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पटना शाहपुर पुलिस की करवाई, 63 बोतल अंग्रेजी शराब के साथ दो तस्कर गिरफ्तार

बिहार में जहरीली शराबकांड (Bihar Hooch Tragedy) के बाद पटना पुलिस शराब कारोबारियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है. इसी कड़ी में पुलिस ने विदेशी की खेप को जब्त किया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Dec 28, 2022, 11:06 PM IST

पटनाः सारण में जहरीली शराब से मौतों (Chapra Hooch Tragedy) के बाद पुलिस और प्रशासनिक महकमे में बवाल मचा हुआ है. एक-एक बोतल शराब और एक-एक शराबियों की तलाश में पुलिस और उत्पाद विभाग ने पूरी ताकत झोंक दी है. इसी कड़ी में शाहपुर थाना क्षेत्र के दाउदपुर बगीचा से 63 बोतल अंग्रेजी शराब के साथ दो तस्कर को पुलिस ने गिरफ्तार (Liquor Recovered In Patna) किया है.

ये भी पढ़ें- पटना में विदेशी शराब का जखीरा बरामद, झोपड़ी में छिपाकर रखी गई थी अंग्रेजी दारू

"दाउदपुर बगीचा निवासी जय प्रसाद राय अंग्रेजी शराब का कारोबार करता था. सूचना के आधार पर पुअनि वरुण कुमार सिंह व पुलिस बल के साथ टीम गठित कर छापेमारी की गयी. पुलिस को देखकर भागते हुए जय प्रसाद राय के बेटे, वीर कुमार व उसके भाई चंदन कुमार को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने घर की तलाशी ली तो एक कमरे में भूसे के बोरे से 63 बोतल अंग्रेजी शराब मिला. गिरफ्तार वीर व चंदन से पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया."-सम्राट दीपक, थानाध्यक्ष

बिहार में पूर्ण शराबबंदी: लोग बच्चों की शिक्षा पर खर्च कर रहे हैं. यह सर्वे किया गया था. सर्वे एक तरह से सरकार के पक्ष में ही था. अब एक बार फिर से नीतीश कुमार व्यापक स्तर पर सर्वे कराने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि इससे पहले इसी साल आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय और ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट की ओर से स्टडी किया गया था. जिसमें 80% लोगों ने शराबबंदी के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था. लेकिन अब शराबबंदी से क्या फायदे हुए हैं, इसका व्यापक सर्वे होगा और लोगों का क्या सुझाव है, उस पर भी आगे रणनीति तैयार होगी. कानून व्यवस्था और शराबबंदी को लेकर ही मुख्यमंत्री ने आर एस भट्टी को डीजीपी पद की जिम्मेवारी दी है.

शराबबंदी को लेकर बिहार में संग्राम: मुख्यमंत्री नए साल में ग्रामीण इलाकों का भ्रमण करने वाले भी हैं और उसमें शराबबंदी बड़ा मुद्दा होगा. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने विभाग को भी निर्देश दिया है कि शराब के अवैध धंधे में लगे लोगों को पकड़े न की पीने वालों को. राजनीतिक विशेषज्ञ रवि उपाध्याय का भी कहना है कि सबकुछ 2024 की तैयारी है. क्योंकि नीतीश कुमार का यूएसपी कानून व्यवस्था है. और शराबबंदी को लेकर भी नीतीश कुमार अडिग हैं. अब बड़ी जिम्मेदारी उन्होंने आर एस भट्टी को दे दी है. क्योंकि बीजेपी इसी दोनों मुद्दे को भुनाने में लगी है और आगे भी इसको मुद्दा बनाने की तैयारी है.

पटनाः सारण में जहरीली शराब से मौतों (Chapra Hooch Tragedy) के बाद पुलिस और प्रशासनिक महकमे में बवाल मचा हुआ है. एक-एक बोतल शराब और एक-एक शराबियों की तलाश में पुलिस और उत्पाद विभाग ने पूरी ताकत झोंक दी है. इसी कड़ी में शाहपुर थाना क्षेत्र के दाउदपुर बगीचा से 63 बोतल अंग्रेजी शराब के साथ दो तस्कर को पुलिस ने गिरफ्तार (Liquor Recovered In Patna) किया है.

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"दाउदपुर बगीचा निवासी जय प्रसाद राय अंग्रेजी शराब का कारोबार करता था. सूचना के आधार पर पुअनि वरुण कुमार सिंह व पुलिस बल के साथ टीम गठित कर छापेमारी की गयी. पुलिस को देखकर भागते हुए जय प्रसाद राय के बेटे, वीर कुमार व उसके भाई चंदन कुमार को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने घर की तलाशी ली तो एक कमरे में भूसे के बोरे से 63 बोतल अंग्रेजी शराब मिला. गिरफ्तार वीर व चंदन से पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया."-सम्राट दीपक, थानाध्यक्ष

बिहार में पूर्ण शराबबंदी: लोग बच्चों की शिक्षा पर खर्च कर रहे हैं. यह सर्वे किया गया था. सर्वे एक तरह से सरकार के पक्ष में ही था. अब एक बार फिर से नीतीश कुमार व्यापक स्तर पर सर्वे कराने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि इससे पहले इसी साल आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय और ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट की ओर से स्टडी किया गया था. जिसमें 80% लोगों ने शराबबंदी के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था. लेकिन अब शराबबंदी से क्या फायदे हुए हैं, इसका व्यापक सर्वे होगा और लोगों का क्या सुझाव है, उस पर भी आगे रणनीति तैयार होगी. कानून व्यवस्था और शराबबंदी को लेकर ही मुख्यमंत्री ने आर एस भट्टी को डीजीपी पद की जिम्मेवारी दी है.

शराबबंदी को लेकर बिहार में संग्राम: मुख्यमंत्री नए साल में ग्रामीण इलाकों का भ्रमण करने वाले भी हैं और उसमें शराबबंदी बड़ा मुद्दा होगा. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने विभाग को भी निर्देश दिया है कि शराब के अवैध धंधे में लगे लोगों को पकड़े न की पीने वालों को. राजनीतिक विशेषज्ञ रवि उपाध्याय का भी कहना है कि सबकुछ 2024 की तैयारी है. क्योंकि नीतीश कुमार का यूएसपी कानून व्यवस्था है. और शराबबंदी को लेकर भी नीतीश कुमार अडिग हैं. अब बड़ी जिम्मेदारी उन्होंने आर एस भट्टी को दे दी है. क्योंकि बीजेपी इसी दोनों मुद्दे को भुनाने में लगी है और आगे भी इसको मुद्दा बनाने की तैयारी है.

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