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बिहार के लिए बैड न्यूज! केंद्र प्रायोजित शैक्षणिक योजनाओं में लगातार तीसरे साल कटौती

केंद्र प्रायोजित शैक्षणिक योजनाओं के बजट में कमी का सिलसिला इस साल भी जारी है. केंद्र सरकार ने इस वर्ष बिहार की शिक्षा योजनाओं के संचालन के लिए ₹7700 मंजूर किए हैं. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Sep 16, 2021, 3:13 PM IST

पटना: शिक्षा विभाग ( Education Department ) की केंद्र प्रायोजित योजनाओं में कटौती का सिलसिला लगातार तीसरे साल भी जारी है. इस वर्ष केंद्र सरकार ने बिहार की शिक्षा योजनाओं ( Educational Schemes ) के संचालन के लिए ₹7700 मंजूर किए हैं. जबकि शिक्षा विभाग की तरफ से वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 13142 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया था. वित्तीय वर्ष की शुरुआत के करीब 5 महीने बाद सरकार ने राशि की मंजूरी दी है. अब बाकी बचे महीनों में शिक्षा के बजट के मद की राशि खर्च करने का दबाव शिक्षा विभाग पर है.

शिक्षा विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, कोरोना संकट के तहत प्रस्तावित राशि में कटौती की गई है. फिलहाल समग्र शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों की सैलरी के लिए 3308 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. हालांकि खेल कूद और शारीरिक शिक्षा मद में कोई कटौती नहीं की गई है.

ये भी पढ़ें- पटना: BSSC कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ पुलिसकर्मी ने किया गाली गलौज

इस वर्ष शिक्षा विभाग का पूरा ध्यान नई शिक्षा नीति के तहत प्रस्तावित नर्सरी से प्राथमिक स्तर तक के साक्षरता के प्रसार पर है. अनिवार्य शिक्षा के अधिकार के तहत जिम्मेदारियों को पूरा करने की रणनीति शिक्षा विभाग की प्राथमिकता में है.

इसके अलावा विभिन्न शैक्षणिक परियोजनाओं को पूरा करने के लिए टारगेट भी तय किए गए हैं, क्योंकि वित्तीय वर्ष के लिए अब बाकी बचे महीनों में ही केंद्र से मिली राशि का अधिकाधिक उपयोग करना है.

ये भी पढ़ें- शिक्षक नियोजन में बड़ा फर्जीवाड़ा, DEO की जांच में खुलासा, दर्ज होगी FIR, मचा हड़कंप

बता दें कि नई शिक्षा नीति के तहत सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए छोटे बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है. इस लिहाज से बिहार में छोटे बच्चों को नर्सरी तक की शिक्षा और उसके बाद प्राथमिक स्तर पर स्थानीय भाषा में शिक्षा देना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. इसलिए इस बार के बजट की राशि में एक बड़ा हिस्सा नर्सरी से प्राथमिक स्तर तक पढ़ाई पर खर्च होगा.

पटना: शिक्षा विभाग ( Education Department ) की केंद्र प्रायोजित योजनाओं में कटौती का सिलसिला लगातार तीसरे साल भी जारी है. इस वर्ष केंद्र सरकार ने बिहार की शिक्षा योजनाओं ( Educational Schemes ) के संचालन के लिए ₹7700 मंजूर किए हैं. जबकि शिक्षा विभाग की तरफ से वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 13142 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया था. वित्तीय वर्ष की शुरुआत के करीब 5 महीने बाद सरकार ने राशि की मंजूरी दी है. अब बाकी बचे महीनों में शिक्षा के बजट के मद की राशि खर्च करने का दबाव शिक्षा विभाग पर है.

शिक्षा विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, कोरोना संकट के तहत प्रस्तावित राशि में कटौती की गई है. फिलहाल समग्र शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों की सैलरी के लिए 3308 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. हालांकि खेल कूद और शारीरिक शिक्षा मद में कोई कटौती नहीं की गई है.

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इस वर्ष शिक्षा विभाग का पूरा ध्यान नई शिक्षा नीति के तहत प्रस्तावित नर्सरी से प्राथमिक स्तर तक के साक्षरता के प्रसार पर है. अनिवार्य शिक्षा के अधिकार के तहत जिम्मेदारियों को पूरा करने की रणनीति शिक्षा विभाग की प्राथमिकता में है.

इसके अलावा विभिन्न शैक्षणिक परियोजनाओं को पूरा करने के लिए टारगेट भी तय किए गए हैं, क्योंकि वित्तीय वर्ष के लिए अब बाकी बचे महीनों में ही केंद्र से मिली राशि का अधिकाधिक उपयोग करना है.

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बता दें कि नई शिक्षा नीति के तहत सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए छोटे बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है. इस लिहाज से बिहार में छोटे बच्चों को नर्सरी तक की शिक्षा और उसके बाद प्राथमिक स्तर पर स्थानीय भाषा में शिक्षा देना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. इसलिए इस बार के बजट की राशि में एक बड़ा हिस्सा नर्सरी से प्राथमिक स्तर तक पढ़ाई पर खर्च होगा.

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