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पटनाः ब्राह्मण विमर्श अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन, देश विदेश से पहुंचे कई विद्वान

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Published : Dec 22, 2019, 8:24 AM IST

कार्यक्रम के आयोजक राजनाथ मिश्रा ने बताया कि आज की संगोष्ठी में ब्राह्मणों की समस्याओं के बारे में चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि ब्राह्मण विमर्श के माध्यम से प्रयास है कि कैसे समाज के सभी वर्गों में प्रेम हो और हमारा राष्ट्र आगे बढ़े और शक्तिशाली बने.

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पटनाः राजधानी के होटल मौर्या में शनिवार को ब्राह्मण समाज की ओर से ब्राह्मण विमर्श अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस संगोष्ठी का विषय कंट्रीब्यूशन ऑफ ब्राह्मण समाज, टू यूनाइट द सोसाइटी एंड देयर रिस्पांसिबिलिटी था. ब्राह्मण समाज ने सामाजिक एकता की आवश्यकता को देखते हुए यह सेमिनार का आयोजन किया था.

इस संगोष्ठी में देश विदेश से कई विद्वान पहुंचे थे. कुछ कारणों से कार्यक्रम में नहीं पहुंचे कांची पीठ के शंकराचार्य ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना प्रवचन दिया. इस कार्यक्रम में शिव के मंत्रों पर कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी. इस कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग पहुंचे थे.

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कार्यक्रम को सम्बोधित करते ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक्स प्रोफेसर

ब्राह्मण विमर्श अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी
कार्यक्रम में पहुंचे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक्स प्रोफेसर और आईआईटी पटना के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ भास्कर चौबे ने मंच से अपने संबोधन के दौरान कहा कि गरुड़ पुराण जो हम पढ़ते हैं, वह सिर्फ दूसरा अध्याय पढ़ते हैं, जबकि गरुड़ पुराण में 270 अध्याय हैं. 30 अध्यायों में रोगों के निवारण के बारे में बताया गया है. वहीं 10 अध्याय योग के हैं. गरुड़ पुराण उस वक्त का भारत का इनसाइक्लोपीडिया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

यें भी पढ़ेः देशव्यापी आंदोलन के बाद JDU की मांग- NRC और CAA पर बुलाई जाये बैठक

क्या कहते हैं आयोजक
कार्यक्रम के आयोजक राजनाथ मिश्रा ने बताया कि आज की संगोष्ठी में ब्राह्मणों की समस्याओं के बारे में चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि ब्राह्मण विमर्श के माध्यम से प्रयास है कि कैसे समाज के सभी वर्गों में प्रेम हो और हमारा राष्ट्र आगे बढ़े और शक्तिशाली बने.

पटनाः राजधानी के होटल मौर्या में शनिवार को ब्राह्मण समाज की ओर से ब्राह्मण विमर्श अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस संगोष्ठी का विषय कंट्रीब्यूशन ऑफ ब्राह्मण समाज, टू यूनाइट द सोसाइटी एंड देयर रिस्पांसिबिलिटी था. ब्राह्मण समाज ने सामाजिक एकता की आवश्यकता को देखते हुए यह सेमिनार का आयोजन किया था.

इस संगोष्ठी में देश विदेश से कई विद्वान पहुंचे थे. कुछ कारणों से कार्यक्रम में नहीं पहुंचे कांची पीठ के शंकराचार्य ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना प्रवचन दिया. इस कार्यक्रम में शिव के मंत्रों पर कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी. इस कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग पहुंचे थे.

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कार्यक्रम को सम्बोधित करते ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक्स प्रोफेसर

ब्राह्मण विमर्श अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी
कार्यक्रम में पहुंचे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक्स प्रोफेसर और आईआईटी पटना के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ भास्कर चौबे ने मंच से अपने संबोधन के दौरान कहा कि गरुड़ पुराण जो हम पढ़ते हैं, वह सिर्फ दूसरा अध्याय पढ़ते हैं, जबकि गरुड़ पुराण में 270 अध्याय हैं. 30 अध्यायों में रोगों के निवारण के बारे में बताया गया है. वहीं 10 अध्याय योग के हैं. गरुड़ पुराण उस वक्त का भारत का इनसाइक्लोपीडिया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

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क्या कहते हैं आयोजक
कार्यक्रम के आयोजक राजनाथ मिश्रा ने बताया कि आज की संगोष्ठी में ब्राह्मणों की समस्याओं के बारे में चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि ब्राह्मण विमर्श के माध्यम से प्रयास है कि कैसे समाज के सभी वर्गों में प्रेम हो और हमारा राष्ट्र आगे बढ़े और शक्तिशाली बने.

Intro:राजधानी पटना के होटल मौर्या में शनिवार के दिन ब्राह्मण समाज की ओर से ब्राह्मण विमर्श अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस संगोष्ठी का विषय कंट्रीब्यूशन ऑफ ब्राम्हण समाज टू यूनाइट द सोसाइटी एंड देयर रिस्पांसिबिलिटी था. ब्राहमण समाज में सामाजिक एकता की आवश्यकता को देखते हुए यह सेमिनार का आयोजन किया गया था. इस संगोष्ठी में देश विदेश से कई विद्वान पहुंचे थे. कुछ कारणों से कार्यक्रम में नहीं पहुंचे कांची पीठ के शंकराचार्य ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना प्रवचन दिया.
इस कार्यक्रम में शिव के मंत्रों पर आए कलाकार ने अपनी प्रस्तुति दी. कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग पहुंचे थे.


Body:कार्यक्रम में पहुंचे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक्स प्रोफेसर और आईआईटी पटना के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ भास्कर चौबे ने मंच से अपने संबोधन के दौरान कहा कि गरुड़ पुराण जो हम पढ़ते हैं वह सिर्फ दूसरा अध्याय पढ़ते हैं जबकि गरुड़ पुराण में 270 अध्याय हैं. उन्होंने कहा कि 30 अध्यायों में रोगों के निवारण के बारे में बताया गया है वहीं 10 अध्याय योग के हैं. उन्होंने कहा कि गरुड़ पुराण में 1 अध्याय भारत के उस वक्त की भौगोलिक चौहद्दी के बारे में है. उन्होंने कहा कि गरुड़ पुराण उस वक्त का भारत का इनसाइक्लोपीडिया है.


Conclusion:कार्यक्रम के आयोजक राजनाथ मिश्रा ने बताया कि आज की संगोष्ठी में आज के समय जो ब्राह्मणों की समस्याएं हैं उनकी चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि यह चर्चा आज के समय इसकी जरूरी है कि समाज हमें किनारे कर दिया है. राजनैतिक शैक्षणिक वैचारिक और अन्य स्तरों पर समाज ने किनारे कर दिया है और हम अपना रास्ता तलाशने की कोशिश कर रहे हैं कि क्यों ऐसा हुआ. उन्होंने कहा कि ब्रह्मांड विमर्श के माध्यम से प्रयास है कि कैसे समाज के सभी वर्गों में प्रेम हो और हमारा राष्ट्र आगे बढ़े शक्तिशाली बने.
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