लोगों को संतान सुख की प्राप्ति होती है और कुष्ठ रोग ठीक हो जाता है" -नवल भारती, सचिव, श्री विष्णु सूर्यमंदिर, मसौढ़ी

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