पटना: कोरना के बढ़ते संक्रमण की वजह जानने बिहार पहुंची केंद्रीय टीम ने संक्रमित वाल इलाके में कंटेनमेंट जोन में सख्ती बढ़ाने के निर्देश दिये हैं. टीम ने कहा कि कंटेनमेंट जोन में भी लोगों की सक्रियता बनी हुई थी. इसपर सख्ती से कार्य करना होगा, तभी संक्रमण की चेन टूटेगी और संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकेगा.
इसके अलावे टीम ने कोरोना इलाज के लिए अस्पतालों की संख्या बढ़ाने और प्राइवेट अस्पतालों से करार कर कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की उचित व्यवस्था करने की सलाह भी दी है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से अधिकारियों ने केंद्रीय टीम से अधिक मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
लॉकडाउन सरकार का बेहतर कदम
संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बिहार के अधिकारियो के साथ बैठक में कोरोना से निपटने के लिए सरकारी व्यवस्था पर संतोष जताया. बिहार में लागू किये गए लॉकडाउन को बेहतर कदम बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे संक्रमण पर नियंत्रण संभव हो पाएगा. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बीच स्वास्थ्य विभाग को कोरोना की चेन पकडने के प्रयास करने होंगे. चेन पकड़ में आएगी तो संक्रमण से निपटना मुश्किल काम नहीं रह जाएगा.
'स्क्रीनिंग की व्यवस्था हो और दुरुस्त'
संयुक्त सचिव ने बिहार सरकार के डोर-टू-टोर कदम की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि यह नियमित प्रक्रिया है इसे आगे भी जारी रखा जाना चाहिए. उन्होंने मैनपावर बढ़ाने की सलाह देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग को आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या बल बढ़ानी होगी. साथ ही दो दिन के अंतराल पर पूर्व में स्क्रीन किए गए घर, व्यक्ति की जांच करने की व्यवस्था बनानी चाहिए.
'सोशल मीडिया पर भी हो मोनेटरिंग'
केंद्रीय टीम में शामिल नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह ने कहा, कि कोरोना को लेकर सोशल मीडिया पर लोग काफी जानकारियां दे रहे हैं. इनमें से कई अफवाहें भी है. स्वास्थ्य विभाग सोशल मीडिया को भी मॉनिटिर करने की व्यवस्था करे. ताकि मुसीबत में फंसे मरीज अथवा उसके परिजनों का तत्काल राहत दी जा सके और अफवाहों पर भी नियंत्रण लगाया जा सके.
'केंद्र सुनिश्चित करे अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति'
मुख्य सचिव और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने केंद्रीय टीम से अपने अनुभव शेयर किए और कहा कि केंद्र बिहार में और ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करे. क्योंकि समय पर ज्यादा संक्रमित मरीज को समय पर ऑक्सीजन मिलने से केस गंभीर होने से बचाए जा सकते हैं. केंद्रीय टीम ने आश्वस्त किया कि बिहार को हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी.
एम्स के डॉक्टर बिहार के डॉक्टरों को करेंगे प्रशिक्षित
कोरोना से लड़ रहे बिहार के डॉक्टरों को अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली की टीम प्रशिक्षित करेगी. दिल्ली लौटने के पूर्व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने राज्य के मुख्य सचिव से बिहार सरकार की ओर से कोरोना से बचाव के लिए उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा कि दिल्ली में जिस प्रकार कोरोना को नियंत्रित किया गया. ठीक उसी तरह से बिहार में हो इसके लिए एम्स के डॉक्टरों के साथ मिलकर बिहार के डॉक्टरों के लिए प्रशिक्षण का कार्यक्रम सुनिश्चित किया जाएगा.
गौरतलब है कि दो दिन के दौरे पर बिहार आई स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की टीम का नेतृत्व संयुक्त सचिव लव अग्रवाल कर रहे थे। दिल्ली लौटने के पूर्व आज उन्होंने मुख्य सचिवालय में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, मुख्य सचिव दीपक कुमार और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर स्वास्थ्य विभाग के साथ कोरोना नियंत्रण पर गहन मंथन किया.