पटना: बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद सियासी बवाल मचा हुआ है. अब जदयू के नेता भी इसके सही होने पर सवाल खड़े कर रहे हैं. जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने जातीय जनगणना में तेली समाज की आबादी कम दिखाये जाने पर नाराजगी जताई थी. इसको लेकर 8 अक्टूबर को पटना में तेली समाज की बैठक भी बुलाई है. जदयू सांसद के इस कदम पर मंत्री संजय झा ने बड़ा बयान दिया है.
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"जहां से आए थे सुनील कुमार पिंटू वहीं जाने की तैयारी कर रहे हैं. इसलिए इस तरह का बयान दे रहे हैं. भाजपा में जाना चाहते हैं, सो वहीं से गाइड हो रहे हैं."- संजय झा, जल संसाधन मंत्री
जदयू सांसद को नीतीश के करीबी मंत्री ने दी सलाहः जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि जहां से गाइड हो रहे हैं वहीं से जातीय गणना का सर्वे कर लें. जब जनगणना होगी तो उसमें कास्ट का कॉलम भी जुड़वा दें और जब रिपोर्ट आ जाएगी तो मिला लेंगे क्या सही है क्या गलत. बता दें कि जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने तेली समाज के जातीय आंकड़ों पर सवाल खड़ा किया था. जातीय गणना की रिपोर्ट को खारिज किया था. सुनील कुमार पिंटू ने कहा था कि वह अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भी देंगे, लेकिन उससे पहले सभी जिले से तेली समाज के लोगों से राय ले लेंगे.
जातीय गणना के आंकड़ों पर प्रश्न चिह्नः जातीय गणना 2 अक्टूबर को जारी हुआ था. उसके बाद से बीजेपी और एनडीए के कई नेताओं ने आपत्ति दर्ज जतायी है. मुख्यमंत्री ने विधानसभा के 9 दलों की बैठक भी की थी और उसमें भी सभी दलों की ओर से सवाल खड़े किए गए थे. जीतन राम मांझी की ओर से मुसहर जाति को कम दिखाने का आरोप लगाया गया था. वहीं भाजपा की ओर से जातीय गणना के आंकड़ों को त्रुटि पूर्ण बताया गया. उपेंद्र कुशवाहा ने भी आंकड़ों को सही नहीं बताया था. चिराग पासवान ने भी चुनावी लाभ लेने के लिए कई जातियों के आंकड़े कम दिखाने की बात कही थी.
जातीय गणना रिपोर्ट पर प्रमुख नेताओं के बयान:
"जातीय सर्वे की शुद्धता निष्पक्षता की जांच कराई जाए. ओबीसी की संख्या कम और धर्म जाति विशेष की आबादी ज्यादा दर्ज कराई गई. 36 फीसदी अति पिछड़ाओं के लिए गद्दी छोड़ें नीतीश और तेजस्वी." - सुशील मोदी, BJP
"जातीय गणना की रिपोर्ट फर्जी है. हमसे जाति के बारे में पूछा तक नहीं गया."- उपेंद्र कुशवाहा, RLJD
"सत्तारूढ़ सरकार की राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए आंकड़ों में हेरा फेरी की गई है. सर्वेक्षण में पारदर्शिता की कमी है. जाति सर्वेक्षण के निष्कर्ष को खारिज करती है लोजपा रामविलास."- चिराग पासवान, LJPR
"मुसहर समाज की आबादी को जातीय गणना की रिपोर्ट में कम दिखाया गया है. अन्य जातियों की तरह इसमें भी वृद्धि हुई है, सरकार को इसे देखना चाहिए."- जीतन राम मांझी, HAM
"आबादी के अनुसार आरक्षण बढ़ाया जाएगा."- लालू प्रसाद यादव, RJD
"आरक्षण में मुसलमान के लिए आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए. पिछड़ियां और अत्यंत पिछड़ी जातियां आरक्षण का लाभ नहीं उठा पा रही है."- अख्तरुल इमान, CPIML
"आबादी के अनुसार हिस्सेदारी बढ़नी चाहिए."- महबूब आलम, AIMIM
जातीय गणना की रिपोर्ट बन रही मुसीबत: रिपोर्ट पर संदेह जताने वाले जदयू की तरफ से सांसद सुनील कुमार पिंटू इकलौते नहीं है. जदयू महासचिव प्रगति मेहता ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर धानुक समाज की आबादी कम दिखाने की बात कही है. फिर से जातीय गणना की मांग की है. एक तरफ जदयू कार्यालय में जश्न भी मनाया जा रहा है तो दूसरी तरफ पिछड़ा और अति पिछड़ा नेताओं की तरफ से सवाल भी खड़े किए जाने लगे हैं. ऐसे में नीतीश कुमार के लिए जातीय गणना की रिपोर्ट मुसीबत बनती जा रही है.
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