पटना: मंगलवार को बिहार सरकार के कैबिनेट से शिक्षकों के 178026 पदों के सृजन पर मुहर लग गई. इसमें कक्षा 1 से 5 तक के लिए शिक्षकों के वैकेंसी की संख्या 50487 है, कक्षा 9 से 10 के लिए 33186 है, कक्षा 11 से 12 के लिए 57618 है जबकि कक्षा 6 से 8 तक के लिए वैकेंसी मात्र 1745 पद की है. शिक्षक अभ्यर्थियों ने सरकार के इस निर्णय को शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ छलावा बताते हुए बिहार में रिक्ति घोटाला करने का आरोप लगाया है.
STET पास अभ्यर्थियों में गहरी नाराजगी: वर्ष 2019 में एसटीईटी परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके शिक्षक अभ्यर्थियों ने इस फैसले को लेकर विरोध जताया है. साथ ही फिर से सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. एसटीईटी उत्तीर्ण छात्र अभिषेक झा ने कहा की सरकार का यह निर्णय गलत है. कहती थी कि 4 लाख शिक्षक की बहाली होगी. अब क्या हुआ? वहीं एसटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी नितेश पांडे ने कहा की जो निर्णय सरकार ने लिया है वो पूरी तरह चुनावी लॉलीपॉप है.
"इतने कम पद पर बहाली की जा रही है. सरकार का यह निर्णय एसटीईटी उत्तीर्ण छात्र के हित में नहीं है. हमलोग बीपीएससी के परीक्षा से नहीं डरते हैं. सिर्फ जो घोषणा सरकार ने पद के वेतनमान को लेकर की है हम उसका विरोध कर रहे हैं. सरकार सबसे पहले 4 लाख बहाली के अपने वादे को पूरा करे. वेतनमान को क्लियर करे. इसी वैकेंसी में नियोजित शिक्षक को भी राज्यकर्मी बनाया जाएगा ये बहुत बड़ी विडंबना है."- अभिषेक झा, शिक्षक अभ्यर्थी
"सरकार ने 4 साल से शिक्षक की बहाली नहीं की है. सरकारी विद्यालय में शिक्षक नहीं हैं और सरकार ने चुनावी लॉलीपॉप के कारण इस तरह का फैसला लिया है जो पूरी तरह गलत है. सरकार के इस फैसले के विरोध में फिर से हमलोग सड़क पर उतरेंगे. सरकार को अपना निर्णय बदलना होगा. जब तक 4 लाख शिक्षक पद की बहाली करने का निर्णय सरकार नहीं लेगी, हमारी लड़ाई जारी रहेगी. जो वेतनमान उन्होंने तय किया है वो भी गलत है. ग्रेड पे जो लागू करना है उसपर निर्णय नहीं लिया गया है. इसको लेकर भी हमारी लड़ाई जारी रहेगी."- नितेश पांडे, शिक्षक अभ्यर्थी
'शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ छलावा': वहीं बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने कहा कि आज की कैबिनेट बैठक में कुल 178026 सीटों पर मुहर लगाई है. यह शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ छलावा है. राइट टू एजुकेशन के रिपोर्ट के अनुसार बिहार में लगभग ढाई लाख से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं और इसके अनुसार भी लगभग 1 लाख वैकेंसी कम निकाली गई है. सरकार के इस निर्णय से सवाल उठ रहा है कि सरकार सरकारी विद्यालयों को शिक्षक विहीन बनाना चाहती है. कक्षा 6 से 8 के लिए नगण्य वैकेंसी निकाली गई है. सरकार के इस निर्णय का हम लगातार विरोध कर रहे हैं. क्योंकि 4 वर्ष से लाखों की तादाद में शिक्षक अभ्यर्थी बहाली का इंतजार कर रहे थे. जब वैकेंसी आई तो वह भी काफी कम वैकेंसी आई है.
"यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने कक्षा 6 से 8 तक के लिए 0 वैकेंसी रखी है. 1745 वैकेंसी जो निकाली गई है वह स्पेशल एजुकेटर के लिए है. सीटेट में पेपर 2 की जो परीक्षा हुई थी कक्षा 6 से 8 के लिए उसमें लगभग 45000 अभ्यर्थी क्वालीफाई किए थे. सरकार के इस निर्णय से यह अभ्यर्थी सीधे सड़क पर आ गए हैं. सरकार से हम अनुरोध करेंगे कि अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें और लगभग ढाई लाख से अधिक जितनी रिक्तियां हैं उतने पदों पर वैकेंसी निकालें."- दीपांकर गौरव , प्रदेश अध्यक्ष, बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ