पटना: बिहार में शिक्षक बहाली प्रक्रिया (Teacher Recruitment Process In Bihar) को लेकर अभ्यर्थियों में आक्रोश है. आक्रोश का बहाली प्रक्रिया में रोज-रोज किए जाने वाले बदलाव है. सरकार की ओर से शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में डोमिसाइल पॉलिसि को खत्म कर दिया गया है. जिससे अब इस परीक्षा में देशभर के अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं. इसी का प्रदेश के अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं. सरकार की ओर से संशोधन किए जाने के बाद छात्रों ने सरकार से इसे वापस लेने के लिए अल्टीमेटम दिया था.
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सरकार को दिया था 72 घंटे का अल्टीमेटम: शिक्षक अभ्यर्थी ने सरकार को डोमिसाइल पॉलिसी को वापस लेने के लिए 72 घंटे की मोहलत दी थी. लेकिन 72 घंटे बीत जाने के बाद भी इस पर सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. जिसके बाद अब शिक्षक अभ्यर्थियों ने आंदोलन करने का फैसला किया है. शिक्षक अभ्यर्थी एक जुलाई से सड़कों पर उतरेंगे और सरकार की इस नीति का विरोध करेंगे.
सरकार के खिलाफ शिक्षक अभ्यर्थी करेंगे आंदोलन: डोमिसाइल नीति में बदलाव को लेकर शिक्षक अभ्यर्थी बिहार सरकार का विरोध कर रहे हैं. इस संबंध में शिक्षक अभ्यर्थियों ने कहा कि 14-15 राज्यों में स्थानीय नीति है, जहां दूसरे राज्य के अभ्यर्थी शिक्षक नहीं बन सकते, लेकिन बिहार सरकार ने शिक्षक भर्ती नियमावली में बदलाव कर दिया है. अब बिहार में शिक्षक बनने के लिए बिहारी होना जरूरी नहीं है. बाहरी लोग भी शिक्षक बन सकते हैं. ऐसे में शिक्षक संघों ने डोमिसाइल नीति हटाने के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है.
नीतीश कैबिनेट ने दी है मंजूरी : शिक्षक नियमावली 2023 में संशोधन को मंजूरी देकर इसमें पूर्व से निर्धारित डोमिसाइल नीति में बदलाव किया गया है. यानी नई नीति के मुताबिक दूसरे प्रदेश का अभ्यर्थी भी बिहार में अर्हता रखता है. इससे पहले डोमिसाइल नीति लागू थी. बिहार के अभ्यर्थी इसीलिए इसका विरोध कर रहे हैं.