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चीनी राखी के बहिष्कार को लेकर कैट ने बनवाई मोदी राखी - कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी

महिला उद्यमियों द्वारा बनाए जा रहे राखियों को व्यापारी संगठन ने बेचने का निर्णय लिया है. साथ-साथ कमल नोपानी ने बहनों से आग्रह भी किया है कि कृपया चीनी राखी का पूरी तरह बहिष्कार करें क्योंकि आर्थिक दंड ही सबसे बड़ा दंड होता है.

modi rakhi
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Published : Jul 26, 2020, 11:22 PM IST

Updated : Jul 26, 2020, 11:32 PM IST

पटना: कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बिहार समेत देश भर में राखी के त्यौहार को हिन्दुस्तानी राखी के साथ मनाए जाने की अपील की है. इस राष्ट्रीय अभियान में कैट ने एक नया प्रयोग करते हुए मोदी राखी बनवाई है. जिसकी देश भर के व्यापारियों में बहुत मांग है. मोदी राखी के साथ साथ कैट ने खेती के बीज, अनाज, गेहूं, चावल, ऊन , कपडे, सिल्क, मधुबनी पेंटिंग आदि की राखियां भी बनवाई है.

वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत के लिए मोदी राखी
कैट ने कोरोना के कारण जिनकी नौकरी छूट गई है ऐसे पुरुष और महिलाओं से देश के विभिन्न राज्यों में यह राखियां बनवायी हैं. इनका वितरण देश भर में फैले व्यापारिक संगठनों के माध्यम से किया जा रहा है. राखी बनवाने के इस सारे काम की जिम्मेदारी कैट से सम्बंधित महिला उद्यमियों ने ली है. कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी, ने बताया की प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत के अपील को ध्यान में रखते हुए कैट ने मोदी राखी बनवाई हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मोदी राखी की मांग बढ़ी
ये राखी देश भर के लोगों को चीनी वस्तुओं के बहिष्कार तथा भारतीय सामान को ही उपयोग में लाने के लिए प्रेरित करेंगी. एल्युमिनियम, ताम्बा तथा चांदी के पत्रे पर प्रधानमंत्री मोदी के चित्र को अंकित करते हुए मौली के साथ मोदी राखियों को बनवाया गया है. इसकी शुरुआत दिल्ली में हुई है और अब देश के विभिन्न राज्यों में मोदी राखी बन रही है. इसकी लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और देश के प्रत्येक हिस्से से मोदी राखी की मांग कैट के पास आ रही है.

आर्थिक दंड ही सबसे बड़ा दंड
कैट के चेयरमैन कमल नोपानी ने बताया कि जब से भारत और चीन के बीच मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न हुई है. तभी से लगातार कैट चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करने में लगा है और साथ-साथ जागरूकता अभियान भी चला रहा है. कैट ने पहले भी कहा था कि अब हर पर्व त्यौहार में चीनी सामानों का बहिष्कार किया जाएगा. पहला त्यौहार रक्षाबंधन है और इसीलिए हमने चीनी राखी का पुरजोर विरोध किया है. महिला उद्यमियों द्वारा बनाए जा रहे राखियों को व्यापारी संगठन ने बेचने का निर्णय लिया है. साथ-साथ कमल नोपानी ने बहनों से आग्रह भी किया है कि कृपया चीनी राखी का पूरी तरह बहिष्कार करें क्योंकि आर्थिक दंड ही सबसे बड़ा दंड होता है.

पटना: कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बिहार समेत देश भर में राखी के त्यौहार को हिन्दुस्तानी राखी के साथ मनाए जाने की अपील की है. इस राष्ट्रीय अभियान में कैट ने एक नया प्रयोग करते हुए मोदी राखी बनवाई है. जिसकी देश भर के व्यापारियों में बहुत मांग है. मोदी राखी के साथ साथ कैट ने खेती के बीज, अनाज, गेहूं, चावल, ऊन , कपडे, सिल्क, मधुबनी पेंटिंग आदि की राखियां भी बनवाई है.

वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत के लिए मोदी राखी
कैट ने कोरोना के कारण जिनकी नौकरी छूट गई है ऐसे पुरुष और महिलाओं से देश के विभिन्न राज्यों में यह राखियां बनवायी हैं. इनका वितरण देश भर में फैले व्यापारिक संगठनों के माध्यम से किया जा रहा है. राखी बनवाने के इस सारे काम की जिम्मेदारी कैट से सम्बंधित महिला उद्यमियों ने ली है. कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी, ने बताया की प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत के अपील को ध्यान में रखते हुए कैट ने मोदी राखी बनवाई हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मोदी राखी की मांग बढ़ी
ये राखी देश भर के लोगों को चीनी वस्तुओं के बहिष्कार तथा भारतीय सामान को ही उपयोग में लाने के लिए प्रेरित करेंगी. एल्युमिनियम, ताम्बा तथा चांदी के पत्रे पर प्रधानमंत्री मोदी के चित्र को अंकित करते हुए मौली के साथ मोदी राखियों को बनवाया गया है. इसकी शुरुआत दिल्ली में हुई है और अब देश के विभिन्न राज्यों में मोदी राखी बन रही है. इसकी लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और देश के प्रत्येक हिस्से से मोदी राखी की मांग कैट के पास आ रही है.

आर्थिक दंड ही सबसे बड़ा दंड
कैट के चेयरमैन कमल नोपानी ने बताया कि जब से भारत और चीन के बीच मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न हुई है. तभी से लगातार कैट चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करने में लगा है और साथ-साथ जागरूकता अभियान भी चला रहा है. कैट ने पहले भी कहा था कि अब हर पर्व त्यौहार में चीनी सामानों का बहिष्कार किया जाएगा. पहला त्यौहार रक्षाबंधन है और इसीलिए हमने चीनी राखी का पुरजोर विरोध किया है. महिला उद्यमियों द्वारा बनाए जा रहे राखियों को व्यापारी संगठन ने बेचने का निर्णय लिया है. साथ-साथ कमल नोपानी ने बहनों से आग्रह भी किया है कि कृपया चीनी राखी का पूरी तरह बहिष्कार करें क्योंकि आर्थिक दंड ही सबसे बड़ा दंड होता है.

Last Updated : Jul 26, 2020, 11:32 PM IST
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