पटना: राजधानी में सेन्टर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने एक सेमिनार का आयोजन करवाया. इस सेमिनार में कृषि कार्य में पानी और बिजली के महत्व पर चर्चा की गई. इस मौके पर कृषि मंत्री प्रेम कुमार शामिल रहे. उन्होंने सेमिनार में कहा कि किसानों की आमदनी कैसे दोगुनी हो, इसपर सरकार काम कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ ज्ञान भवन में चल रहे दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन किया गया.
सीड के आयोजित सेमिनार में कृषि क्षेत्रों पर काम कर रहे कई एनजीओ के पदाधिकारी शामिल रहे. इस सेमिनार पर सोलर एनर्जी के उपयोग की विशेषताओं पर बात की गई. सोलर एनर्जी का प्रयोग कर किसान सालभर में कितना रुपया बचा सकते हैं, सोलर पंप की उपलब्धता कैसे बढ़े, इस खास चर्चा हुई.
क्या बोले कृषि मंत्री...
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को खेती करने के लिए पानी की जरूरत होती है. निश्चित तौर पर बिहार में बिजली के क्षेत्र में बहुत काम हुआ है. किसानों के खेत तक बिजली पहुंचाने में हम सक्षम हुए हैं. साथ ही हमारा प्रयास है कि अक्षय ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा उपयोग सिंचाई में हो, इसके लिए किसानों को सोलर पंप पर भी सब्सिडी दी जा रही है. किसानों की आमदनी कैसे दोगुनी हो. लागत कैसे कम लगे. इसके लिए सरकार काम कर रही है.
फसल अवशेष प्रबंधन कार्यक्रम का समापन
पटना के ज्ञान भवन में आयोजित फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन किया हो गया. सम्मेलन के समापन में कृषि मंत्री प्रेम कुमार शामिल रहे. वहीं, सम्मेलन में कई देशों के कृषि वैज्ञानिकों ने भी इस सम्मेलन में शिरकत की.
समापन समारोह पर कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि फसल के अवशेष को किस तरह किसान अपने खेत के फायदे के लिए उपयोग में ला सकते हैं. इस सम्मेलन में उसकी विस्तृत चर्चा हुई है और कई अच्छे सुझाव आए हैं. छठ पर्व के बाद बिहार के सभी जिलों में कृषि विभाग किसान चौपाल लगाकर फसल अवशेष प्रबंधन के तरीके और उसके फायदे को किसानों को बताएगी. जनजागरूकता अभियान चलाएगी, जिससे किसान लाभान्वित होंगे. उनके फसल की उपज भी बढ़ेगी.