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नीतीश-तेजस्वी को मोदी का झटका, केंद्र सरकार नहीं कराएगी जातीय जनगणना - caste census Politics in Bihar

नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव समेत उन तमाम नेताओं को झटका लगा है, जो लगातार जातीय जनगणना (Cast Census) की मांग कर रहे थे, क्योंकि केंद्र सरकार ने एक बार फिर जातिगत आधार पर जनगणना कराने से इंकार कर दिया है.

https://www.etvbharat.com/hindi/bihar/state/patna/bihar-cm-nitish-kumar-on-caste-census/bh20210906174121990
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Published : Sep 23, 2021, 11:05 PM IST

Updated : Sep 24, 2021, 6:30 AM IST

नई दिल्ली/पटना: जिस जातीय जनगणना (Cast Census) को लेकर पटना से लेकर दिल्ली तक राजनाति गरमायी हुई है, उसको लेकर केंद्र सरकार का फैसला आ गया है. नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना कराने से साफ इनकार कर दिया है. इसको लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा भी दायर किया है.

ये भी पढ़ें: जातीय जनगणना का लालू ने किया समर्थन, कहा- नीतियां और बजट बनाने में मिलेगी मदद

केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि वह 2021 की जनगणना में जाति के आधार पर जनगणना का निर्देश नहीं दे. इधर, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने भी केंद्र सरकार को कहा है कि पिछड़े वर्गों की गणना प्रशासनिक पर मुश्किल है. इससे जनगणना की पूर्णता और सटीकता दोनों को नुकसान होगा.

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, 'पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना ‘प्रशासनिक रूप से कठिन और दुष्कर' है और जनगणना के दायरे से इस तरह की सूचना को अलग करना सतर्क नीति निर्णय है.'

ये भी पढ़ें: जातीय जनगणना पर PM की ओर से जवाब आया? CM नीतीश ने बताया

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव की तरफ से दायर हलफनामे में कहा गया है कि केंद्र ने पिछले वर्ष जनवरी में एक अधिसूचना जारी कर जनगणना 2021 के लिए जुटाई जाने वाली सूचनाओं का ब्यौरा तय किया था और इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से जुड़े सूचनाओं सहित कई क्षेत्रों को शामिल किया गया लेकिन इसमें जाति के किसी अन्य श्रेणी का जिक्र नहीं किया गया है.

आपको याद दिलाएं कि 23 अगस्त को जातीय जनगणना को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar), नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) समेत कुल 11 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी.

नई दिल्ली/पटना: जिस जातीय जनगणना (Cast Census) को लेकर पटना से लेकर दिल्ली तक राजनाति गरमायी हुई है, उसको लेकर केंद्र सरकार का फैसला आ गया है. नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना कराने से साफ इनकार कर दिया है. इसको लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा भी दायर किया है.

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केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि वह 2021 की जनगणना में जाति के आधार पर जनगणना का निर्देश नहीं दे. इधर, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने भी केंद्र सरकार को कहा है कि पिछड़े वर्गों की गणना प्रशासनिक पर मुश्किल है. इससे जनगणना की पूर्णता और सटीकता दोनों को नुकसान होगा.

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, 'पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना ‘प्रशासनिक रूप से कठिन और दुष्कर' है और जनगणना के दायरे से इस तरह की सूचना को अलग करना सतर्क नीति निर्णय है.'

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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव की तरफ से दायर हलफनामे में कहा गया है कि केंद्र ने पिछले वर्ष जनवरी में एक अधिसूचना जारी कर जनगणना 2021 के लिए जुटाई जाने वाली सूचनाओं का ब्यौरा तय किया था और इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से जुड़े सूचनाओं सहित कई क्षेत्रों को शामिल किया गया लेकिन इसमें जाति के किसी अन्य श्रेणी का जिक्र नहीं किया गया है.

आपको याद दिलाएं कि 23 अगस्त को जातीय जनगणना को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar), नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) समेत कुल 11 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी.

Last Updated : Sep 24, 2021, 6:30 AM IST
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