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जानवरों में बढ़ते तापमान का असर: ब्रेन हेमरेज का हो रहे शिकार, डॉक्टर से जानें बचाव के उपाय

बिहार में झुलसा देने वाली गर्मी (Heat Knock in Bihar) से लोग परेशान हैं. प्रचंड गर्मी में जानवर भी बीमार हो रहे हैं और ब्रेन हेमरेज से उनकी मौत भी हो रही है. बिहार वेटरनरी कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर ने बताया कि कुछ उपाय करके जानवरों को गर्मी से बचाया जा सकता है. पढ़िए पूरी खबर..

Brain hemorrhage to animals due to summer in Bihar
Brain hemorrhage to animals due to summer in Bihar
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Published : Mar 21, 2022, 5:25 PM IST

पटना: बिहार में मौसम (Weather Update Of Bihar) इन दिनों शुष्क बना हुआ है और तापमान में अचानक से काफी तेजी से वृद्धि हुई है. मार्च के महीने में ही प्रदेश में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया है जो कि सामान्य से 3 से 4 डिग्री सेल्सियस अधिक है. ऐसे में बढ़ते तापमान से इंसान का जीना मुहाल हो गया है. वहीं जानवरों की जान पर आफत बन आई है. जानवर बीमार पड़ने लगे हैं. चाहे वह छोटे जानवर हों या बड़े जानवर, उनमें ब्रेन हेमरेज (Brain hemorrhage to animals due to summer in Bihar) के मामले इन दिनों बढ़ गए हैं.

पढ़ें- मार्च में ही बिहार में तापमान हुआ 41 डिग्री पार, अभी और चढ़ेगा पारा

गर्मी से जानवर हो रहे बीमार: बढ़े हुए तापमान के कारण जानवरों में अत्यधिक ज्वार के भी मामले काफी आ रहे हैं. राजधानी पटना के बिहार वेटरनरी कॉलेज अस्पताल में इन दिनों प्रतिदिन ओपीडी में 100 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं. जिसमें छोटे पशुओं में अत्यधिक ज्वार और ब्रेन हेमरेज के मामले अधिक पाए जा रहे हैं. वहीं बड़े पशुओं में अत्यधिक ज्वार और भूख ना लगने की समस्या अधिक आ रही है. बिहार वेटरनरी कॉलेज (Bihar Veterinary College) के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ ज्ञानदेव सिंह (Associate Professor Dr. Gyandev Singh) ने बताया कि तापमान में इन दिनों अचानक से तेजी से वृद्धि हुई है. ऐसे में छोटे पशुओं में खासकर कुत्ते और बिल्ली में एक शर्टेन टेंपरेचर राईज होगा.

"कई बार टेंपरेचर अचानक से बढ़ कर के 107 से 108 डिग्री सेल्सियस चला जाता है. ऐसे में जानवर ब्रेन स्ट्रोक की वजह से कॉलेप्स कर जाते हैं. बॉडी का अत्यधिक टेंपरेचर बढ़ना मनुष्य की तरह ही जानवरों के लिए भी घातक हो जाता है. मेडिकेशन के माध्यम से जानवरों का टेंपरेचर डाउन भी कर लिया जाए तो उसके बाद का 48 घंटा उस जानवर के लिए बेहद अहम होता है. इस दौरान उस पर विशेष निगरानी की आवश्यकता होती है. ऐसे में जो भी लोग कुत्ते बिल्ली पाले हुए हैं उन्हें यह चाहिए कि अपने जानवर को बाहर धूप में और गर्मी में अधिक एक्सपोज ना करें."- डॉ ज्ञानदेव सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, बिहार वेटरनरी कॉलेज

पढ़ें - बिहार में पुरवा हवा ने बढ़ाया पारा, अगले कुछ दिनों में ही तापमान 40 डिग्री पार के आसार

इन बातों का रखें ख्याल: बड़े जानवर गाय भैंस की बात करें तो इनमें ब्लड फ्रोजन की बीमारी और टिक्स की बीमारी बढ़ जाती है. गाय भैंस के शरीर का तापमान अचानक तेजी से बढ़ जाता है और इस वजह से कई बार गाय भैंस खाना पीना छोड़ देती है. गाय भैंस पालने वाले पशुपालक अक्सर अपने पशुओं को करकट के शेड में रखते हैं. जब तापमान बढ़ता है तो करकट के शेड के नीचे हीट काफी हो जाता है, जिस वजह से गाय भैंस बीमार पड़ जाती हैं और खाना पीना छोड़ देती हैं.

डॉक्टरों की राय: डॉ ज्ञानदेव सिंह पशुपालकों को गर्मी के मौसम के समय सलाह देते हैं कि अपने पशुओं को बड़े पेड़ के नीचे बांधे या अगर करकट का शेड रखे हुए हैं तो उसके ऊपर जूट का बोरा डाल दें और उसे दिन भर भिगोकर रखें. ताकि करकट के नीचे अत्यधिक हीट ना हो जिस वजह से जानवरों की परेशानी ना बढ़े. इसके अलावा बड़े जानवरों को खाने पीने में हरा चारा अधिक दें. क्योंकि यह अभी कुछ दिनों तक आसानी से मिलेगा.

ब्रेन हेमरेज से हो रही जानवरों की मौतें: गीला चारा है लेकिन वो कुछ दिनों पुराना है तो इस प्रकार का चारा गाय या भैंस को ना दें. इसके अलावा गर्मी के मौसम में जानवरों को भी प्यास अत्यधिक लगती है. ऐसे में समय-समय पर उन्हें शुद्ध और शीतल पानी देते रहें. कई बार जानवर प्यास के कारण गंदा पानी पी लेता है जिस वजह से उसके पेट में पैरासाइटिक इनफेक्शन हो जाता है और जानवर बीमार पड़ जाता है. कई बार यह इन्फेक्शन जानलेवा हो जाता है. ऐसे में पशुपालक इन सब बातों का विशेष सावधानी रखें और अपने जानवरों को गर्मी से एक्सपोजर कम दें. डॉक्टर ज्ञानदेव सिंह ने कहा कि अभी के समय अस्पताल में प्रतिदिन ओपीडी मेडिसिन विभाग और सर्जरी इत्यादि में प्रतिदिन लगभग 100 से अधिक मामले आ रहे हैं. इनमें अधिकांश मामलों में जानवर हाई फीवर से ग्रसित है.

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पटना: बिहार में मौसम (Weather Update Of Bihar) इन दिनों शुष्क बना हुआ है और तापमान में अचानक से काफी तेजी से वृद्धि हुई है. मार्च के महीने में ही प्रदेश में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया है जो कि सामान्य से 3 से 4 डिग्री सेल्सियस अधिक है. ऐसे में बढ़ते तापमान से इंसान का जीना मुहाल हो गया है. वहीं जानवरों की जान पर आफत बन आई है. जानवर बीमार पड़ने लगे हैं. चाहे वह छोटे जानवर हों या बड़े जानवर, उनमें ब्रेन हेमरेज (Brain hemorrhage to animals due to summer in Bihar) के मामले इन दिनों बढ़ गए हैं.

पढ़ें- मार्च में ही बिहार में तापमान हुआ 41 डिग्री पार, अभी और चढ़ेगा पारा

गर्मी से जानवर हो रहे बीमार: बढ़े हुए तापमान के कारण जानवरों में अत्यधिक ज्वार के भी मामले काफी आ रहे हैं. राजधानी पटना के बिहार वेटरनरी कॉलेज अस्पताल में इन दिनों प्रतिदिन ओपीडी में 100 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं. जिसमें छोटे पशुओं में अत्यधिक ज्वार और ब्रेन हेमरेज के मामले अधिक पाए जा रहे हैं. वहीं बड़े पशुओं में अत्यधिक ज्वार और भूख ना लगने की समस्या अधिक आ रही है. बिहार वेटरनरी कॉलेज (Bihar Veterinary College) के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ ज्ञानदेव सिंह (Associate Professor Dr. Gyandev Singh) ने बताया कि तापमान में इन दिनों अचानक से तेजी से वृद्धि हुई है. ऐसे में छोटे पशुओं में खासकर कुत्ते और बिल्ली में एक शर्टेन टेंपरेचर राईज होगा.

"कई बार टेंपरेचर अचानक से बढ़ कर के 107 से 108 डिग्री सेल्सियस चला जाता है. ऐसे में जानवर ब्रेन स्ट्रोक की वजह से कॉलेप्स कर जाते हैं. बॉडी का अत्यधिक टेंपरेचर बढ़ना मनुष्य की तरह ही जानवरों के लिए भी घातक हो जाता है. मेडिकेशन के माध्यम से जानवरों का टेंपरेचर डाउन भी कर लिया जाए तो उसके बाद का 48 घंटा उस जानवर के लिए बेहद अहम होता है. इस दौरान उस पर विशेष निगरानी की आवश्यकता होती है. ऐसे में जो भी लोग कुत्ते बिल्ली पाले हुए हैं उन्हें यह चाहिए कि अपने जानवर को बाहर धूप में और गर्मी में अधिक एक्सपोज ना करें."- डॉ ज्ञानदेव सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, बिहार वेटरनरी कॉलेज

पढ़ें - बिहार में पुरवा हवा ने बढ़ाया पारा, अगले कुछ दिनों में ही तापमान 40 डिग्री पार के आसार

इन बातों का रखें ख्याल: बड़े जानवर गाय भैंस की बात करें तो इनमें ब्लड फ्रोजन की बीमारी और टिक्स की बीमारी बढ़ जाती है. गाय भैंस के शरीर का तापमान अचानक तेजी से बढ़ जाता है और इस वजह से कई बार गाय भैंस खाना पीना छोड़ देती है. गाय भैंस पालने वाले पशुपालक अक्सर अपने पशुओं को करकट के शेड में रखते हैं. जब तापमान बढ़ता है तो करकट के शेड के नीचे हीट काफी हो जाता है, जिस वजह से गाय भैंस बीमार पड़ जाती हैं और खाना पीना छोड़ देती हैं.

डॉक्टरों की राय: डॉ ज्ञानदेव सिंह पशुपालकों को गर्मी के मौसम के समय सलाह देते हैं कि अपने पशुओं को बड़े पेड़ के नीचे बांधे या अगर करकट का शेड रखे हुए हैं तो उसके ऊपर जूट का बोरा डाल दें और उसे दिन भर भिगोकर रखें. ताकि करकट के नीचे अत्यधिक हीट ना हो जिस वजह से जानवरों की परेशानी ना बढ़े. इसके अलावा बड़े जानवरों को खाने पीने में हरा चारा अधिक दें. क्योंकि यह अभी कुछ दिनों तक आसानी से मिलेगा.

ब्रेन हेमरेज से हो रही जानवरों की मौतें: गीला चारा है लेकिन वो कुछ दिनों पुराना है तो इस प्रकार का चारा गाय या भैंस को ना दें. इसके अलावा गर्मी के मौसम में जानवरों को भी प्यास अत्यधिक लगती है. ऐसे में समय-समय पर उन्हें शुद्ध और शीतल पानी देते रहें. कई बार जानवर प्यास के कारण गंदा पानी पी लेता है जिस वजह से उसके पेट में पैरासाइटिक इनफेक्शन हो जाता है और जानवर बीमार पड़ जाता है. कई बार यह इन्फेक्शन जानलेवा हो जाता है. ऐसे में पशुपालक इन सब बातों का विशेष सावधानी रखें और अपने जानवरों को गर्मी से एक्सपोजर कम दें. डॉक्टर ज्ञानदेव सिंह ने कहा कि अभी के समय अस्पताल में प्रतिदिन ओपीडी मेडिसिन विभाग और सर्जरी इत्यादि में प्रतिदिन लगभग 100 से अधिक मामले आ रहे हैं. इनमें अधिकांश मामलों में जानवर हाई फीवर से ग्रसित है.

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