पटनाः सैन्य अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए स्थापित गया ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी को बंद किया जा सकता है. एकेडमी को गया से दूसरी जगह शिफ्ट करने की खबर के बाद आम लोगों से लेकर सियासी दलों में नाराजगी है. बीजेपी ने इस फैसले का विरोध जताया है, साथ ही रक्षा मंत्री से इस पर पुनर्विचार करने की बात कही है.
बीजेपी की रक्षा मंत्री से गुहार
वहीं, बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि ओटीए गया बिहार के लिए विशेष महत्व रखता है. गया में ट्रेनिंग लेकर यहां से निकले अधिकारी विभिन्न पदों पर सेवा देते हैं. ये बिहार के लिए गर्व का विषय है. बीजेपी नेता ने कहा कि जनभावना को समझते हुए ट्रेनिंग सेंटर को गया में बरकरार रहने देना चाहिए. बीजेपी नेता ने रक्षा मंत्री से अपील करते हुए कहा कि तकनीकी खामियों को दूर कर इस एकेडमी को दूसरी जगह शिफ्ट करने से रोका जाए, साथ ही इसे और भी समृद्ध किया जाए.
'ओटीए को शिफ्ट करना दुर्भाग्यपूर्ण'
शिक्षाविद और राजनीतिक विश्लेषक डीएम दिवाकर ने इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वर्तमान सरकार हर क्षेत्र में निजीकरण की तरफ बढ़ रही है. दिवाकर के मुताबिक गया के ओटीए को बंद करके भविष्य में सेना के अधिकारियों को भी निजी क्षेत्र के लोगों से ट्रेनिंग दिलवाई जा सकती है, जो कि बेहद गंभीर विषय है. डीएम दिवाकर ने कहा कि पूरे देश में निजीकरण का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. बिहार भी इसी रास्ते पर है. उन्होंने कहा कि बिहार की डबल इंजन की सरकार में निजीकरण की रफ्तार दोगुनी है.
देहरादून में किया जा सकता है शिफ्ट
बताया जा रहा है कि गया ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी को देहरादून स्थित आईएमए में ट्रांसफर किया जा सकता है. हालांकि ओटी के अधिकारी अभी तक इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.