पटना: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2021-22 पेश किया है. इस बजट को बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने सराहा है. लेकिन बिहार के लिए कुछ नहीं होने की वजह से थोड़ी निराशा हुई है. बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से कहा गया है कि इस बार के बजट में सरकार ने स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर एंड रिफॉर्म पर फोकस डालते हुए अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने का प्रयास किया है.
"भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि कोरोना महामारी के कारण बजट पेपर लेस तरीके से पेश किया गया. बजट में आर्थिक मंदी से उबारने पर विशेष जोर दिया गया है. लेकिन बिहार के स्तर पर देखा जाए तो प्रदेश की जनता के साथ-साथ राज्य के उद्यमी और व्यापारियों को ऐसी आशा थी कि इस बार बजट में बिहार जैसे पिछड़े राज्य के लिए आर्थिक विकास के लिए कुछ विशेष पैकेज की घोषणा की जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ."- पीके अग्रवाल, अध्यक्ष, चैंबर ऑफ कॉमर्स
वित्त मंत्री से मांग
इसके अलावा पीके अग्रवाल ने कहा कि हमने वित्त मंत्री को कई बार पत्र लिखकर उनसे मांग की थी कि राज्य के लोगों के निवेश की सीमा सीमित है. इसलिए जब तक राज्य में स्टील या अल्मुनियम जैसे बड़े उद्योग नहीं लगते हैं, तब तक राज्य के आर्थिक और औद्योगिक विकास संभव नहीं होगा.
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'किसान और छोटे मध्यमवर्गीय लोग होंगे लाभांवित'
हालांकि पीके अग्रवाल ने कहा कि बजट में की गई घोषणाओं से किसानों और छोटे मध्यवर्गीय लोग लाभांवित होंगे. बिहार राज्य के लिए इस बजट में कोई विशेष प्रस्ताव नहीं होने से हम लोगों को थोड़ी निराशा जरूर हुई है.