पटना: शराबबंदी कानून का बिहार में जमकर दुरुपयोग हो रहा है. कानून के तहत शराब के नशे में पकड़े जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान है. इस कानून का शराब तस्कर से लेकर प्रशासन के लोग दुरुपयोग कर रहे है. परिजनों का आरोप है कि उत्पाद विभाग की टीम ने 32 साल के राजेश पांडेय को दो दिनों तक अपनी कस्टडी में रखा. इसकी दो दिनों तक जमकर पिटाई की इसके बाद फुलवारी शरीफ जेल भेज दिया, जब जेल के अंदर राजेश की हालत गंभीर हो गई तो, उसे इलाज के लिए पीएमसीएच एडमिट कराया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
अस्पताल लाने पर भी नहीं बताया
बहन का आरोप है कि इस बात की भी जानकारी परिवार के किसी सदस्य को नहीं दी गई. 28 नवंबर को परिवार के लोगों को भाई के पीएमसीएच में होने की जानकारी मिली. तब उनकी पत्नी और परिवार के दूसरे सदस्य अस्पताल पहुंचे, लेकिन आज इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
'बेरहमी से पिटाई की आखिरकार क्या वजह'?
परिजनों का सवाल है कि रमेश के बेरहमी से पिटाई की आखिरकार क्या वजह है? जेल में एंट्री होने से पहले हर कैदी की पूरी जांच होती है. मानसिक और शारीरिक क्या जेल प्रशासन ने राजेश पांडे की जांच की थी और अगर जेल प्रशासन को रमेश की इंट्री लेते समय उसके शरीर पर जख्म के निशान देखे थे. तो आखिरकार जेल प्रशासन ने इस मामले में चुप्पी क्यों साध ली थी. ऐसे कई सवाल हैं, जिनका जवाब हर हाल में सामने आना चाहिए. इस मामले में राजेश का परिवार बिहार सरकार से न्याय की गुहार लगा रहा है.