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दिवाली पर सतर्कता के चलते पटना में कम हुए बर्न केस, जरुरी इलाज के बाद डिस्चार्ज हुए झुलसे मरीज

दीपावली पर बिहार में इस बार स्वास्थ्य विभाग की जागरुकता की वजह से कोई बड़ा बर्न केस सामने नहीं आया. थोड़े बहुत जो केस सामने आए उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद अगले ही दिन डिस्चार्ज कर दिया गया. पढ़ें पूरी खबर

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Published : Oct 25, 2022, 10:05 PM IST

पटना : दीपावली के समय अस्पतालों में हमेशा बर्न केस बढ़ जाते हैं. इस बार दीपावली (Diwali 2022 ) को लेकर पटना के सरकारी अस्पताल हाई अलर्ट पर थे. पीएमसीएच, आईजीआईएमएस, एनएमसीएच, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल और राजवंशी नगर हड्डी हॉस्पिटल को हाई अलर्ट पर रखा गया था. एहतियात के तौर पर डॉक्टर के साथ-साथ पारा मेडिकल स्टाफ की टीमें भी मुस्तैद की गई थी. लेकिन, इस बार पिछले वर्षों की तुलना में गंभीर रूप से जलने वाले मरीजों की संख्या अस्पताल में कम रही.

ये भी पढ़ें- छठ स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की मांग, बिहार के मुख्य सचिव ने रेल मंत्रालय से की बात

दिवाली के दिन बर्न केस रहे कम: दीपावली के दिन पीएमसीएच में जलने की शिकायत को लेकर देर रात 5 मरीज एडमिट हुए थे. वहीं आईजीआईएमएस में 3 मरीज एडमिट हुए. जबकि शेष अस्पतालों में इसकी संख्या कम ही रही. लगभग आधे दर्जन मरीज पटना की विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में गए. सरकारी अस्पतालों की बात करें तो इन मरीजों को अस्पताल में तीन से चार घंटा के ट्रीटमेंट करने के बाद सुबह में डिस्चार्ज कर दिया गया.


हल्के जलने वालों की संख्या भी मामूली: हालांकि मंगलवार को हल्के-फुल्के जलने की शिकायत को लेकर अस्पतालों में मरीजों की संख्या अधिक रही. हाथ पैर में माइनर जलने की शिकायत को लेकर पीएमसीएच में लगभग 50 के करीब मरीज ओपीडी में पहुंचे और आईजीआईएमएस में भी लगभग संख्या यही रही. चिकित्सकों ने बताया कि जलने काटने के मामले में तुरंत बर्फ की सिकाई बेहद कारगर होती है. लेक्टोकैलेमाइन सॉल्यूशन को जलने वाले जगह पर लगाया जाए तो इससे स्किन में इंफेक्शन अधिक नहीं फैलता है.

आतिशबाजी में सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी: पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि दीपावली से छठ तक आतिशबाजी खूब होती है. दीपावली और दीपावली के अगले दिन लोग खूब पटाखे फोड़ते हैं. इसके अलावा खरना के दिन छठ के पहले अर्घ्य के दिन और दूसरे अर्घ्य के दिन भी आतिशबाजी अधिक होती है. ऐसे में जरूरी है कि छोटे बच्चे जो पटाखे उड़ा रहे हैं तो अभिभावक उसकी मॉनिटरिंग करें.

''पटाखों को हमेशा दूर रख कर उसे आग लगाएं. कभी भी हाथ में रखकर आग लगाने की कोशिश ना करें. कई बार होता है कि चकरी और अनार बम लोग हाथ से आग लगाकर जमीन पर रखने की कोशिश करते हैं. इसी दौरान कई बार बारूद से हाथ अधिक जल जाता है. ऐसे में बच्चों को पटाखों से दूर ही रखें तो अच्छा है''- डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी, चिकित्सक

पटना : दीपावली के समय अस्पतालों में हमेशा बर्न केस बढ़ जाते हैं. इस बार दीपावली (Diwali 2022 ) को लेकर पटना के सरकारी अस्पताल हाई अलर्ट पर थे. पीएमसीएच, आईजीआईएमएस, एनएमसीएच, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल और राजवंशी नगर हड्डी हॉस्पिटल को हाई अलर्ट पर रखा गया था. एहतियात के तौर पर डॉक्टर के साथ-साथ पारा मेडिकल स्टाफ की टीमें भी मुस्तैद की गई थी. लेकिन, इस बार पिछले वर्षों की तुलना में गंभीर रूप से जलने वाले मरीजों की संख्या अस्पताल में कम रही.

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दिवाली के दिन बर्न केस रहे कम: दीपावली के दिन पीएमसीएच में जलने की शिकायत को लेकर देर रात 5 मरीज एडमिट हुए थे. वहीं आईजीआईएमएस में 3 मरीज एडमिट हुए. जबकि शेष अस्पतालों में इसकी संख्या कम ही रही. लगभग आधे दर्जन मरीज पटना की विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में गए. सरकारी अस्पतालों की बात करें तो इन मरीजों को अस्पताल में तीन से चार घंटा के ट्रीटमेंट करने के बाद सुबह में डिस्चार्ज कर दिया गया.


हल्के जलने वालों की संख्या भी मामूली: हालांकि मंगलवार को हल्के-फुल्के जलने की शिकायत को लेकर अस्पतालों में मरीजों की संख्या अधिक रही. हाथ पैर में माइनर जलने की शिकायत को लेकर पीएमसीएच में लगभग 50 के करीब मरीज ओपीडी में पहुंचे और आईजीआईएमएस में भी लगभग संख्या यही रही. चिकित्सकों ने बताया कि जलने काटने के मामले में तुरंत बर्फ की सिकाई बेहद कारगर होती है. लेक्टोकैलेमाइन सॉल्यूशन को जलने वाले जगह पर लगाया जाए तो इससे स्किन में इंफेक्शन अधिक नहीं फैलता है.

आतिशबाजी में सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी: पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि दीपावली से छठ तक आतिशबाजी खूब होती है. दीपावली और दीपावली के अगले दिन लोग खूब पटाखे फोड़ते हैं. इसके अलावा खरना के दिन छठ के पहले अर्घ्य के दिन और दूसरे अर्घ्य के दिन भी आतिशबाजी अधिक होती है. ऐसे में जरूरी है कि छोटे बच्चे जो पटाखे उड़ा रहे हैं तो अभिभावक उसकी मॉनिटरिंग करें.

''पटाखों को हमेशा दूर रख कर उसे आग लगाएं. कभी भी हाथ में रखकर आग लगाने की कोशिश ना करें. कई बार होता है कि चकरी और अनार बम लोग हाथ से आग लगाकर जमीन पर रखने की कोशिश करते हैं. इसी दौरान कई बार बारूद से हाथ अधिक जल जाता है. ऐसे में बच्चों को पटाखों से दूर ही रखें तो अच्छा है''- डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी, चिकित्सक

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