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हाईटेक हो रही बिहार पुलिस, पीरबहोर थाने में CCTNS योजना की शुरुआत

पटना के पीरबहोर थाने में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (Tracking Network System) की शुरुआत की गई. थानों के डिजिटलाइजेशन होने से इस प्रणाली का फायदा आम लोगों को मिलना शुरू हो जाएगा.

पटना
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Published : Jul 1, 2021, 9:37 PM IST

Updated : Jul 1, 2021, 10:32 PM IST

पटना: क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (Tracking Network System) की सुविधा को देश के सभी थानों में लागू किया जाना है. इसी क्रम में राजधानी पटना में भी इसका शुभारंभ पीरबहोर थाने (Pirbahor Police Station) से किया गया है. इस मौके पर मुंबई से पटना पहुंची एनसीआरबी की टीम ने पटना के पीरबहोर थाने में लगे इस सिस्टम का निरीक्षण कर इस सिस्टम की शुरुआत की. इस मौके पर एनसीआरबी के डीजी के साथ पटना एसएसपी भी मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें- शिक्षा विभाग ने 257 BEO के तबादले पर लगाई रोक, कल किया था ट्रांसफर

सीसीटीएनएस प्रक्रिया की शुरुआत
पटना के पीरबहोर थाने पहुंचे एनसीआरबी के अधिकारियों और पटना एसएसपी ने इस मौके पर इस सीसीटीएनएस प्रणाली का निरीक्षण कर पटना एसएसपी ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे बिहार के सभी थाने डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रहे हैं. थानों के डिजिटलाइजेशन होने से इस प्रणाली का फायदा आम लोगों को मिलना शुरू हो जाएगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

"डिजिटल पुलिस का जो कांसेप्ट है. इसके जरिए पुलिसिंग का मॉडर्नाइजेशन किया जा रहा है और बिहार सीसीटीएनएस प्रक्रिया में काफी प्रोग्रेसिव रहा है. अभी तक 894 थाने डिजिटलाइज हुए हैं."- प्रद्युम्न कुमार, अधिकारी, एनसीआरबी

क्या है सीसीटीएनएस
अपराध और अपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली साल 2009 में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्लान के तहत स्थापित एक मिशन मोड का प्रोजेक्ट है. पुलिस स्टेशनों और अन्य पुलिस कार्यालयों की कार्रवाईयों को अनुकूल और पारदर्शी बनाना. इस प्रक्रिया की शुरुआत होने के बाद विभिन्न पुलिस थानों, जिला, राज्य मुख्यालयों और अन्य एजेंसियों को राष्ट्रीय स्तर पर सूचना के संग्रहण, भंडारण, पुनः प्राप्ति विश्लेषण साझाकरण की सुविधा प्रदान की जाएगी.

Patna
थाने का हुआ डिजिटलाइजेशन

कैसे काम करेगा सीसीटीएनएस
राज्य के किसी थाने में यदि कोई मामला दर्ज किया जाता है तो उसकी संबंधित सूचना राष्ट्रीय स्तर के तंत्र पर भी अपडेट कर दी जाएगी. राष्ट्रीय स्तर पर सूचना के अपडेट होने से यह सूचनाएं संबंधित राज्य और अन्य स्थानों के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी अपडेट रहेगी. इससे उस मामले के समाधान में आसानी होगी. उदाहरण स्वरूप यदि दिल्ली का कोई 10 वर्ष का बच्चा भटक कर राजस्थान पहुंच जाता है. उस बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दिल्ली के किसी थाने में अगर दर्ज कराई गई है और यदि यह बच्चा राजस्थान पुलिस को मिलता है तो पुलिस उस बच्चे के नाम को सीसीटीएनएस पोर्टल पर सर्च कर उसके विषय में सभी जानकारियां प्राप्त कर सकती है.

सीसीटीएनएस और नागरिक केंद्रित सेवाएं
सीसीटीएनएस के तहत डिजिटल पुलिस पोर्टल की सुविधा प्रदान की जा रही है. इस पोर्टल के माध्यम से नागरिक अपराध से संबंधित शिकायतें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी दर्ज करवा सकते हैं. साथ ही घरेलू कर्मचारी और किराएदार का सत्यापन भी पुलिस इसी पोर्टल के जरिए कर सकती है. सीसीटीएनएस प्रक्रिया शुरू होने के बाद उस प्रदेश के नागरिक अपने पूर्वजों के प्रमाणीकरण से संबंधित पहले से दर्ज किसी डाटा की भी मांग कर सकते हैं.

पटना: क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (Tracking Network System) की सुविधा को देश के सभी थानों में लागू किया जाना है. इसी क्रम में राजधानी पटना में भी इसका शुभारंभ पीरबहोर थाने (Pirbahor Police Station) से किया गया है. इस मौके पर मुंबई से पटना पहुंची एनसीआरबी की टीम ने पटना के पीरबहोर थाने में लगे इस सिस्टम का निरीक्षण कर इस सिस्टम की शुरुआत की. इस मौके पर एनसीआरबी के डीजी के साथ पटना एसएसपी भी मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें- शिक्षा विभाग ने 257 BEO के तबादले पर लगाई रोक, कल किया था ट्रांसफर

सीसीटीएनएस प्रक्रिया की शुरुआत
पटना के पीरबहोर थाने पहुंचे एनसीआरबी के अधिकारियों और पटना एसएसपी ने इस मौके पर इस सीसीटीएनएस प्रणाली का निरीक्षण कर पटना एसएसपी ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे बिहार के सभी थाने डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रहे हैं. थानों के डिजिटलाइजेशन होने से इस प्रणाली का फायदा आम लोगों को मिलना शुरू हो जाएगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

"डिजिटल पुलिस का जो कांसेप्ट है. इसके जरिए पुलिसिंग का मॉडर्नाइजेशन किया जा रहा है और बिहार सीसीटीएनएस प्रक्रिया में काफी प्रोग्रेसिव रहा है. अभी तक 894 थाने डिजिटलाइज हुए हैं."- प्रद्युम्न कुमार, अधिकारी, एनसीआरबी

क्या है सीसीटीएनएस
अपराध और अपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली साल 2009 में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्लान के तहत स्थापित एक मिशन मोड का प्रोजेक्ट है. पुलिस स्टेशनों और अन्य पुलिस कार्यालयों की कार्रवाईयों को अनुकूल और पारदर्शी बनाना. इस प्रक्रिया की शुरुआत होने के बाद विभिन्न पुलिस थानों, जिला, राज्य मुख्यालयों और अन्य एजेंसियों को राष्ट्रीय स्तर पर सूचना के संग्रहण, भंडारण, पुनः प्राप्ति विश्लेषण साझाकरण की सुविधा प्रदान की जाएगी.

Patna
थाने का हुआ डिजिटलाइजेशन

कैसे काम करेगा सीसीटीएनएस
राज्य के किसी थाने में यदि कोई मामला दर्ज किया जाता है तो उसकी संबंधित सूचना राष्ट्रीय स्तर के तंत्र पर भी अपडेट कर दी जाएगी. राष्ट्रीय स्तर पर सूचना के अपडेट होने से यह सूचनाएं संबंधित राज्य और अन्य स्थानों के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी अपडेट रहेगी. इससे उस मामले के समाधान में आसानी होगी. उदाहरण स्वरूप यदि दिल्ली का कोई 10 वर्ष का बच्चा भटक कर राजस्थान पहुंच जाता है. उस बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दिल्ली के किसी थाने में अगर दर्ज कराई गई है और यदि यह बच्चा राजस्थान पुलिस को मिलता है तो पुलिस उस बच्चे के नाम को सीसीटीएनएस पोर्टल पर सर्च कर उसके विषय में सभी जानकारियां प्राप्त कर सकती है.

सीसीटीएनएस और नागरिक केंद्रित सेवाएं
सीसीटीएनएस के तहत डिजिटल पुलिस पोर्टल की सुविधा प्रदान की जा रही है. इस पोर्टल के माध्यम से नागरिक अपराध से संबंधित शिकायतें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी दर्ज करवा सकते हैं. साथ ही घरेलू कर्मचारी और किराएदार का सत्यापन भी पुलिस इसी पोर्टल के जरिए कर सकती है. सीसीटीएनएस प्रक्रिया शुरू होने के बाद उस प्रदेश के नागरिक अपने पूर्वजों के प्रमाणीकरण से संबंधित पहले से दर्ज किसी डाटा की भी मांग कर सकते हैं.

Last Updated : Jul 1, 2021, 10:32 PM IST
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