पटना: बिहार राज्य निर्वाचन आयोग (Bihar State Election Commission) के अनुसार बिहार में पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के दौरान कई लोगों ने समाचार पत्रों के माध्यम से भी प्रचार किया है. इस को ध्यान में रखते हुए आयोग के द्वारा निर्णय लिया गया है कि यदि कोई भी उम्मीदवार जो चुनाव जीते हैं या हारे हैं, जो चुनाव मैदान में थे उनको हर हाल में अपना चुनावी खर्च का हिसाब (Account of Election Expenses) देना होगा.
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बिहार में 11 चरणों में पंचायत चुनाव संपन्न हुए हैं. मंगलवार को अंतिम चरण का रिजल्ट जारी हुआ है. ऐसे में जो प्रत्याशी एक जनवरी 2022 तक चुनाव खर्च का ब्यौरा नहीं देंगे, उनकी सदस्यता भी रद्द की जा सकती है. साथ ही वे अगला चुनाव भी नहीं लड़ सकते हैं.
राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद ने सभी जिला अधिकारी और जिला निर्वाचन पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि पंचायत में ग्राम कचहरी के आम निर्वाचन 2021 में उम्मीदवारों द्वारा चुनावी खर्च संबंधी विवरण निर्वाचित पदाधिकारी के यहां जामा करने की सूचना दी जाए.
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कुल मिलाकर कह सकते हैं कि जो लोग चुनाव लड़े हैं, वह अगर 15 दिनों के अंदर अपनी जानकारी निर्वाचन आयोग से साझा नहीं करते हैं तो वे अगले चुनाव में शामिल नहीं हो सकते हैं. बहुत सारे प्रत्याशी राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा जारी खर्च की सीमा के बावजूद भी अधिक राशि खर्च किए हैं. ऐसे में उन प्रत्याशियों पर नकेल कसने के लिए यह फैसला लिया गया है.
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