पटनाः गर्मी शुरू होते ही पानी की समस्या (water crisis in bihar) शुरू हो जाती है. ऐसे में पानी की समस्या से निपटने के लिए पीएचडी विभाग ने काम शुरू कर दिया है. पानी की समस्या की शिकायत के लिए टॉल फ्री नंबर जारी किया गया है, जिसपर कॉल कर अपने जिले की समस्या से अवगत करा सकते हैं. इसके बाद कर्मी आकर इस समस्या का समाधान करेंगे. मार्च के महीने से गर्मी शुरू हो जाती है. इसी को देखते हुए विभाग ने कॉल सेंटर की शुरुआत की है.
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जलस्तर में गिरावटः बढ़ती गर्मी के कारण साल दर साल राज्य के दर्जनों जिलों में जलस्तर में गिरावट दर्ज की जा रही है. बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2022 -23 के अनुसार पूर्णिया, मधेपुरा, किशनगंज, छपरा, मुजफ्फरपुर, शिवहर, अररिया, कटिहार, सुपौल, सिवान, गोपालगंज व सीतामढ़ी इलाकों में भूजल स्तर में काफी गिरावट हुई है. हालांकि अब गर्मी अभी से ही दस्तक दे दी है तो निश्चित तौर पर आने वाले समय में पानी के लिए राज्य में हाहाकार मच जाएगा.
नल जल की मॉनिटरिंगः बिहार हर साल पानी की समस्या से जूझता रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वकांक्षी योजना हर घर नल जल की मॉनिटरिंग के लिए सचिवालय में कंट्रोल रूम 2020 से स्थापित किया गया है. जिसमें राज्य भर के लोग टंकी सफाई, मोटर जलना ,पानी की कमी के साथ पंचायती राज और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के साथ नगर विकास एवं आवास कि शिकायत टॉल फ्री नंबर पर शिकाय कर सकते हैं.
इस दिन कर सकते हैं कॉलः कंट्रोल रूम के सीसीए अभिजीत कुमार ने बताया कि बिहार के जिले से लगभग 300- 400 कॉल आना शुरू हो गया है. इस कॉल सेंटर में सोमवार से शुक्रवार तक 9:00 से 5:00 तक कर्मचारी मौजूद रहते हैं. समस्या सुनने के बाद जिस जिले का मामला होता है वहां के अधिकारी को सूचित किया जाता है. उसके बाद जो भी समस्या है, उसको ठीक कराया जाता है. शनिवार और रविवार को 10:00 बजे से 2:00 बजे तक कंट्रोल काम करता है.
जल्द से जल्द ठीक कराया जाएगाः नल जल के साथ चापाकल की शिकायत आती है. मोटर जलने की भी शिकायत आती है. कई लोग चापाकल से पानी नहीं आ रहा है इसकी भी शिकायत करते हैं. पीएचडी विभाग गर्मी को लेकर के पूरी तैयारी कर ली है. कॉल सेंटर में जो लोग भी कॉल करेंगे कॉल सेंटर के कर्मचारी उनकी शिकायत को जिले में हस्तांतरित करेंगे. जिलों से निगरानी टीम उस स्थल पर जाकर जांच करती है, जो समस्या होती है उसको जल्द से जल्द ठीक कराने का काम करती है.
निगरानी टीम बनाई गई हैः गंगा नदी या पोखर के आसपास या राज्य में जो सहायक नदियां हैं, उसके आसपास के इलाकों में पानी की गुणवत्ता पर सवाल उठता है. क्योंकि गंगा नदी या सहायक नदियों में अपशिष्ट जल निर्वाहन के कारण समस्या उत्पन्न होती है. ऐसे में पीएचडी विभाग की तरफ से पानी की जांच और जांच के नतीजे लोगों से साझा करने के लिए निगरानी टीम बनाई है, जो जिलों में पहुंचकर के पानी की गुणवत्ता की जांच करेगी.
"लोगों की शिकायत के लिए टॉल फ्री नंबर 18001231121 जारी किया गया, इस पर कॉल कर समस्या की जानकारी दे सकते हैं. जानकारी मिलने के बाद उसे जिले के अधिकारी के पास भेजा जाएगा, इसके बाद कर्मियों को भेज समस्या का समाधान किया जाएगा. सोमवार से शुक्रवार तक 9 से 5 बजे तक शिकायत दर्ज करा सकते हैं." -अभिजीत कुमार, कंट्रोल रूम के सीसीए