पटनाः ब्राह्मणों को गाली देने के बाद बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी माफी मांग चुके हैं. बावजूद ब्राह्मण उन्हें अब स्वीकार नहीं कर रहे हैं. कहें तो अपने द्वारा ब्राह्मणों पर की गई अभद्र टिप्पणी के बाद उन्हें इस बात के लिए पश्चाताप भी है. लिहाजा सशर्त ही सही ब्राह्मणों को उन्होंने अपने आवास पर भोज (Brahmin Bhoj at Jitanram Manjhi residence) के लिए आमंत्रित किया है. यह भोज आज ही है.
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हम पार्टी के नेताओं के मुताबिक यह भोज दोपहर 12.30 से किया जाएगा. इसके लिए चूड़ा चनपटिया से मंगाया गया है. दही और गुड़ के साथ गया का तिलकुट भी है. वहीं भोज में बिना लहसुन और प्याज की सब्जी बनाई जाएगी. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेताओं का कहना है कि हमलोगों की ओर से यह प्रयास है कि जिस बयान को लेकर बिना मतलब का विवाद हो रहा है उसे दूर किया जाए. जीतन राम मांझी की ओर से दलित और ब्राह्मण समाज को एकजुट रखने के लिए इस भोज का आयोजन किया गया है.
बता दें कि इस भोज में शामिल होने के लिए ब्राह्मणों के लिए एक शर्त भी रखी गई है. भोज देने के ऐलान के साथ यह घोषणा की गई थी कि वैसे ब्राह्मण-पंडित जिन्होंने कभी मांस-मदिरा का सेवन नहीं किया, चोरी-डकैती नहीं की हो, उन्हें इस भोज में शामिल होने का निमंत्रण दिया था. हालांकि, ब्राह्मणों समाज इसे बहिष्कार करने की बात कह रहे हैं.
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बता दें कि मांझी के द्वारा खुले मंच से ब्राह्मणों को गाली देने का मामला तब और तूल पकड़ लिया था, जब बीजेपी के नेता गजेन्द्र झा ने उनकी जीभ काटने पर 11 लाख रुपये के इनाम की घोषणा कर दी थी. हालांकि, बाद में उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया.
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