पटना: कैट ने सरकार को चीनी कंपनियों के भारत में प्लांट और भारतीय कंपनियों में चीन के निवेश की जांच करने का आग्रह दोबारा दोहराया है. कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 59 एप्लीकेशन को प्रतिबंधित किये जाने के मामले पर गठित उच्चस्तरीय समिति ने सरकार के इस निर्णय को फिलहाल सही ठहराया गया है. जिसके तहत उक्त 59 ऐप की कंपनियों को इस मामले में अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए अवसर देना स्वीकार किया है.
पीयूष गोयल को लिखा था पत्र
इस बात को ध्यान में रखते हुए कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सोमवार को केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद को एक पत्र भेजा है. जिसमें यह आग्रह किया गया है कि जिस प्रकार से इन कंपनियों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया है, उसी प्रकार से कैट को भी समिति के समक्ष इन चीनी ऐप को क्यों प्रतिबंधित करना चाहिए, इस पर अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाना चाहिए. क्योंकि सर्वप्रथम कैट ने ही 21 जून को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र भेज कर चीन के ऐप को प्रतिबंधित करने की मांग की थी.
देश की सुरक्षा के लिए जरूरी
कैट बिहार चेयरमैन कमल नोपानी, महासचिव डा. रमेश गांधी और कोषाध्यक्ष अरूण कुमार ने बताया कि पत्र में कैट ने कहा है कि सरकार की ओर से इन ऐप को प्रतिबंधित किया जाना देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी था. भारतीय न्यायिक व्यवस्था की पारदर्शिता को बरकरार रखते हुए उच्च समिति की ओर से इन कंपनियों को मौका दिया जाना न्यायोचित है. लेकिन न्याय के प्राकृतिक सिद्धांत को देखते हुए कैट को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना बहुत आवश्यक है.
चीनी वस्तुओं का बहिष्कार
कैट वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकेश कुमार नंदन ने कहा कि 10 जून 2020 से पूरे देश में चीन के वस्तुओं के बहिष्कार का एक राष्ट्रीय अभियान "भारतीय सामान-हमारा अभिमान" शुरू किया गया है. जिसका प्रथम चरण दिसंबर 2021 तक चलेगा. इस दौरान कैट ने चीन से माल आयात करने में लगभग एक लाख करोड़ रुपये के आयात की कमी करने का लक्ष्य रखा है.
व्यापार में आएगी कमी
कैट के इस अभियान को पूरे देश में चारों तरफ से व्यापक समर्थन मिल रहा है. देश के विभिन्न राज्यों में लोग इस अभियान से जुड़ते जा रहे हैं. जो इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि इस बार इस अभियान के जरिए चीन को भारत के साथ व्यापार में एक बड़ा झटका मिलना तय है. हालांकि चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस बात को कहा है कि वर्तमान अभियान की वजह से इस वर्ष चीन और भारत के बीच व्यापार में लगभग 30 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है.