पटना : इस वक्त बड़ी खबर सामने आ रही है. सीबीआई ने आरजेडी सुप्रीमो व पूर्व रेल मंत्री लालू यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया (CBI Filed charge sheet against Lalu Yadav) है. नौकरी के बदले जमीन लेने वाले घोटाले में यह चार्जशीट दाखिल किया गया (Land For Job Scam) है. राबड़ी देवी समेत 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी है.
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रेल मंत्री रहते घोटाला करने का आरोप : आरोप है कि नौकरी लगवाने के बदले में जमीन और प्लॉट लिए गए थे. सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू और उनकी बेटी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. लालू यादव के अलावा, उनके परिवार के सदस्यों को भी मामले में आरोपी बनाया गया है. बता दें कि साल 2004 से साल 2009 के बीच लालू रेलमंत्री थे.
लालू के ठिकानों पर हुई थी छापेमारी : ये मामला सबसे पहले तब उजागर हुआ था जब एक साथ लालू यादव के कई ठिकानों पर सीबीआई ने रेड डाला था. यही नहीं उनके करीबीयों के ठिकानों को भी खंगाला गया था. जिसको लेकर जमकर बलाव भी हुआ था.
भोला यादव की हुई थी गिरफ्तारी : नौकरी के बदले जमीन घोटाले में गिरफ्तार RJD के पूर्व MLA भोला यादव को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि बाद में दिल्ली की कोर्ट से जमानत मिल गयी थी. सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था. भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू प्रसाद यादव के OSD रहे थे. लालू प्रसाद उस वक्त केंद्रीय रेल मंत्री थे. 2004 से 2009 तक केंद्र में यूपीए की सरकार थी.
एफआईआर में इन लोगों के नाम शामिल: सीबीआई की एफआईआर में पूर्व रेल मंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बड़ी बेटी मीसा भारती और हेमा के अलावे 13 अन्य लोगों को आरोपी बनाया था. कुल 16 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. लालू परिवार के अलावे राजकुमार सिंह महुआ बाग रूपसपुर थाना, मिथिलेश कुमार महुआ बाग, अजय कुमार महुआ बाग, संजय राय उर्फ संजय कुमार महुआ बाग, धर्मेंद्र राय उर्फ धर्मेंद्र कुमार महुआ बाग, विकास कुमार महुआ बाग, पिंटू कुमार महुआ बाग, दिलचंद्र कुमार महुआ बाग, प्रेम चंद्र कुमार महुआ बाग, लाल चंद्र कुमार महुआ बाग, हृदयानंद चौधरी इटावा मीरगंज गोपालगंज, अभिषेक कुमार बिडोल बीहटा पटना के नाम शामिल हैं. यह मुकदमा आपराधिक षड्यंत्र के साथ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया था.
कैसे लालू परिवार को मिला लाभ?: अज्ञात सरकारी सेवकों और गैर सरकारी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. दरअसल आरोप है कि साल 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद ने कई लोगों को ग्रुप डी की नौकरी दिया और इसके एवज में जमीन लिखवाई थी. यह नौकरियां मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर जोन में दिलाई गई थी.