पटनाः बिहार में जातिगत जनगणना का फैसला आने के बाद से भाजपा ने सरकार पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है. भाजपा के नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि बिहार में अपराधी चरम पर है, लेकिन सरकार को जातिगत जनगणना की पड़ी है. इसकी क्या जरूरत है? आज पटना हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है तो बिहार सरकार इसका स्वागत कर रहे हैं, लेकिन जब वही ईडी, सीबीआई कार्रवाई करती है तो बेचैनी होती है.
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संवैधानिक संस्था पर विश्वास नहींः विजय सिन्हा ने राजद की ओर इशारा करते हुए कहा कि इनलोगों को संवैधानिक संस्था पर कोई विश्वास नहीं है. ये लोग वंशतंत्र और राजतंत्र चलाने वाले हैं. भ्रष्टाचार की कमाई से बिहार के लोगों की संपत्ति हड़प लिए हैं. जब सीबीआई और ईडी पूछती है तो बेचैनी बढ़ जाती है. मेरा सवाल है कि यह लोग जबाव देने में क्यों डरते हैं. बिहार में अपराधी बढ़ा हुआ है, इसकी चिंता सरकार को नहीं है.
"अभी पटना हाईकोर्ट ने फैसला दे दिया है तो बिहार सरकार स्वागत कर रहे हैं, लेकिन जब वही सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स कार्रवाई करती है तो इस पर सवाल उठाया जाता है. इन लोगों को संवैधानिक संस्था पर विश्वास नहीं है. ये राजतंत्र और वंशतंत्र चलाने वाले लोग हैं. जब भ्रष्टाचार से कमायी गई संपती पर दबिश बढ़ती है तो बेचैनी हो जाती है. इनको जबाव देने में क्या दिक्कत है? आज बिहार में अपराध चरम पर है और सरकार को जातिगत जनगणना दिख रहा है, आखिर इसकी क्या जरूरत है?" - विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, भाजपा
हाईकोर्ट का फैसलाः मंगलवार को पटना हाईकोर्ट ने जातिगत जनगणना के खिलाफ दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि सरकार जातिगत जनगणना करवा सकती है. इसके बाद याचिका दायर करने वाले वकील ने सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात कही है. वहीं बिहार सरकार ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है. 3 जुलाई से लगातार पांच दिनों तक सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.