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जातीय जनगणना पर सियासतः BJP बोली शराबबंदी की तरह यह भी फेल होगा, RJD का पलटवार- भाजपा बेचैन क्यों है ?

बिहार में जातीय जनगणना (Bihar Caste Census 2023) शुरू होने के बाद सिसायी भी तेज हो गई है. इसको लेकर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गई है. नेता प्रतिपक्ष विजयी सिंहा ने कहा कि शराबबंदी की तरह यह भी फेल होगा. जिसपर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि BJP की बेजैनी बढ़ गई है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jan 7, 2023, 3:43 PM IST

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा व राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी

पटनाः बिहार में शनिवार से जाति जनगणना शुरू (Jati Janganana Bihar 2023) हो गई. जातीय जनगणना शुरू होते ही पक्ष-विपक्ष के बीच बयानबाजी भी तेज हो गई है. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा है कि बिहार में जातीय जनगणना हो रहा है, अच्छी बात है. इसमें 500 करोड़ खर्च किया जा रहा है. लेकिन इससे होगा क्या? हमको नहीं लगता कि इससे कोई फायदा होगा. समाज में इससे वैमनस्यता बढ़ सकती है. जिस तरह शराबबंदी फेल हुआ ठीक उसी तरह जातीय जनगणना करवाने की योजना भी फेल होगी.

यह भी पढ़ेंः Bihar Cast Census: बिहार में जातीय जनगणना शुरू, दो चरण में होगा सर्वे का काम

"जाति जनगणना जरूर हो लेकिन इसमें जो 500 करोड़ कर्च हो रहे हैं इससे लोगों को क्या लाभ मिलेगा. छात्रों पर जो लाठी बरसायी जा रही है. छात्रों की प्रतिभा का हनन हो रहा है इसपर भी ध्यान देना चाहिए. लेकिन इस समस्या का सामाधान के बजाय एक नया समस्या खड़ा कर रहे हैं. बिहार सरकार सत्ता में बने रहने के लिए ऐसा कर रहे हैं, जो कभी सफल नहीं होगा."- विजय सिन्हा नेता, प्रतिपक्ष

नरेंद्र मोदी की सरकार सबको लेकर साथ चल रही हैः विजय ने कहा कि कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार सबका विकास सबका साथ लेकर चल रही है. जो भी योजनाएं गरीब कल्याण के लिए चलाए जा रहे हैं, इसमें केंद्र सरकार कभी भी जाति का भेद नहीं किया गया है. गरीबों को योजना का लाभ भी मिल रहा है. वर्ष 1921 से अभी तक जातीय जनगणना नहीं हुआ. कहीं न कहीं उसमें कोई कारण होगा. ये भी समझना होगा कि बिहार में जो हालात है, उसमें जो पैसा जातीय जनगणना में खर्च कर रही है वो कहीं अन्य मद में खर्च किया जा सकता है जिससे आम जन को फायदा होगा.

भारतीय जनता पार्टी की बेचैनी बढ़ गईः भाजपा के नेताओं के बयान पर राजद ने भी पलटवार किया. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की बेचैनी बढ़ गई है. जब वह सरकार में थी उसी समय में जातीय जनगणना की बात सामने आई थी. हमारे नेता तेजस्वी यादव भी प्रधानमंत्री से मिलने के लिए गए थे. केंद्र सरकार ने जाति जनगणना नहीं कराया तो वर्तमान सरकार जातीय जनगणना करा रही है. इससे बीजेपी के लोगों को बेचैनी क्यों हो रही है?

अंतिम पायदान पर रह रहे लोगों को होगा फायदाः हम लोग मानते हैं कि जाति जनगणना कराने से समाज के उस वर्ग को फायदा मिलेगा जो अभी भी अंतिम पायदान पर है. सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें पहुंचाना है. यही सोच कर बिहार सरकार ने निर्णय लिया है. भाजपा को पता नहीं क्यों बेचैनी हो रही है? वह कुछ से कुछ बयानबाजी कर रही है. जो पूरी तरह से गलत है. भाजपा कितना भी बेचैन हो लेकिन राज्य सरकार लगातार समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े हुए लोगों को आगे बढ़ाना चाहती है. जाति जनगणना पूरी तहर से सफल होगा.

"सत्ता जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी बेचैन है. जाति जनगणना शुरू हुई है, ये सभी के हित में है. इसकी मांग लंबे समय से की जा रही है, लालू प्रसाद ने ही इसकी मांग शुरू की थी. लेकिन इस मांग को BJP ने ठुकरा दिया था. लेकिन अब बिहार सरकार करा रही है तो बेचैनी बढ़ रही है." -मृत्युंजय तिवारी प्रदेश प्रवक्ता, राजद

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा व राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी

पटनाः बिहार में शनिवार से जाति जनगणना शुरू (Jati Janganana Bihar 2023) हो गई. जातीय जनगणना शुरू होते ही पक्ष-विपक्ष के बीच बयानबाजी भी तेज हो गई है. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा है कि बिहार में जातीय जनगणना हो रहा है, अच्छी बात है. इसमें 500 करोड़ खर्च किया जा रहा है. लेकिन इससे होगा क्या? हमको नहीं लगता कि इससे कोई फायदा होगा. समाज में इससे वैमनस्यता बढ़ सकती है. जिस तरह शराबबंदी फेल हुआ ठीक उसी तरह जातीय जनगणना करवाने की योजना भी फेल होगी.

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"जाति जनगणना जरूर हो लेकिन इसमें जो 500 करोड़ कर्च हो रहे हैं इससे लोगों को क्या लाभ मिलेगा. छात्रों पर जो लाठी बरसायी जा रही है. छात्रों की प्रतिभा का हनन हो रहा है इसपर भी ध्यान देना चाहिए. लेकिन इस समस्या का सामाधान के बजाय एक नया समस्या खड़ा कर रहे हैं. बिहार सरकार सत्ता में बने रहने के लिए ऐसा कर रहे हैं, जो कभी सफल नहीं होगा."- विजय सिन्हा नेता, प्रतिपक्ष

नरेंद्र मोदी की सरकार सबको लेकर साथ चल रही हैः विजय ने कहा कि कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार सबका विकास सबका साथ लेकर चल रही है. जो भी योजनाएं गरीब कल्याण के लिए चलाए जा रहे हैं, इसमें केंद्र सरकार कभी भी जाति का भेद नहीं किया गया है. गरीबों को योजना का लाभ भी मिल रहा है. वर्ष 1921 से अभी तक जातीय जनगणना नहीं हुआ. कहीं न कहीं उसमें कोई कारण होगा. ये भी समझना होगा कि बिहार में जो हालात है, उसमें जो पैसा जातीय जनगणना में खर्च कर रही है वो कहीं अन्य मद में खर्च किया जा सकता है जिससे आम जन को फायदा होगा.

भारतीय जनता पार्टी की बेचैनी बढ़ गईः भाजपा के नेताओं के बयान पर राजद ने भी पलटवार किया. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की बेचैनी बढ़ गई है. जब वह सरकार में थी उसी समय में जातीय जनगणना की बात सामने आई थी. हमारे नेता तेजस्वी यादव भी प्रधानमंत्री से मिलने के लिए गए थे. केंद्र सरकार ने जाति जनगणना नहीं कराया तो वर्तमान सरकार जातीय जनगणना करा रही है. इससे बीजेपी के लोगों को बेचैनी क्यों हो रही है?

अंतिम पायदान पर रह रहे लोगों को होगा फायदाः हम लोग मानते हैं कि जाति जनगणना कराने से समाज के उस वर्ग को फायदा मिलेगा जो अभी भी अंतिम पायदान पर है. सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें पहुंचाना है. यही सोच कर बिहार सरकार ने निर्णय लिया है. भाजपा को पता नहीं क्यों बेचैनी हो रही है? वह कुछ से कुछ बयानबाजी कर रही है. जो पूरी तरह से गलत है. भाजपा कितना भी बेचैन हो लेकिन राज्य सरकार लगातार समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े हुए लोगों को आगे बढ़ाना चाहती है. जाति जनगणना पूरी तहर से सफल होगा.

"सत्ता जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी बेचैन है. जाति जनगणना शुरू हुई है, ये सभी के हित में है. इसकी मांग लंबे समय से की जा रही है, लालू प्रसाद ने ही इसकी मांग शुरू की थी. लेकिन इस मांग को BJP ने ठुकरा दिया था. लेकिन अब बिहार सरकार करा रही है तो बेचैनी बढ़ रही है." -मृत्युंजय तिवारी प्रदेश प्रवक्ता, राजद

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