पटनाः नहाय खाय के साथ आज से चार दिवसीय छठ पर्व का अनुष्ठान शुरू हो गया. मसौढ़ी में छठ व्रती सुबह-सुबह स्नान कर कद्दू चावल का प्रसाद बनाते हुए देखी गईं. मणिचक तालाब घाट पर स्नान करने पर लगी रोक के बावजूद कई लोग स्नान कर पूजा करते दिखे.
लोक आस्था का महापर्व चार दिवसीय अनुष्ठान भगवान भास्कर की पूजा आज नहाए खाए से शुरू हो गई है. सुबह से छठ व्रती अपने-अपने घरों में स्नान ध्यान कर पूजा अर्चना करके कद्दू चावल का प्रसाद बनाने में जुट गए.
छठ घाट पर पूजा करने को लेकर जागरुकता अभियान
करोना संक्रमण के दौर में मसौढ़ी में अनुमंडल प्रशासन छठ घाट पर पूजा करने को लेकर जागरूकता अभियान चला रही है. भीड़-भाड़ से बचने और ज्यादातर घर में ही पूजा करने की अपील की गई है. वहीं, मणिच सूर्यमंदिर मंदिर तालाब घाट पर छठ व्रती को स्नान करते देखा गया. लेकिन यहां प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम नहीं किए गए . बड़े-बड़े नियमों को बनाने की बात हुई. लेकिन घाट पर कहीं कोई व्यवस्था नहीं दिखी.
अगले दिन बनेगा खरना का प्रसाद
नहाए खाए के दिन भोजन करने के बाद व्रती अगले शाम को खरना पूजा करती हैं. इस पूजा में महिलाएं शाम के समय मिट्टी के चूल्हे पर खीर बनाकर उसे प्रसाद के तौर पर खाती हैं. इसी के साथ महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है. इसी दिन से यानी छठी मैया का आगमन हो जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम ने रावण वध किया था, तब भगवान सूर्य से आशीर्वाद प्राप्त किया था. और उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए भगवान भास्कर की आराधना की जाती है. इसमें स्वच्छता और शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है.
कई जगहों पर छठ व्रतियों के स्नान करने पर रोक
मसौढ़ी अनुमंडल में तकरीबन 2 दर्जन से अधिक छठ घाट हैं. लेकिन इस बार करोना को लेकर कई जगह पर छठ व्रतियों को स्नान करने पर रोक लगा दी गई है. मनोकामना पूरक मंदिर सूर्य मंदिर तालाब घाट में मनोकामना पूर्ण होती है. जहां पर लोग दूर-दराज से पूजा करने आते हैं. लेकिन इस बार करोना को लेकर अधिकांश लोग घरों में ही पूजा कर रहे हैं.