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Patna News: गया, औरंगाबाद में नक्सलियों और नशीली पदार्थों के उत्पादन पर रोक को लेकर चलाया जा रहा अभियान - नशे के खिलाफ अभियान

बिहार के गया और औरंगाबाद जिले में सुरक्षाबलों के द्वारा नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है. वहीं, अब सुरक्षाबलों द्वारा नशे के खिलाफ अभियान (Campaign Against Drugs) चलाया जा रहा है. सुरक्षा बलों ने कई जगहों में अफीम की खेती को नष्ट किया है.

एडीजी जिंतेंद्र सिंह गंगवार
एडीजी जिंतेंद्र सिंह गंगवार
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Published : Feb 10, 2023, 6:22 PM IST

एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार

पटना: बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarters) के अनुसार बीते महिने गया जिले से बिहार पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों का नक्सल विरुद्ध संयुक्त अभियान जारी है. इस अभियान में पुलिस बल के द्वारा काफी सफलता हासिल की गई है. सुरक्षाबलों द्वारा नक्सलियों के खिलाफ लगातार छापेमारी की जा रही है. बीते दो तीन दिनों में गया जिले के बांके बाजार थाना क्षेत्र में थाना से 7 से 8 किलोमीटर दक्षिणी जंगली क्षेत्र डुमरी और सिमरी में सुरक्षा बलों द्वारा संयुक्त अभियान चलाया गया.

ये भी पढ़ें- Bihar Police: सोशल मीडिया के जरिए ले सकेंगे पुलिस की मदद, बिहार पुलिस को अपराध नियंत्रण के लिए दे सकेंगे सुझाव

नक्सलियों के विरुद्ध अभियान: नक्सलियों के विरूद्ध चलाए गए अभियान में जंगल में छिपाकर रखे गए हथियार और भारी मात्रा में कारतूस को बरामद कर जब्त किया गया. जिसमें 3, राइफल 3 मैगजीन के अलावे 1008 जिंदा गोली बरामद किया गया. पुलिस मुख्यालय के अनुसार नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत कल नक्सली अभ्यास भुइया उर्फ प्रेम भुइयां (जो माओवादियों का रीजनल कमेटी सदस्य था) ने बिहार पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के पदाधिकारियों के समक्ष हथियार और गोली सहित आत्मसमर्पण किया है.

एक नक्सली ने किया आत्मसमर्पण: एडीजी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली अभ्यास भुइयां झारखंड का रहने वाला है और वर्ष 2003 से सक्रिय रुप से नक्सली संगठन में शामिल हुआ था. उन्होंने बताया कि उक्त नक्सली को 2015 में रीजनल कमांडर बनाया गया था. 2003 से लेकर 2023 तक इसके खिलाफ दर्जनों अपराधिक नक्सली मामले दर्ज हैं. झारखंड सरकार की ओर से इस पर 15 लाख और बिहार सरकार की ओर से 25 लाख का इनाम घोषित किया गया था. समर्पण के बाद बिहार सरकार द्वारा घोषित आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के अंतर्गत उसे सहायता प्रदान की जाएगी.

गया औरंगाबाद में सुरक्षाबलों का अभियान: पुलिस मुख्यालय के मुताबिक प्रत्येक वर्ष बिहार के गया, औरंगाबाद क्षेत्रों के अलावा अन्य क्षेत्रों में जहां पर मादक पदार्थ की खेती होती है, उसे पुलिस बल और अर्धसैनिक बल के द्वारा नष्ट किया जाता रहा है. बीते वर्षों में भी हजारों एकड़ जमीन पर उगाई गई अफीम की खेती को नष्ट किया जा चुका है. इस वर्ष भी इसकी शुरुआत हो चुकी है. औरंगाबाद और गया जिले में सैकड़ों एकड़ में लगी नशीली पदार्थ को नष्ट किया गया है. यह कार्रवाई आगे की जारी रहेगी.

अफीम की खेती नष्ट: दरअसल, बिहार में होली तक यह अभियान चलता है, क्योंकि उसी वक्त इसका उत्पादन होता है. वहीं, औरंगाबाद जिला अंतर्गत औरंगाबाद पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बल की विशेष अभियान के तहत मदनपुर थाना क्षेत्र के पचरुखिया गढ़िया पहाड़ और इसके आसपास के क्षेत्रों में औरंगाबाद पुलिस , एसटीएफ और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के द्वारा एक संयुक्त सर्च अभियान में भारी मात्रा में कारतूस और आईडी बरामद कर जब्त किया गया है.

एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार

पटना: बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarters) के अनुसार बीते महिने गया जिले से बिहार पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों का नक्सल विरुद्ध संयुक्त अभियान जारी है. इस अभियान में पुलिस बल के द्वारा काफी सफलता हासिल की गई है. सुरक्षाबलों द्वारा नक्सलियों के खिलाफ लगातार छापेमारी की जा रही है. बीते दो तीन दिनों में गया जिले के बांके बाजार थाना क्षेत्र में थाना से 7 से 8 किलोमीटर दक्षिणी जंगली क्षेत्र डुमरी और सिमरी में सुरक्षा बलों द्वारा संयुक्त अभियान चलाया गया.

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नक्सलियों के विरुद्ध अभियान: नक्सलियों के विरूद्ध चलाए गए अभियान में जंगल में छिपाकर रखे गए हथियार और भारी मात्रा में कारतूस को बरामद कर जब्त किया गया. जिसमें 3, राइफल 3 मैगजीन के अलावे 1008 जिंदा गोली बरामद किया गया. पुलिस मुख्यालय के अनुसार नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत कल नक्सली अभ्यास भुइया उर्फ प्रेम भुइयां (जो माओवादियों का रीजनल कमेटी सदस्य था) ने बिहार पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के पदाधिकारियों के समक्ष हथियार और गोली सहित आत्मसमर्पण किया है.

एक नक्सली ने किया आत्मसमर्पण: एडीजी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली अभ्यास भुइयां झारखंड का रहने वाला है और वर्ष 2003 से सक्रिय रुप से नक्सली संगठन में शामिल हुआ था. उन्होंने बताया कि उक्त नक्सली को 2015 में रीजनल कमांडर बनाया गया था. 2003 से लेकर 2023 तक इसके खिलाफ दर्जनों अपराधिक नक्सली मामले दर्ज हैं. झारखंड सरकार की ओर से इस पर 15 लाख और बिहार सरकार की ओर से 25 लाख का इनाम घोषित किया गया था. समर्पण के बाद बिहार सरकार द्वारा घोषित आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के अंतर्गत उसे सहायता प्रदान की जाएगी.

गया औरंगाबाद में सुरक्षाबलों का अभियान: पुलिस मुख्यालय के मुताबिक प्रत्येक वर्ष बिहार के गया, औरंगाबाद क्षेत्रों के अलावा अन्य क्षेत्रों में जहां पर मादक पदार्थ की खेती होती है, उसे पुलिस बल और अर्धसैनिक बल के द्वारा नष्ट किया जाता रहा है. बीते वर्षों में भी हजारों एकड़ जमीन पर उगाई गई अफीम की खेती को नष्ट किया जा चुका है. इस वर्ष भी इसकी शुरुआत हो चुकी है. औरंगाबाद और गया जिले में सैकड़ों एकड़ में लगी नशीली पदार्थ को नष्ट किया गया है. यह कार्रवाई आगे की जारी रहेगी.

अफीम की खेती नष्ट: दरअसल, बिहार में होली तक यह अभियान चलता है, क्योंकि उसी वक्त इसका उत्पादन होता है. वहीं, औरंगाबाद जिला अंतर्गत औरंगाबाद पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बल की विशेष अभियान के तहत मदनपुर थाना क्षेत्र के पचरुखिया गढ़िया पहाड़ और इसके आसपास के क्षेत्रों में औरंगाबाद पुलिस , एसटीएफ और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के द्वारा एक संयुक्त सर्च अभियान में भारी मात्रा में कारतूस और आईडी बरामद कर जब्त किया गया है.

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