पटना : बिहार में बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी हो गया है. इसके साथ ही इसमें कई तरह की त्रुटियों को लेकर अभ्यर्थियों में नाराजगी भी पनप रही है. इसी कड़ी में शुक्रवार को सैकड़ों अभ्यर्थी आयोग कार्यालय पहुंचे और त्रुटियों को लेकर अपनी मांग रखी. इसी दौरान छात्र नेता सौरभ ने भी अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर आयोग को ज्ञापन सौंपा. हालांकि, उनकी मुलाकात आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद से नही हुई, लेकिन अतुल प्रसाद की अनुपस्थिति में उप सचिव को ज्ञापन सौंपा.
ये भी पढ़ें : BPSC Teacher Recruitment: बीएड अभ्यर्थियों का रिजल्ट नहीं आने से फूटा गुस्सा, सुप्रीम कोर्ट में करेंगे चैलेंज
एक ही अभ्यर्थी का तीन सीटों पर रिजल्ट : छात्र नेता सौरभ कुमार ने कहा कि जब से शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया है, तब से अभ्यर्थियों के मन में यह सवाल है कि क्या खाली बचे सीटों को बचाने के लिए यह बहाली निकली गई है. उन्होंने कहा कि एक अभ्यर्थी को एक सीट पर ही रिजल्ट दिया जाए. कई अभ्यर्थियों का रिजल्ट प्राइमरी में भी है, उच्च माध्यमिक और माध्यमिक में भी है तो इस तरीके से ना किया जाए.
"50000 वैकेंसी के अनुरूप सीट तो रिजल्ट के समय ही कम हो गई है और इसमें भी लगभग 40000 नियोजित शिक्षक हैं और कई अभ्यर्थियों का तीन-तीन जगह रिजल्ट जारी हो गया है. ऐसे में वैकेंसी 50% भी नहीं भर पाएगी. मेरा आयोग से अनुरोध है कि सेकेंड मेरिट लिस्ट जारी की जाए और 120000 जो रिजल्ट जारी किया गया है तो उतने पदों पर नियुक्ति हो."- सौरभ, छात्र नेता
'सेकेंड लिस्ट जारी कर भरी जाए सीट' : वहीं शिक्षक अभ्यर्थी आशीष कुमार ने कहा कि इस रिजल्ट में लगभग 40000 रिजल्ट नियोजित शिक्षकों का है. ऐसे में बेरोजगार अभ्यर्थियों को जहां नौकरी देने की बात थी, वह तो रही नहीं क्योंकि नियोजित शिक्षक पहले से नौकरी में हैं. इसके अलावा नोटिफिकेशन से इतर कई अपियरिंग वाले अभ्यर्थी भी क्वालीफाई किए हैं, जो बाद में सीटेट परीक्षा में क्वालीफाई नहीं कर पाए हैं. इन सब सीटों पर जगह खाली नहीं रहनी चाहिए, क्योंकि अभ्यर्थी काफी संख्या में है और रिजल्ट का सेकंड लिस्ट जारी करते हुए सभी पदों को भरना चाहिए.
'ज्यादा रैंक होने पर भी नहीं मिला मनपसंद जिला': इस परीक्षा के अभ्यर्थी एसके प्रियदर्शी ने कहा कि "वह नियोजित शिक्षक हैं और उनका रैंक 217 है. बावजूद इसके उनका मनपसंद जिला, जो तीन जिला पूछे गए थे वह नहीं मिला है. उन्होंने पटना नालंदा और वैशाली जिला भरा था और उन्हें अररिया भेज दिया गया है. वही 425 नंबर लाने वाले को पटना जिला मिल गया है. इसी की शिकायत करने आयोग कार्यालय पहुंचे हुए हैं".
'कटअफ 41 से ज्यादा लाने पर भी नहीं आया रिजल्ट' : छपरा से आए शिक्षक अभ्यर्थी गुलाम मुस्तफा कलाम ने कहा कि उर्दू विषय में 5000 से अधिक सीट थी और काफी कम अभ्यर्थी क्वालीफाई किए हैं. ईबीसी कोटा में कट ऑफ 41 नंबर था और उनके पास ओएमआर शीट है जिसमें उनका 45 नंबर आ रहा है. एक तरफ वैकेंसी के अनुरूप अभ्यर्थी क्वालीफाई नहीं किए हैं दूसरी तरफ क्यूट से अधिक नंबर लाने की बावजूद उनका रिजल्ट नहीं निकला है. आखिर ऐसा क्यों हुआ है और कहां गड़बड़ी हुई है इसी को लेकर वह आयोग कार्यालय पहुंचे हुए हैं क्योंकि यह उनके भविष्य का सवाल है.