पटनाः राजधानी पटना के धनरूआ प्रखंड कार्यालय में भ्रष्टाचार के आरोप में केस दर्ज हुआ है. दरअसल, धनरूआ प्रखंड कार्यालय के पूर्व नाजिर अमरनाथ पासवान ने सरकारी राशि का लेखा-जोखा नहीं दिया था. उन्होंने कार्यालय में 50 लाख का लेखा-जोखा का कोई हिसाब उपलब्ध नहीं कराया. जिसकी वजह से प्रखंड विकास पदाधिकारी अजय कुमार ने धनरूआ थाने में उनके खिलाफ सरकारी धन के गबन का केस दर्ज कराया है.
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50 लाख रुपये का नहीं दिया हिसाब
प्रखंड विकास पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि वर्ष 2008 से 30 जून 2013 तक अमरनाथ पासवान नाजिर के पद पर धनरूआ में पदस्थापित थे. उस दौरान नजारत से खर्च की गई राशि में से 50 लाख रुपये का अब तक लेखा-जोखा उनके द्वारा कार्यालय को नहीं दिया गया है. धनरूआ से उनका तबादला पटना जिला स्थापना शाखा में हो गया था और अब वह सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं.
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पत्राचार के बावजूद उपलब्ध नहीं कराया लेखा-जोखा
प्रखंड कार्यालय में पदास्थापित उर्दू टंकण मोहम्मद शाहनवाज आलम ने बताया कि अमरनाथ पासवान से कई बार पत्राचार किया गया. इसके बावजूद अभी तक उन्होंने कोई भी लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं कराया. 2020 में जिलाधिकारी के आदेश के बाद मसौढ़ी कोषागार पदाधिकारी और भूमि उप समाहर्ता ने इस मामले की जांच की है.