पटनाः कोरोना संकटकाल के बीच बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल शुरू हो चुकी है. तमाम राजनीतिक दल वर्चुअल तरीके से कार्यकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित करने में जुटे हुए हैं. इस बीच लोजपा नेता चिराग पासवान के बयान के बाद एनडीए में सब ठीक नहीं होने के संकेत मिल रहे हैं. चिराग पासवान के बयान में जेडीयू को लेकर तल्खी दिख रही है. हालांकि बीजेपी चिराग के रुख को गठबंधन विरोधी नहीं मानती है.
पार्टी को मजबूत करने में जुटी लोजपा
लोक जनशक्ति पार्टी एनडीए का हिस्सा है. लेकिन चिराग पासवान के बयान से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन खेमे में बेचैनी बढ़ गई है. चिराग लगातार बयानबाजी से जेडीयू को मुश्किल में डाल रहे हैं. लोजपा सुप्रीमो ने पार्टी के बैठक के दौरान अपने इरादे जाहिर कर दिए. उन्होंने साफ कहा कि विधानसभा चुनाव किसी पार्टी के एजेंडे पर नहीं लड़ा जाएगा. कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के जरिए हम चुनाव में जाएंगे.
नाराज चल रहे हैं चिराग
गठबंधन के स्वरूप को लेकर भी चिराग ने कार्यकर्ताओं को हर परिस्थिति में तैयार रहने को कहा है. दरअसल चिराग पासवान की उम्मीदें पूरी नहीं हो रही हैं. राज्यपाल कोटे से विधान पार्षद मनोनयन पर लोजपा अध्यक्ष की नजर है और एक सीट पर वो अपना वाजिब हक मानते हैं. लेकिन इस पर सहमति नहीं बनने के चलते चिराग नाराज हैं. इसके अलावा वे हर जिले में विधानसभा की एक सीट भी चाहते हैं.
जेडीयू नेताओं ने साधी चुप्पी
लोजपा के रुख में जितनी तल्खी दिख रही है उससे जेडीयू नेता पशोपेश में हैं और प्रतिक्रिया देने से बचना चाहते हैं. मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि सरकार की लोकप्रियता और जेडीयू का वोट बैंक लगातार बढ़ रहा है. हमारे ऊपर भ्रष्टाचार का दाग नहीं है और एनडीए में कोई विवाद नहीं है.
बीजेपी के बयान में नरमी
चिराग पासवान को लेकर तल्ख टिप्पणी करने वाले बीजेपी के विधान पार्षद संजय पासवान के बयान में भी नरमी आई है. संजय पासवान का कहना है कि चिराग पासवान पार्टी लाइन पर बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और छोटी पार्टियों को हिस्सेदारी चाहिए होती है. लिहाजा राजनीतिक तौर पर बयान बाजी की जाती है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि चिराग पासवान एनडीए से अलग हो जाएंगे.
चुनाव में एनडीए का समीकरण
बता दें कि अक्टूबर में बिहार विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. हाल में लोजपा के बदले तेवर और सुर से कयास लगाए जा रहे हैं कि वे महाठबंधन में शामिल हो सकते हैं. अब देखना होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए का समीकरण क्या होगा?