पटनाः व्यापारियों की संस्था कैट (CAIT) ने ई-कॉमर्स कंपनियों (E-Commerce Companies) पर मनमानी करने और देश में नापाक घुसपैठ करने का आरोप लगाया है. व्यापारी नेताओं ने कहा कि पिछले 30 सितंबर और एक अक्टूबर को वाराणसी में कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडिया ट्रेडर्स की राष्ट्रीय काउंसिल की बैठक में इस बारे में विभाग को अवगत कराया गया था लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
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कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतीया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा की बैठक में पारित एक अन्य सर्वसम्मत प्रस्ताव में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से आग्रह किया गया है कि आगामी 10 नवम्बर से पहले उपभोक्ता कानून में प्रस्तावित नियम विदेशी कंपनियों को चोर दरवाजा से दिए बिना लागू किया जाए. ऐसा नहीं करने पर देश के व्यापारी मजबूर होकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे.
प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि बड़ी विदेशी कंपनियां सरेआम 2015 से ई कॉमर्स नियम एवं नीति का खुला उल्लंघन कर रही है. और इसकी शिकायत के बाद भी सरकार कुछ नहीं कर रही है. बेहद आश्चर्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत का आह्वान और छोटे व्यापारियों को सशक्त बनाने की बातें तो की जाती हैं, लेकिन इसपर अमल नहीं किया जा रहा है.
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कैट ने इस अभियान के लिए एक नारा "भारत का व्यापार हमारा है, सम्पूर्ण क्रांति अब नारा है" दिया है, जिसके तहत देशभर में डिजिटल रथ घूमेंगे. वहीं, 15 अक्टूबर तक होने वाले ई-कॉमर्स पर हल्ला बोल अभियान की अवधि को बढ़ाकर 10 नवम्बर तक कर दिया गया है.