पटना: बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (BSRDCL) ने अपनी सभी परियोजना, जिसकी निविदा की जानी है, उसमें गायत्री प्रोजेक्ट्स और एजिस इंटरनेशनल को पहले की परियोजना के पूर्ण होने तक भाग लेने से वंचित कर दिया है. ये कार्रवाई पथ निर्माण कर रहे संवेदक गायत्री प्रोजेक्ट्स लि., हैदराबाद (Hyderabad) की कम्पनी को सड़क बनाने (Road Construction) में धीमी प्रगति एवं मानक गुणवत्ता में कमी रहने के कारण की गई है.
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कार्य धीमी गति होने से हुई कार्रवाई
बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा बनाई जा रही दिवानगढ़ से बादलडीह सेक्शन का पथ जो राज्य उच्च पथ 82 ( कादिरगंज से खैरा पथ ) की परियोजना का हिस्सा है, पथ का निर्माण कर रहे संवेदक गायत्री प्रोजेक्ट्स लि., हैदराबाद की कम्पनी को सड़क निर्माण में धीमी प्रगति एवं मानक गुणवत्ता में कमी रहने के कारण बाहर कर दिया गया है. बिहार स्टेट हाईवे परियोजना III के तहत राज्य उच्च पथ संख्या 82 का निर्माण किया जा रहा है. इस पथ के लिए गायत्री प्रोजेक्ट्स को संवेदक के रूप में दिसम्बर, 2018 में कार्यादेश दिया गया था.
यह पथ मार्च 2021 में बन कर तैयार हो जानी थी. BSRDCL के उप महाप्रबंधक द्वारा दिसम्बर, 2020 में गायत्री प्राजेक्ट्स को पथ की धीमी प्रगति हेतु कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. संवेदक पर कार्यों में प्रतिबद्धता और गंभीरता की कमी का आरोप लगाया गया था. कारण बताओ नोटिस जारी करने तक संवेदक के द्वारा परियोजना लगभग 55% ही कार्य किया गया था जबकि 27 महीने में परियोजना अवधि में 25 माह बीत चुका था. संवेदक द्वारा सड़क निर्माण से जुड़े सामग्री, मानव बल एवं मशीनरी को भी परियोजना स्थल पर लामबंद नहीं किया गया.
पथ में निर्माण में देरी
इन परिस्थितियों में BSRDCL के द्वारा आशंका जताई गई की परियोजना को पूर्ण होने में तय अवधि से लगभग 18 से 24 महीने और लगेगा. इस कड़ी में BSRDCL ने इस परियोजना के सुपरविजन कंसलटेंट एजिस इंटरनेशनल एसए. एवं एजिस इंडिया कंसल्टिंग इंजीनियर्स प्रा. लि. संयुक्त उद्यम को भी उनके द्वारा सुपरविजन ( Supervision ) कार्यों के गुणवत्तापूर्वक निर्वहन न करने के कारण बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन लि. के सभी निविदाओं में कार्य पूर्ण होने तक वंचित कर दिया है.
गौरतलब है कि इन कंसल्टिंग फर्मों के द्वारा बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड ने बिहार राज्य उच्च पथ परियोजना-III के दो परियोजना में पर्यवेक्षण परामर्शी के रूप में कार्यरत है, जिसमे SH-82 के पैकेज-2 दिवानगढ़ से बादलडीह पथांश एवं SH-102 ( बिहिया-जगदीशपुर-पीरो-बिहटा) रोड सम्मिलित है.
निगम के तीन सदस्यीय दल के दौरे के बाद उनके रिपोर्ट में पाया गया कि परियोजना के 36वें किमी में लघु पुल के ( Pile Load Test ) के रिपोर्ट में त्रुटि पायी गई. इसी पथांश के 38.480 पर दूसरे लघु पुल में ( Pile Load Test ) रिपोर्ट से त्रिसदस्यीय दल सहमत नहीं दिखा. उन्होंने टेस्ट रिपोर्ट के ( Test Report ) के कार्यप्रणाली ( Methodology ) पर असहमति दिखाई. इसके अतिरिक्त RCC Drain के डिजाइन (Design) पर भी आपत्ति जताई गई थी.
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कई योजनाओं में हो रही है देरी
यह भी पाया गया कि तत्कालीन 16वें विधानसभा के सदस्य अरूण कुमार द्वारा असेम्बली में उठाये गये प्रश्नों के जवाब भी संतोषजनक पर्यवेक्षण परामर्शी के द्वारा नहीं बताया गया. तत्काल बीएसआरडीसीएल (BSRDCL) के पदाधिकारियों द्वारा निर्णय लेते हुए इस फर्म के वरिष्ठ ब्रिज अभियंता ( Team Leader ) और रेसिडेंट इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया गया और निविदा मूल्य की एक प्रतिशत राशि जब्त करने की अनुशंसा की गई.
पथ के निर्माण करते वक्त पथ के मार्गरेखन में कुछ पेड़ भी लगे पाये गये, जिसे पुर्नस्थापन किया जाना था. इसके अतिरिक्त पथ के निर्माण में BSRDCL द्वारा तय मानकों के बदले निम्न स्तर का कार्य भी पाया गया. डेढ़ से 2 साल तक विलंब होने के कारण कार्रवाई.
अन्य योजनाओं में तेजी लाने के लिए हुई कार्रवाई
बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से कार्रवाई होने के बाद दोनों एजेंसी अब पहले की योजना जब तक पूरी नहीं हो जाती है तब तक किसी भी निविदा प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकेगी. पथ निर्माण विभाग की कई योजना काफी विलंब से चल रहा है. उस दिशा में सख्ती बरतने के लिए यह कार्रवाई की गई है.