पटना: छपरा जहरीली शराबकांड में मारे गए लोगों की जांच के लिए राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) की टीम बिहार में है. लेकिन एनएचआरसी की टीम को लेकर बिहार की सियासत में बवाल मच गया है. नीतीश सरकार (CM Nitish Kumar) को ये जांच पसंद नहीं आ रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बीजेपी शासित राज्यों में जो शराब से मौतें हो रही हैं, वहां राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम जांच करने क्यों नहीं जा रही है?. उन्होंने कहा कि एनचआरसी की टीम छपरा में क्या देखने और पता लगाने आयी है (Nitish Kumar Raised The Question On NHRC Visit), यह सरकार की समझ से परे है.
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'NHRC की जांच सिर्फ बिहार में क्यों?' : दरअसल, पटना सिटी में गुरुद्वारा पहुंचे बिहार के मुख्यमंत्री से जब छपरा शराबकांड को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शराबबंदी को लेकर विपक्ष जो हंगामा कर रहा है, वह गलत है. जब सबकी सहमति से शराबबंदी लागू हुई है तो फिर इसका विरोध करना ठीक नहीं है. मानवाधिकार आयोग की टीम की जांच को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि, उन्हें जरा संविधान को जानने की जरूरत है. उन्हें यह समझना चाहिए कि जो शराबबंदी कानून लागू है, वो किसका अधिकार है.
''यदि जांच की टीम यहां आयी है तो उसको अन्य राज्यों में भी जाना चाहिए. उनको तो यह देखंना चाहिए कि, अन्य राज्यों की तुलना में यहां सबसे कम मौत हुई है. हमलोग तो खुद इस घटना की जांच कर रहे हैं. इसको लेकर लोगों को सुझाव देने का नहीं काम किया जा रहा है.'' - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
शराबकांड में बीजेपी पर भड़के नीतीश : मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि ये देखने वाली बात है की ये लोग इधर उधर तो नहीं करवा रहे है. ये जांच का विषय है. जहरीली शराब से पहले भी लोग मरे है. लेकिन बीजेपी ने कभी भी ये मुद्दा नहीं उठया. जब हमारे साथ में थे. समाज सुधार अभियान में वो हमारे साथ में थे. आज हमसे अलग हो गए है तो इनमें बदलाव आ गया है. ये गलत बात है.
'यदि इस तरह से पियोगे तो मरोगे' : सीएम नीतीश कुमार ने आगे कहा कि यदि कोई गंदा और जहरीली शराब पीकर मरता है तो इसको तो और अधिक प्रचारित करने की जरूरत है कि यदि इस तरह से पियोगे तो मरोगे. मुझे तो यह समझ नहीं आता है कि देश के कौन सा हिस्से में शराब पीकर लोग नहीं मर रहे हैं. ऐसे में राष्ट्रीय मानवाधिकार की जांच सिर्फ बिहार में क्यों?
नीतीश सरकार के खिलाफ BJP का 'हल्ला बोल': वहीं जहरीली शराब पीकर हो रही लोगों की मौत को लेकर बीजेपी आक्रमक है और सरकार से जवाब मांग रही है. निष्पक्ष जांच और मुआवजे की मांग को लेकर बीजेपी नेताओं ने बुधवार को विधानसभा परिसर में धरना दिया. पार्टी नेताओं की मांग है कि सरकार जब तक उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं करेगी, तबतक आंदोलन जारी रहेगा.
"जहरीली शराब से लगातार मौतें हो रही है और आंकड़ा 100 के पार जा चुका है. हम चाहते हैं कि मृतक के परिजनों को सरकार मुआवजा दे. पहले भी गोपालगंज में जहरीली शराब से मौत के बाद मुआवजा दिया गया था. अभी सरकार मुआवजा देने से परहेज क्यों कर रही है." - विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष
छपरा पहुंची NHRC की टीम: इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के डीजी मनोज कुमार यादव के नेतृत्व में एक दूसरी टीम पटना पहुंची है. टीम में 2 सदस्य शामिल हैं. ये टीम दो दिवसीय दौरे पर बिहार आई है, जो छपरा और सिवान में बीमार मरीजों से बात करेगी. बता दें कि इससे पहले मंगलवार को एनएचआरसी की 10 सदस्यी टीम बिहार पहुंची थी, जो इस समय सारण के दौरे पर है.
जहरीली शराब पीने से कितनों की हुई मौत? : बताया जा रहा है कि एनएचआरसी की टीम ने सिविल सर्जन डॉक्टर सागर दुलाल सिन्हा और छपरा के वरीय चिकित्सक और छपरा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक के साथ लगभग आधे घंटे तक बैठक की. इस दौरान पूरे मामले की जानकारी ली. इस मामले में अभी तक छपरा सदर अस्पताल के अधिकारियों ने 38 मौतों की पुष्टि की है.
"आयोग की टीम सदर अस्पताल पहुंची थी. उन्हें पूरी जानकारी दी जा चुकी है. उन्होंने मृत्यु के आंकड़े पूछे, कितने लोग यहां भर्ती हुए और कितने लोग यहां से रेफर हुए हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी नहीं आई है, विसरा रिपोर्ट का इंतजार है. इस जानकारी से वे संतुष्ट दिखाई दिए हैं. इसकी रिपोर्ट वरीय अधिकारी को सौंपा जाएगा. इससे ज्यादा कुछ मालूम नहीं है." - सागर दुलाल सिन्हा, सिविल सर्जन, सारण