पटना: लोक आस्था के महापर्व छठ (Chhath Puja 2021 ) को लेकर हर ओर उत्साह है. घाटों पर छठव्रती सूर्य को अर्घ्य (First Arghya) दे रहे हैं. इस दौरान सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं. छठ व्रतियों को कोई परेशानी न हो प्रशासन द्वारा इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है.
यह भी पढ़ें- Chhath Puja Surya Arghya Mantra: सूर्य को अर्ध्य देने के समय करें इन मंत्रों का जाप, होगा शुभ
पटना के पाटीपुल घाट में भी विहंगम नजारा देखने को मिल रहा है. छठ व्रती पूजा सामग्री के साथ घाट पर पहुंच गए हैं. घाट पर बैठकर जबतक पूजा की तैयारी की जाती है, उतनी देर तक व्रती छठी मईया के गीत गातीं हैं. छठ घाटों पर हो रही भीड़ को देखते हुए पटना नगर निगम भी सतर्क है. घाटों पर मौजूद पटना जिला प्रशासन के अधिकारी लगातार घाटों पर मौजूद अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को चौकस रहने के बाबत ब्रीफिंग कर रहे हैं. पटना के दीघा थाना क्षेत्र के इसी पाटीपुल घाट पर हजारों छठ व्रती संध्या का अर्घ्य दे रहे हैं, इसे लेकर सुरक्षा की व्यवस्था पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रही है.
वहीं छठ महापर्व का आयोजन मुख्यमंत्री आवास से लेकर बिहार सरकार के कई मंत्रियों के आवास पर भी किया गया. मंत्री अशोक चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के आवास पर भी छठ का आयोजन किया गया है. भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने भी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. इस मौके पर दोनों मंत्रियों के परिवार के सभी सदस्य भी मौजूद थे.
यह भी पढ़ें- छठ महापर्व का आज 'पहला अर्घ्य', यहां जानें अस्ताचलगामी भगवान भास्कर की उपासना का महत्व
बात दें कि पटना के मसौढ़ी अनुमंडल में कुल 36 छठ घाट चिन्हित किए गए हैं. जिसमें 13 अतिसंवेदनशील छठ घाट है, जिसको खतरनाक घोषित किया गया है. वहां पर पुलिस प्रशासन की ओर से कई तरह के एतिहास बरते जा रहे हैं. सुरक्षा के कई कड़े इंतजाम किए गए हैं और आज बम स्क्वायड टीम पहुंच कर सभी जगह पर छानबीन की. गंगा नदी में एनडीआरएफ की टीम मौजूद है. बैरिकेडिंग से आगे बढ़ने वाले लोगों को बैरिकेडिंग के अंदर रहने को ही कहा गया है. इसके साथ ही घाटों पर एहतियातन पुलिस के जवानों को भी लगाया गया है, जो घाटों पर घूमने वाले छुटभैया अपराधियों पर भी नजर बनाए हुए हैं.
वहीं पटना के भद्र घाट पर भी भारी संख्या में छठव्रती पहुंचे और अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया. इस दौरान गाजे-बाजे के साथ सूर्य की आराधना करने की तस्वीरें सामने आईं. सभी छठ महापर्व के दौरान संध्या अर्घ्य देकर सूर्य देवता को प्रसन्न करने में लगे हैं.
यह भी पढ़ें- छठ पूजा पर चढ़ा देशभक्ति का रंग, सिरसौता तिरंगे से रंगा
गया में भी छठ व्रती भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित कर रहे हैं. स्वराजपुरी केन्दूई घाट में भारी संख्या में छठ व्रती मौजूद हैं. जल में उतरकर यहां भी व्रती छठी मईया की आराधना कर रहे हैं.
सुपौल में भी छठ की छटा देखने को मिल रही है. घाटों पर व्रती अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दे रहे हैं. गया प्रशासन की ओर से भी घाटों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
भागलपुर में भी पहला अर्घ्य दिया गया. इस दौरान छठव्रतियों ने तालाब में उतरकर सूर्य देवता की पूजा की. अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने एक दूसरे को सिंदूर भी लगाया. माना जाता है कि ऐसा करने से सुहाग की उम्र लंबी होती है.
नालंदा में भी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया गया. बड़ी संख्या में छठ व्रती घाटों में मौजूद रहे. अब कल उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी भी शुरू हो गई है. कई व्रती आज की रात घाटों पर ही बिताते हैं. प्रशासन की ओर से इसकी भी तैयारी की गई है.
आरा से लेकर तमाम प्रखंडो में बुधवार को छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया. कोइलवर सोन नदी पर कीचड़ होने के कारण इस वर्ष छठव्रतियों को थोड़ी परेशानी जरूर हुई, लेकिन आस्था के आगे परेशानी कुछ नहीं है. महापर्व को लेकर नगर पंचायत कोइलवर के सभी 14 छठ घाटों समेत धनडीहा, फरहंगपुर, बहियारा, चांदी, गोपालपुर, नारायणपुर, संदेश में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. घाटों पर पुलिस बल के साथ गोताखोरों की टीम को भी तैनात किया गया. अर्घ्य देने के दौरान बच्चे और छठ व्रती ज्यादा गहरे पानी न जा पाए, इसके लिए एनडीआरएफ टीम की तैनात भी की गई थी.
छपरा के सरयू नदी के सोनारपट्टी घाट पर छठव्रतियों की भारी भीड़ देखने को मिली. अस्तलगामी सूर्य को अर्घ देकर अपने परिवार की खुशहाली और सम्पन्नता की प्रार्थना की गई. इस दौरान कुछ कलाकारों ने भगवान सूर्य की आकृति भी बनाकर उन्हें नमन किया.
उधर पश्चिम चंपारण में छठ व्रतियों ने भगवान भास्कर को शाम का अर्घ्य दिया. इस दौरान घाटों पर छठ व्रतियों के लिए मुक्कमल इंतजाम किए गए थे. नगर परिषद की ओर से रंगारग कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है. जो छठव्रती रात को घाट में रुकेंगे उनके लिए भी कई तरह की विशेष व्यवस्थाएं की गईं हैं.