पटना: राजद सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) चिराग पासवान (Chirag Paswan) को महागठबंधन के साथ लाने की कोशिश में काफी समय से लगे हुए हैं. लेकिन इसमें तेजी तब आई जब केंद्रीय कैबिनेट का विस्तार हुआ और चिराग पासवान का बीजेपी से मोह भंग हो गया. चिराग पासवान के महागठबंधन में आने से राजद को इसका बड़ा लाभ मिल सकता है. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की मुसीबत बढ़ सकती है.
यह भी पढ़ें- Bihar Politics: क्यों तेजस्वी चाहते हैं चिराग को महागठबंधन में शामिल कराना, जानें वजह
चिराग पासवान दलित वोट बैंक की ताकत विधानसभा चुनाव में दिखा चुके हैं, जहां अकेले चुनाव में उतर कर उन्होंने नीतीश की जदयू को तीसरे नंबर पर जाने को मजबूर कर दिया. नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री जरूर बन गए लेकिन उन्हें भी इस बात का एहसास है कि उनकी पार्टी तीसरे नंबर पर है. और यही वजह है कि सरकार बनाने के बाद वे लगातार जदयू का कुनबा बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं.
राजद नेता इस बात को स्वीकार करते हैं कि रामविलास पासवान की विरासत के असली हकदार चिराग पासवान ही हैं. एजाज अहमद कहते हैं "अगर चिराग पासवान महागठबंधन का हिस्सा बनते हैं तो यह स्वाभाविक बात होगी क्योंकि उनके पिता रामविलास पासवान खुद समाजवादी आंदोलन के बड़े नेता रहे हैं और दलितों की आवाज हमेशा मुखर तरीके से उठाई है."
इधर बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा कहते हैं "चिराग पासवान के महागठबंधन में शामिल होने से एनडीए पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए के बड़े चेहरे हैं."
वहीं जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने ट्वीट किया है कि घोटालू परिवार की लालटेन का तेल निकालने वाले स्वप्न रोगी अब बुझे चिराग के साथ खुलकर सामने आ गए हैं. अब दोनों मिलकर ट्वीट-ट्वीट खेलकर अपनी कुंठा मिटायेंगे.
-
'घोटालू' परिवार की 'लालटेन का तेल' निकालने वाले 'स्वप्न रोगी' अब 'बुझे चिराग़' के साथ खुलकर सामने आ गये हैं।
— Neeraj kumar (@neerajkumarmlc) July 12, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
अब दोनों मिलकर ट्वीट-ट्वीट खेलकर अपनी 'कुंठा' मिटाएंगे।
राम मिलाये जोड़ी, एक ...😊
">'घोटालू' परिवार की 'लालटेन का तेल' निकालने वाले 'स्वप्न रोगी' अब 'बुझे चिराग़' के साथ खुलकर सामने आ गये हैं।
— Neeraj kumar (@neerajkumarmlc) July 12, 2021
अब दोनों मिलकर ट्वीट-ट्वीट खेलकर अपनी 'कुंठा' मिटाएंगे।
राम मिलाये जोड़ी, एक ...😊'घोटालू' परिवार की 'लालटेन का तेल' निकालने वाले 'स्वप्न रोगी' अब 'बुझे चिराग़' के साथ खुलकर सामने आ गये हैं।
— Neeraj kumar (@neerajkumarmlc) July 12, 2021
अब दोनों मिलकर ट्वीट-ट्वीट खेलकर अपनी 'कुंठा' मिटाएंगे।
राम मिलाये जोड़ी, एक ...😊
बिहार की सियासत को बेहद करीब से जानने और समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं "विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल ने नंबर वन पार्टी का दर्जा हासिल किया. लेकिन चिराग पासवान ने अकेले दम पर बिहार की आधी सीटों पर चुनाव लड़ा और करीब 6% वोट हासिल किया. अगर वह बिहार की पूरी 243 सीटों पर चुनाव लड़ते तो उनका वोट प्रतिशत करीब 13% हो सकता था. इस 13% वोट से सरकार बनी या गिराई जा सकती है."
चिराग पासवाना बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभा सकते हैं. इस बात का एहसास भली-भांति लालू यादव को भी है. चिराग पासवान का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है क्योंकि आने वाले वक्त में वे ना सिर्फ नीतीश कुमार बल्कि पूरे एनडीए के लिए बड़ी मुसीबत बन सकते हैं और यही वजह है कि लालू यादव और तेजस्वी यादव, चिराग पासवान को साधने में लगे हैं.
बिहार में करीब 16% यादव वोट बैंक और करीब 6% पासवान वोट बैंक है. करीब 16% मुस्लिम वोट बैंक भी पहले से राष्ट्रीय जनता दल के साथ माना जाता है. अगर दलित वोट बैंक भी राजद के साथ जुड़ता है तो भविष्य में ना सिर्फ बिहार बल्कि यूपी में होने वाले चुनाव में भी इसका फायदा लालू तेजस्वी और यूपी में अखिलेश यादव को होगा.
कुल मिलाकर देखें तो चिराग पासवान जितने ज्यादा खुलकर नीतीश कुमार के खिलाफ आएंगे उतना ही वे उनकी मुसीबत बढ़ाएंगे. क्योंकि पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के खराब नतीजों के लिए चिराग पासवान को ही जिम्मेदार माना गया और अब चिराग पासवान और तेजस्वी की नजदीकियां खास तौर पर नीतीश कुमार की टेंशन बढ़ाने वाली हैं.