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CAG Report: 'करोड़ों के AC बिल और उपयोगिता प्रमाण पत्र बकाया'.. बिहार विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश

विधानसभा में पेश की गई कैग रिपोर्ट (CAG Report) में एसी विपत्र और उपयोगिता प्रमाण पत्र समायोजित नहीं करने संबंधी अनियमितता सामने आई. इस पर कैग ने टिप्पणी भी की है कि उपयोगिता प्रमाण पत्र का नहीं मिलना इस बात का इशारा करता है कि लाभुकों तक राशि नहीं पहुंच पा रही है. पढ़ें पूरी खबर..

कैग रिपोर्ट
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Published : Mar 31, 2023, 9:04 PM IST

बिहार विधानसभा में कैग रिपोर्ट पेश

पटना: बिहार विधानसभा में 2020-21 का कैग रिपोर्ट पेश (CAG report presented in Bihar Assembly ) किया गया. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में वित्तीय वर्ष 2018-19 से 20121-21 तक 21088 करोड़ की राशि के 52432 एसी विपत्र समायोजित नहीं करने का जिक्र किया है. वहीं वर्ष 2018 -19 से 31 अगस्त 2020 तक 99178 करोड़ से अधिक की राशि के 23188 उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने की बात भी कही है. सीएजी ने इसे एक बड़ी वित्तीय अनियमितता माना है और टिप्पणी की है कि उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया जाना इस ओर इशारा करता है कि लाभार्थियों तक राशि नहीं पहुंची है.

ये भी पढ़ेंः कैग रिपोर्ट को लेकर सरकार और BJP आमने-सामने, इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक संस्थानों के कामकाज पर सवाल

2022 में 572 करोड़ की राशि एसी विपत्रों से निकाली गई: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में वर्ष 2021-22 के दौरान 2460.86 करोड़ की राशि का कुल 3605 एसी विपत्रों में से मार्च 2022 में 572.76 करोड़ की राशि 954 एसी विपत्रों के माध्यम से निकासी की गई. 21 मार्च 2022 तक 7629.73 करोड़ की राशि के कुल 25928 एसी विपत्रों के संबंध में डीसी विपत्र प्राप्त नहीं हुए. रिपोर्ट के अनुसार 2020-21 तक 6859.68 करोड़ रुपये के 25101 एसी विपत्रों का समायोजित नहीं किया जा सका. वहीं 2021-22 में 770.05 करोड़ के 827 एसी विपत्रों का समायोजन नहीं हुआ.

3691 उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया गयाः कैग रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 के दौरान 55959.75 करोड़ की राशि समायोजित की गई, लेकिन 2018-19 तक 54102.75 करोड़ की राशि का 3691 उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है. वहीं 31 अगस्त 2020 तक 45076.14 करोड़ रुपये की राशि का 19547 उपयोगिता प्रमाण पत्र बकाया था. कुल 99178.89 करोड़ की राशि का 23188 उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किया गया. वहीं कैग ने अपनी रिपोर्ट में 31 मार्च 2021 तक 92687. 31 करोड़ की राशि के 3886 उपयोगिता प्रमाण पत्र बकाया रहने की बात भी कही है.

71.28 करोड़ के ब्याज का भुगतान नहीं: कैग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि 71.28 करोड़ के ब्याज का भुगतान नहीं करने के फलस्वरूप राजस्व एवं राजकोषीय घाटा कम बताया गया है. राज्य सरकार न ही गारंटी अधिनियम अपनाया और ना ही गारंटी मोचन कोष बनाया. 1 अप्रैल 2021 को बकाया गारंटी 16407.71 करोड़ रुपये थी. इसमें मूलधन 16080.08 करोड़ और ब्याज 327.63 थी. वर्ष 2021 के दौरान राज्य सरकार ने 17400.73 करोड़ की गारंटी जारी की. बिहार राज्य खाद्य एवं सिविल आपूर्ति निगम से प्राप्त करने योग्य गारंटी 8.69 करोड़ रुपए है जो वर्ष 2021 के दौरान गारंटी राशि का 0.05% है.


उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिलना, लाभुकों तक राशि नहीं पहुंचने का इशारा: सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में टिप्पणी करते हुए कहा है कि सहायता अनुदान के लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं प्राप्त होना इस बात का जोखिम है कि उल्लेखित राशि लाभार्थियों तक सही ढंग से नहीं पहुंची है. सीएजी ने रिपोर्ट में एक तरह से वित्तीय अनियमितता की ओर इशारा किया है. सीएजी पहले भी अपनी रिपोर्ट में वित्तीय अनियमितता को लेकर सरकार की मुश्किलें बढ़ाती रही है.

बिहार विधानसभा में कैग रिपोर्ट पेश

पटना: बिहार विधानसभा में 2020-21 का कैग रिपोर्ट पेश (CAG report presented in Bihar Assembly ) किया गया. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में वित्तीय वर्ष 2018-19 से 20121-21 तक 21088 करोड़ की राशि के 52432 एसी विपत्र समायोजित नहीं करने का जिक्र किया है. वहीं वर्ष 2018 -19 से 31 अगस्त 2020 तक 99178 करोड़ से अधिक की राशि के 23188 उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने की बात भी कही है. सीएजी ने इसे एक बड़ी वित्तीय अनियमितता माना है और टिप्पणी की है कि उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया जाना इस ओर इशारा करता है कि लाभार्थियों तक राशि नहीं पहुंची है.

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2022 में 572 करोड़ की राशि एसी विपत्रों से निकाली गई: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में वर्ष 2021-22 के दौरान 2460.86 करोड़ की राशि का कुल 3605 एसी विपत्रों में से मार्च 2022 में 572.76 करोड़ की राशि 954 एसी विपत्रों के माध्यम से निकासी की गई. 21 मार्च 2022 तक 7629.73 करोड़ की राशि के कुल 25928 एसी विपत्रों के संबंध में डीसी विपत्र प्राप्त नहीं हुए. रिपोर्ट के अनुसार 2020-21 तक 6859.68 करोड़ रुपये के 25101 एसी विपत्रों का समायोजित नहीं किया जा सका. वहीं 2021-22 में 770.05 करोड़ के 827 एसी विपत्रों का समायोजन नहीं हुआ.

3691 उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया गयाः कैग रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 के दौरान 55959.75 करोड़ की राशि समायोजित की गई, लेकिन 2018-19 तक 54102.75 करोड़ की राशि का 3691 उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है. वहीं 31 अगस्त 2020 तक 45076.14 करोड़ रुपये की राशि का 19547 उपयोगिता प्रमाण पत्र बकाया था. कुल 99178.89 करोड़ की राशि का 23188 उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किया गया. वहीं कैग ने अपनी रिपोर्ट में 31 मार्च 2021 तक 92687. 31 करोड़ की राशि के 3886 उपयोगिता प्रमाण पत्र बकाया रहने की बात भी कही है.

71.28 करोड़ के ब्याज का भुगतान नहीं: कैग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि 71.28 करोड़ के ब्याज का भुगतान नहीं करने के फलस्वरूप राजस्व एवं राजकोषीय घाटा कम बताया गया है. राज्य सरकार न ही गारंटी अधिनियम अपनाया और ना ही गारंटी मोचन कोष बनाया. 1 अप्रैल 2021 को बकाया गारंटी 16407.71 करोड़ रुपये थी. इसमें मूलधन 16080.08 करोड़ और ब्याज 327.63 थी. वर्ष 2021 के दौरान राज्य सरकार ने 17400.73 करोड़ की गारंटी जारी की. बिहार राज्य खाद्य एवं सिविल आपूर्ति निगम से प्राप्त करने योग्य गारंटी 8.69 करोड़ रुपए है जो वर्ष 2021 के दौरान गारंटी राशि का 0.05% है.


उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिलना, लाभुकों तक राशि नहीं पहुंचने का इशारा: सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में टिप्पणी करते हुए कहा है कि सहायता अनुदान के लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं प्राप्त होना इस बात का जोखिम है कि उल्लेखित राशि लाभार्थियों तक सही ढंग से नहीं पहुंची है. सीएजी ने रिपोर्ट में एक तरह से वित्तीय अनियमितता की ओर इशारा किया है. सीएजी पहले भी अपनी रिपोर्ट में वित्तीय अनियमितता को लेकर सरकार की मुश्किलें बढ़ाती रही है.

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