पटना: बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर विभाग के कर्मियों ने 11 फरवरी को एकदिवसीय हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. हड़ताल के कारण पूरे प्रदेश में ब्लैक आउट हो सकता है. इसको लेकर बिजली विभाग के यूनियन अध्यक्ष ने कहा कि सरकार विभाग के निजीकरण के सवाल का गोलमोल जवाब दे रही है, जिस वजह से हम लोग हड़ताल पर जा रहे हैंं.
'11 फरवरी को हो सकता है ब्लैक आउट डे'
इस बाबात बिजली विभाग कर्मी के यूनियन अध्यक्ष सुरेंद्र प्रसाद ने कहा कि 11 फरवरी को विभाग हड़ताल पर रहेगा. इसको लेकर खुद सरकार जिम्मेवार है. सरकार बिजली के निजीकरण के सवालों का जवाब नहीं दे रही है. सुरेंद्र प्रसाद ने कहा कि हम लोगों की सेवा करना चाहते हैं, लेकिन सरकार से जवाब लेने के लिए यह कदम उठाना पड़ रहा है.
'हड़ताल का कारण बताएं उर्जा मंत्री'
वहीं, बिहार इलेक्ट्रिक एसोसिएशन संघ जनरल सेक्रेटरी चक्रधर प्रसाद सिंह ने उर्जा मंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि हड़ताल का कारण ऊर्जा विभाग के मंत्री विजेंद्र प्रसाद बेहतर तरीके से बता सकते हैं. सरकार जनता पर बेवजह हड़ताल थोप रही है. हड़ताल की वजह से बिहार में ब्लैक आउट डे होगा. जिसकी जवाबदेही बिजेंद्र प्रसाद और सरकार की होगी. उन्होंने कहा कि हमलोग सरकार से लगातार सवाल विभाग के निजीकरण को लेकर सवाल पूछ रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से हमें जवाब नहीं दिया जा रहा है.
गौरतलब है कि बिहार सरकार की सार्वजनिक सेवा की इकाई बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड और इसकी चारों अनुश्रंगी कंपनियां नॉर्थ बिहार पावर डिसटीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड के सभी अभियंताओं के साथ कर्मचारी 11 फरवरी को बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ एक दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे. हालांकि राज्य सरकार ने हड़ताल करने पर 'एस्मा' लगाने की धमकी भी दी है. बावजूद कर्मी हड़ताल पर अड़े हुए हैं.