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पटना: राजभाषा विभाग ने दिनकर के साथ केदारनाथ मिश्र की मनाई जयंती, राष्ट्रकवियों को किया गया याद - कामायनी

मंत्रिमंडल सचिवालय राजभाषा विभाग के विजय प्रकाश ने कहा कि दिनकर ने राष्ट्र पर बहुत सी रचनाएं की है. राष्ट्रप्रेम की भावनाओं से दिनकर की रचनाएं ओतप्रोत है. उनकी कविता की शुरुआत ही राष्ट्रप्रेम की कविताओं से हुई थी.

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर और राष्ट्रकवि केदारनाथ मिश्रा
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Published : Sep 24, 2019, 8:50 AM IST

Updated : Sep 24, 2019, 10:14 AM IST

पटना: राजधानी में अभिलेख भवन में मंत्रिमंडल सचिवालय राजभाषा विभाग की ओर से राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती मनाई गई. इस मौके पर कवि केदारनाथ मिश्र प्रभात की भी जयंती साथ में मनाई गई. राष्ट्रकवि केदारनाथ मिश्र का 17 सितंबर को जयंती थी. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी प्रगति समिति के अध्यक्ष सत्यनारायण ने की.

ramdhari singh dinkar jyanti
विशेष सचिव डॉ उपेंद्र नाथ पांडे

राष्ट्रकवियों को किया गया याद

प्रदेश के बेली रोड के अभिलेख भवन में सोमवार को राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर विभाग के विशेष सचिव डॉ उपेंद्र नाथ पांडे, पटना स्टेशन निदेशक निलेश कुमार, द फरजाना इरफान और डॉक्टर विजय कुमार मौजूद रहे. कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉक्टर शिवांश पांडे ने कहा कि दिनकर बड़े कवि थे. वहीं केदारनाथ मिश्र भी हिंदी के राष्ट्रीय स्तर के यशस्वी कवि थे. उन्होंने कहा कि केदारनाथ मिश्र ने अपने कविताओं में मानव जीवन के सत्य को दिखाया है. उनकी रचना छायावादी शैली में अपनी आत्मानुभूति की कलात्मक कल्पना है. रामधारी सिंह दिनकर कवि होने के साथ-साथ कविता के सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधि भी थे.

मंत्रिमंडल सचिवालय राजभाषा विभाग ने मनायी दिनकर जयंती

रामधारी सिंह एक सर्वश्रेष्ठ कवि थे- विजय प्रकाश
इस मौके पर मंत्रिमंडल सचिवालय राजभाषा विभाग के विजय प्रकाश ने कहा कि दिनकर ने राष्ट्र पर बहुत सी रचनाएं की है. राष्ट्रप्रेम की भावनाओं से दिनकर की रचनाएं ओतप्रोत है. उनकी कविता की शुरुआत ही राष्ट्रप्रेम की कविताओं से हुई थी. लेकिन उन्होंने अपने अंतिम दौर में उर्वशी जैसी प्रेम और श्रृंगार पर आधारित कविताएं लिखी. उन्होंने कहा कि उर्वशी निसंदेह ही कामायनी के बाद सर्वश्रेष्ठ श्रृंगारिक रचना है.

पटना: राजधानी में अभिलेख भवन में मंत्रिमंडल सचिवालय राजभाषा विभाग की ओर से राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती मनाई गई. इस मौके पर कवि केदारनाथ मिश्र प्रभात की भी जयंती साथ में मनाई गई. राष्ट्रकवि केदारनाथ मिश्र का 17 सितंबर को जयंती थी. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी प्रगति समिति के अध्यक्ष सत्यनारायण ने की.

ramdhari singh dinkar jyanti
विशेष सचिव डॉ उपेंद्र नाथ पांडे

राष्ट्रकवियों को किया गया याद

प्रदेश के बेली रोड के अभिलेख भवन में सोमवार को राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर विभाग के विशेष सचिव डॉ उपेंद्र नाथ पांडे, पटना स्टेशन निदेशक निलेश कुमार, द फरजाना इरफान और डॉक्टर विजय कुमार मौजूद रहे. कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉक्टर शिवांश पांडे ने कहा कि दिनकर बड़े कवि थे. वहीं केदारनाथ मिश्र भी हिंदी के राष्ट्रीय स्तर के यशस्वी कवि थे. उन्होंने कहा कि केदारनाथ मिश्र ने अपने कविताओं में मानव जीवन के सत्य को दिखाया है. उनकी रचना छायावादी शैली में अपनी आत्मानुभूति की कलात्मक कल्पना है. रामधारी सिंह दिनकर कवि होने के साथ-साथ कविता के सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधि भी थे.

मंत्रिमंडल सचिवालय राजभाषा विभाग ने मनायी दिनकर जयंती

रामधारी सिंह एक सर्वश्रेष्ठ कवि थे- विजय प्रकाश
इस मौके पर मंत्रिमंडल सचिवालय राजभाषा विभाग के विजय प्रकाश ने कहा कि दिनकर ने राष्ट्र पर बहुत सी रचनाएं की है. राष्ट्रप्रेम की भावनाओं से दिनकर की रचनाएं ओतप्रोत है. उनकी कविता की शुरुआत ही राष्ट्रप्रेम की कविताओं से हुई थी. लेकिन उन्होंने अपने अंतिम दौर में उर्वशी जैसी प्रेम और श्रृंगार पर आधारित कविताएं लिखी. उन्होंने कहा कि उर्वशी निसंदेह ही कामायनी के बाद सर्वश्रेष्ठ श्रृंगारिक रचना है.

Intro:राजधानी पटना के बेली रोड स्थित अभिलेख भवन में मंत्रिमंडल सचिवालय राजभाषा विभाग की ओर से राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती मनाई गई. इस मौके पर कवि केदारनाथ मिश्र प्रभात की भी जयंती साथ में मनाई गई. केदारनाथ मिश्र का 17 सितंबर को जयंती था. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी प्रगति समिति के अध्यक्ष सत्यनारायण ने की.


Body:कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉक्टर शिवांश पांडे ने कहा कि दिनकर बड़े कवि थे साथी केदारनाथ मिश्र भी हिंदी के राष्ट्रीय स्तर के यशस्वी कवि थे. केदारनाथ मिश्र ने अपने कविताओं में मानव जीवन के सत्य को दिखाया है. उनकी रचना छायावादी शैली में अपनी आत्मानुभूति की कलात्मक कल्पना है. उन्होंने कहा कि रामधारी सिंह दिनकर कवि होने के साथ-साथ कविता के सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधि भी थे. इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर विभाग के विशेष सचिव डॉ उपेंद्र नाथ पांडे, पटना स्टेशन निदेशक निलेश कुमार, द फरजाना इरफान और डॉक्टर विजय कुमार मौजूद रहे.


Conclusion:मंत्रिमंडल सचिवालय राजभाषा विभाग के विजय प्रकाश ने कहा कि दिनकर ने राष्ट्र पर बहुतों रचनाएं की है. राष्ट्रप्रेम की भावनाओं से दिनकर की रचनाएं ओतप्रोत है और उनकी कविता का शुरुआत ही राष्ट्रप्रेम की कविताओं से हुई थी. लेकिन उन्होंने अपने अंतिम दौर में उर्वशी जैसी प्रेम और श्रृंगार पर आधारित कविताएं लिखी. उन्होंने कहा कि उर्वशी निसंदेह ही कामायनी के बाद सर्वश्रेष्ठ श्रृंगारिक रचना है.
Last Updated : Sep 24, 2019, 10:14 AM IST
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