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अमेजन और फ्यूचर समूह की लड़ाई में भारतीय कंपनी का साथ देगा CAIT

कैट के मुताबिक अमेज़न द्वारा फेमा का ऐसा उल्लंघन फेमा अधिनियम की धारा 13 में निर्दिष्ट जुर्माना लगाने के लिए एक प्रमाणित मामला है. जिसके अनुसार मौद्रिक जुर्माना उल्लंघन में शामिल राशि का तीन गुना तक है. जिसका अर्थ है कि अमेज़न 1 लाख 20,000 करोड़ रुपये के मौद्रिक दंड के लिए उत्तरदायी है.

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Published : Nov 22, 2020, 4:16 PM IST

पटना: अमेजन और फ्यूचर रिटेल के बीच जारी जंग को लेकर फिक्की और सीआईआई की चुप्पी पर कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट ने हैरानी जताई है. कैट के बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी और कोषाध्यक्ष अरूण कुमार ने कहा कि बेशक भारतीय कम्पनी फ्यूचर ग्रुप से व्यापारियों में मतभेद है, लेकिन राष्ट्र हित में विदेशी कंपनी और भारतीय कंपनी की इस लड़ाई में हम भारतीय कंपनी का साथ देंगे.

कैट ने इस मामले पर फिक्की और सीआईआई जैसे उद्योग संगठनों की चुप्पी पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ये संगठन अभी तक इस मामले पर क्यों नहीं बोला. ऐसा प्रतीत होता है कि इसके पीछे कहीं इन संगठनों का निहित स्वार्थ तो नहीं छुपा हुआ है. कैट ने कहा कि भारतीय कम्पनी के साथ हमारा मतभेद देश का अंदरूनी मामला है. जिसे हम सुलझा लेंगे, लेकिन कोई विदेशी कम्पनी यदि भारतीय कम्पनी का अनैतिक तरीके से अधिग्रहण करेगी तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

सरकार की अनिवार्य अनुमति नहीं ली

आपको बताएं कि 4 नवम्बर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को सबूती दस्तावेज के साथ एक ज्ञापन भेजकर अमेज़न के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है. कैट ने अपने ज्ञापन में अमेज़न पर भारत सरकार की एफडीआई पालिसी एवं विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघनों में शामिल होने के लिए अमेज़न पर सीधे आरोप लगाए थे और भारत में मल्टी ब्रांड रिटेल गतिविधियों चलाने के लिए सरकार की अनिवार्य अनुमति नहीं लेने का आरोप भी लगाया था.

व्यापार नष्ट करने पर तुला है अमेजन
कैट बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा और महासचिव डॉ. रमेश गांधी ने कहा कि भारत के व्यापारी अमेजन द्वारा उनके व्यापार को नष्ट किये जाने को लेकर बेहद चिंतित हैं, क्योंकि अमेज़न उनका व्यापार नष्ट करने पर तुला है. इसीलिए अमेज़न हर रास्ता अपना कर भारत के रिटेल कारोबार पर अपना कब्ज़ा जमाने के लिए कुछ भी अधिकृत अथवा अनाधिकृत रास्ता अपनाकर मनमानी व्यापारिक गतिविधियां कर रहा है. यह तो फ्यूचर समूह और अमेज़ॅन के बीच लड़ाई है, जिसके चलते अमेज़ॅन द्वारा सिंगापुर में स्तिथिआर्बिट्रेशन पैनल में जिरह के दौरान अमेज़न ने इस बात को स्वीकार किया कि वो फ्यूचर रिटेल जोकि एक मल्टी ब्रांड रिटेल कम्पनी है, को भी नियंत्रित कर रहा है. यह सरकार की एफडीआई नीति के खिलाफ है.

निर्धारित शर्तों का भी घोर उल्लंघन
कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी व कोषाध्यक्ष अरूण कुमार ने कहा कि अमेज़ॅन फ्यूचर ग्रुप में निवेश (एफसीएल के माध्यम से) फेमा 1999 अधिनियम की धारा 13 का उल्लंघन है. यह फेमा के नियम 23 के स्पष्टीकरण (डी) का भी उल्लंघन करता है, फेमा के अनुसूची -1 के तहत निर्धारित प्रवेश मार्ग का उल्लंघन करता है, अनुसूची -1 के खंड 15.4 का भी यह स्पष्ट उल्लंघन है. यह एफडीआई नीति के प्रेस नोट नंबर 2 के तहत निर्धारित शर्तों का भी घोर उल्लंघन करता है.

केंद्र सरकार करें कार्रवाई

कैट ने केंद्र से तत्काल कार्रवाई की मांग की है. इस मुद्दे पर सरकार के कानूनों और नियमों में व्यापारियों का विश्वास बहाल करने के लिए कैट ने संबंधित अधिनियम और नियमों के तहत आरबीआई, सेबी और प्रवर्तन निदेशालय से अमेज़न के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की भी मांग की है.

पटना: अमेजन और फ्यूचर रिटेल के बीच जारी जंग को लेकर फिक्की और सीआईआई की चुप्पी पर कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट ने हैरानी जताई है. कैट के बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी और कोषाध्यक्ष अरूण कुमार ने कहा कि बेशक भारतीय कम्पनी फ्यूचर ग्रुप से व्यापारियों में मतभेद है, लेकिन राष्ट्र हित में विदेशी कंपनी और भारतीय कंपनी की इस लड़ाई में हम भारतीय कंपनी का साथ देंगे.

कैट ने इस मामले पर फिक्की और सीआईआई जैसे उद्योग संगठनों की चुप्पी पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ये संगठन अभी तक इस मामले पर क्यों नहीं बोला. ऐसा प्रतीत होता है कि इसके पीछे कहीं इन संगठनों का निहित स्वार्थ तो नहीं छुपा हुआ है. कैट ने कहा कि भारतीय कम्पनी के साथ हमारा मतभेद देश का अंदरूनी मामला है. जिसे हम सुलझा लेंगे, लेकिन कोई विदेशी कम्पनी यदि भारतीय कम्पनी का अनैतिक तरीके से अधिग्रहण करेगी तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

सरकार की अनिवार्य अनुमति नहीं ली

आपको बताएं कि 4 नवम्बर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को सबूती दस्तावेज के साथ एक ज्ञापन भेजकर अमेज़न के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है. कैट ने अपने ज्ञापन में अमेज़न पर भारत सरकार की एफडीआई पालिसी एवं विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघनों में शामिल होने के लिए अमेज़न पर सीधे आरोप लगाए थे और भारत में मल्टी ब्रांड रिटेल गतिविधियों चलाने के लिए सरकार की अनिवार्य अनुमति नहीं लेने का आरोप भी लगाया था.

व्यापार नष्ट करने पर तुला है अमेजन
कैट बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा और महासचिव डॉ. रमेश गांधी ने कहा कि भारत के व्यापारी अमेजन द्वारा उनके व्यापार को नष्ट किये जाने को लेकर बेहद चिंतित हैं, क्योंकि अमेज़न उनका व्यापार नष्ट करने पर तुला है. इसीलिए अमेज़न हर रास्ता अपना कर भारत के रिटेल कारोबार पर अपना कब्ज़ा जमाने के लिए कुछ भी अधिकृत अथवा अनाधिकृत रास्ता अपनाकर मनमानी व्यापारिक गतिविधियां कर रहा है. यह तो फ्यूचर समूह और अमेज़ॅन के बीच लड़ाई है, जिसके चलते अमेज़ॅन द्वारा सिंगापुर में स्तिथिआर्बिट्रेशन पैनल में जिरह के दौरान अमेज़न ने इस बात को स्वीकार किया कि वो फ्यूचर रिटेल जोकि एक मल्टी ब्रांड रिटेल कम्पनी है, को भी नियंत्रित कर रहा है. यह सरकार की एफडीआई नीति के खिलाफ है.

निर्धारित शर्तों का भी घोर उल्लंघन
कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी व कोषाध्यक्ष अरूण कुमार ने कहा कि अमेज़ॅन फ्यूचर ग्रुप में निवेश (एफसीएल के माध्यम से) फेमा 1999 अधिनियम की धारा 13 का उल्लंघन है. यह फेमा के नियम 23 के स्पष्टीकरण (डी) का भी उल्लंघन करता है, फेमा के अनुसूची -1 के तहत निर्धारित प्रवेश मार्ग का उल्लंघन करता है, अनुसूची -1 के खंड 15.4 का भी यह स्पष्ट उल्लंघन है. यह एफडीआई नीति के प्रेस नोट नंबर 2 के तहत निर्धारित शर्तों का भी घोर उल्लंघन करता है.

केंद्र सरकार करें कार्रवाई

कैट ने केंद्र से तत्काल कार्रवाई की मांग की है. इस मुद्दे पर सरकार के कानूनों और नियमों में व्यापारियों का विश्वास बहाल करने के लिए कैट ने संबंधित अधिनियम और नियमों के तहत आरबीआई, सेबी और प्रवर्तन निदेशालय से अमेज़न के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की भी मांग की है.

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