पटनाः बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहे अगुवानी पुल के ध्वस्त होने पर सियासत जारी है. बीजेपी जहां एक तरफ नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग कर रही है तो वहीं राजद का कहना है की ये पुल बीजेपी के शासन काल में बनना शुरू हुआ था, पहले जब गिरा था उस समय बीजेपी भी सरकार में थी, आज बीजेपी नीतीश कुमार से इस्तीफा की मांग कर रही है. जब जांच होगी, तो सब सच्चाई सामने आ जाएगी.
जांच कर जल्द मांगी जाएगी रिपोर्टः मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि पुल के निर्माण में जो खामी है, उसकी जांच आईआईटी रुड़की के द्वारा किया जा रहा है. जब घटना हुई मुख्यमंत्री ने फौरन अधिकारी को बुलाया. उपमुख्यमंत्री ने अधिकारी के साथ बैठक की. क्या हुआ कैसे हुआ जानकारी ली गई है और इसकी जांच होगी और जल्द रिपोर्ट मंगाया जाएगा. जो भी इस मामले में दोषी होंगे, उन्हें दंडित किया जाएगा सरकार ये सब कर रही है. इसके बावजूद बीजेपी के लोग कुछ से कुछ बोल रहे हैं.
"आप समझ लीजिए जो जांच की बात हो रही है. वो हमारी सरकार कराएगी, लेकिन इतना तो मान लीजिए कि अगर जांच होगी तो बीजेपी के लोग ही एक्सपोज होंगे. इस पुल के निर्माण में जो भ्रष्टाचार हुआ है उसमें कौन लोग थे, वो सामने आ जाएगा"-मृत्युंजय तिवारी, राजद प्रवक्ता
'बीजेपी के लोगों को देना चाहिए जवाब': राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि इस पुल का निर्माण बीजेपी के शासन काल में शुरू हुआ था, पथ निर्माण विभाग ज्यादातर बीजेपी के लोगों के पास रहा है और जवाब भी बीजेपी के लोगों को ही देना चाहिए. आखिर कैसे लोगों को उन्होंने पुल बनाने की जिम्मेवारी दी थी. बीजेपी यहां उलट बयानी कर रही है, जो की गलत है. आपको बता दें कि बीते रविवार को एक बार फिर खगड़िया की तरफ अगुवानी पुल गिर गया. पुल करीब 100 मीटर तक गंगा नदी में डूबा हुआ है. जिसके बाद निर्माण कार्य पर सवाल खड़े होने लगे हैं. इसे लेकर सरकार अब विपक्ष के निशाने पर है.