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यात्रियों और बसों की राह देख रहे करोड़ों की लागत से बने स्मार्ट बस स्टॉप, ठेले वालों की मौज - patna news

पटना में बने स्मार्ट बस स्टॉप यात्रियों के साथ-साथ बसों की राह देख रहे हैं. आलम यह कि बस स्टॉप पर अवैध अतिक्रमण बस चुका है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
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Published : Jun 26, 2020, 11:01 PM IST

पटना: राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कई योजनाएं लांच की गई. मेट्रो का शिलान्यास हुआ, तो वहीं बसों के परिचालन के लिए रूट निर्धारित करते हुए स्मार्ट बस स्टॉप का निर्माण करवाया गया. लेकिन ये बस स्टॉप अब सिर्फ सफेद हाथी के दांत बनकर रह गए हैं. इन बस स्टॉप पर या तो ठेला लगाया जा रहा है, नहीं तो इनके सामने अवैध पार्किंग की जा रही है.

पटना के कई बस स्टॉप को भीख मांगने वाले अपना आशियाना समझते हैं. दिन हो या रात ये भिखारी यहां आराम फरमाते नजर आते हैं. दूसरी ओर ठेले वालों की अलग चांदी है. बस स्टॉप के पास ठेला लगा इन्हें, जो आराम मिलता है वो यही बता सकते हैं. करोड़ों की लागत से बने बस स्टॉप पर बसें तो नहीं रुकती, जो रुकती हैं उनका स्टॉप ही कहीं और है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ताकि यात्रियों को मिल सके आराम
बस स्टॉप यात्रियों को तेज धूप, बरसात से राहत मिल सके इस लिए बनवाया जाता है. लेकिन पटना में रोजमर्रा की जिंदगी दौड़ते दौड़ते बस पकड़ने की आदत बना चुकी है. यात्री जहां से मन हो बस पकड़ सकते हैं. रूट तो निर्धारित किये जा चुके हैं लेकिन इन रूट पर बस रुकती नहीं हैं. स्मार्ट सिटी की रेस में बसें आज भी पहले की तरह ही चल रही हैं.

बसों के इंतजार में बस स्टॉप
बसों के इंतजार में बस स्टॉप

पटना में 117 बस स्टॉप
नगर विकास विभाग ने बुडको के माध्यम से नगर बस सेवा के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर 117 बस स्टॉप का निर्माण करवाया. ये सभी बस स्टॉप अत्याधुनिक हैं. वहीं, पुराने बस स्टॉप को तोड़ दिया गया था. बस स्टॉप को देखरेख करने वाली एजेंसी के संचालक ओम प्रकाश तिवारी बताया कि महानगरों में जिस तरह से बस स्टॉप का निर्माण हुआ था. उसी के तर्ज पर पटना में भी राज्य सरकार ने नगर विकास विभाग के माध्यम से स्टील बस स्टॉप का निर्माण करवाया. जो यात्रियों को दूर से ही दिखाई देगा. वहां पर बैठने की व्यवस्था भी है.

इनके लिए आशियाना
इनके लिए आशियाना

ओमप्रकाश बताते हैं कि सरकार ने तो बस स्टॉप बना दिया. लेकिन अधिकतर बस स्टॉप पर बसें नहीं रुकती. उसे सरकार को देखना चाहिए, ताकि बस अपने स्टॉप पर ही रुक सके. इसके लिए हमने प्रमंडलीय आयुक्त से भी मुलाकात की थी. उन्होंने आश्वासन दिया है कि बहुत जल्द सभी रूट के मुताबिक बसें चलेंगी और सभी बस स्टॉप पर रुकेंगी. यदि कोई भी बस स्टॉपेज पर नहीं रुकती है, तो उसे फाइन भी किया जाएगा. इसके लिए ट्रैफिक पुलिस को गाइडलाइन जारी कर दी गई है.

बस स्टॉप पर अतिक्रमण
बस स्टॉप पर अतिक्रमण

बस स्टॉप पर लगेगी एलईडी
ओमप्रकाश की मानें, तो स्मार्ट बस स्टॉप पर आगे योजना भी प्रमंडलीय आयुक्त ने बनाई है. यात्रियों को जल्द पता चल सकेगा कि उनकी बस कितने समय आएगी. बस स्टॉप पर एलईडी लगाने की योजना बनाई गई है.

एक नजारा ये भी
एक नजारा ये भी

विज्ञापन से आमदनी
ओमप्रकाश ने बताया कि बस स्टॉप पर विज्ञापन से ही उनकी एजेंसी की आमदनी होती है. यदि यहां बस नहीं रुकेंगी, तो यात्री यहां रुकेंगे नहीं और उन्हें कोई भी विज्ञापन नहीं देगा. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन इस दिशा में पहल करेगा.

अवैध पार्किंग
अवैध पार्किंग
  • कुल मिलाकर पटना को स्मार्ट सिटी की रेस में लाने के लिए चाहे अत्याधुनिक टॉयलेट हो या ये बस स्टॉप सब कुछ बनवाया तो गया. लेकिन उनका प्रयोग वैसे नहीं हुआ जैसे होना चाहिए था.

पटना: राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कई योजनाएं लांच की गई. मेट्रो का शिलान्यास हुआ, तो वहीं बसों के परिचालन के लिए रूट निर्धारित करते हुए स्मार्ट बस स्टॉप का निर्माण करवाया गया. लेकिन ये बस स्टॉप अब सिर्फ सफेद हाथी के दांत बनकर रह गए हैं. इन बस स्टॉप पर या तो ठेला लगाया जा रहा है, नहीं तो इनके सामने अवैध पार्किंग की जा रही है.

पटना के कई बस स्टॉप को भीख मांगने वाले अपना आशियाना समझते हैं. दिन हो या रात ये भिखारी यहां आराम फरमाते नजर आते हैं. दूसरी ओर ठेले वालों की अलग चांदी है. बस स्टॉप के पास ठेला लगा इन्हें, जो आराम मिलता है वो यही बता सकते हैं. करोड़ों की लागत से बने बस स्टॉप पर बसें तो नहीं रुकती, जो रुकती हैं उनका स्टॉप ही कहीं और है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ताकि यात्रियों को मिल सके आराम
बस स्टॉप यात्रियों को तेज धूप, बरसात से राहत मिल सके इस लिए बनवाया जाता है. लेकिन पटना में रोजमर्रा की जिंदगी दौड़ते दौड़ते बस पकड़ने की आदत बना चुकी है. यात्री जहां से मन हो बस पकड़ सकते हैं. रूट तो निर्धारित किये जा चुके हैं लेकिन इन रूट पर बस रुकती नहीं हैं. स्मार्ट सिटी की रेस में बसें आज भी पहले की तरह ही चल रही हैं.

बसों के इंतजार में बस स्टॉप
बसों के इंतजार में बस स्टॉप

पटना में 117 बस स्टॉप
नगर विकास विभाग ने बुडको के माध्यम से नगर बस सेवा के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर 117 बस स्टॉप का निर्माण करवाया. ये सभी बस स्टॉप अत्याधुनिक हैं. वहीं, पुराने बस स्टॉप को तोड़ दिया गया था. बस स्टॉप को देखरेख करने वाली एजेंसी के संचालक ओम प्रकाश तिवारी बताया कि महानगरों में जिस तरह से बस स्टॉप का निर्माण हुआ था. उसी के तर्ज पर पटना में भी राज्य सरकार ने नगर विकास विभाग के माध्यम से स्टील बस स्टॉप का निर्माण करवाया. जो यात्रियों को दूर से ही दिखाई देगा. वहां पर बैठने की व्यवस्था भी है.

इनके लिए आशियाना
इनके लिए आशियाना

ओमप्रकाश बताते हैं कि सरकार ने तो बस स्टॉप बना दिया. लेकिन अधिकतर बस स्टॉप पर बसें नहीं रुकती. उसे सरकार को देखना चाहिए, ताकि बस अपने स्टॉप पर ही रुक सके. इसके लिए हमने प्रमंडलीय आयुक्त से भी मुलाकात की थी. उन्होंने आश्वासन दिया है कि बहुत जल्द सभी रूट के मुताबिक बसें चलेंगी और सभी बस स्टॉप पर रुकेंगी. यदि कोई भी बस स्टॉपेज पर नहीं रुकती है, तो उसे फाइन भी किया जाएगा. इसके लिए ट्रैफिक पुलिस को गाइडलाइन जारी कर दी गई है.

बस स्टॉप पर अतिक्रमण
बस स्टॉप पर अतिक्रमण

बस स्टॉप पर लगेगी एलईडी
ओमप्रकाश की मानें, तो स्मार्ट बस स्टॉप पर आगे योजना भी प्रमंडलीय आयुक्त ने बनाई है. यात्रियों को जल्द पता चल सकेगा कि उनकी बस कितने समय आएगी. बस स्टॉप पर एलईडी लगाने की योजना बनाई गई है.

एक नजारा ये भी
एक नजारा ये भी

विज्ञापन से आमदनी
ओमप्रकाश ने बताया कि बस स्टॉप पर विज्ञापन से ही उनकी एजेंसी की आमदनी होती है. यदि यहां बस नहीं रुकेंगी, तो यात्री यहां रुकेंगे नहीं और उन्हें कोई भी विज्ञापन नहीं देगा. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन इस दिशा में पहल करेगा.

अवैध पार्किंग
अवैध पार्किंग
  • कुल मिलाकर पटना को स्मार्ट सिटी की रेस में लाने के लिए चाहे अत्याधुनिक टॉयलेट हो या ये बस स्टॉप सब कुछ बनवाया तो गया. लेकिन उनका प्रयोग वैसे नहीं हुआ जैसे होना चाहिए था.
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